- मेरठ में फल-फूल रहा है हरियाणा की शराब का कारोबार

- ठेकों पर भी गुपचुप तरीके से बेची जा रही अवैध शराब

- दंबगई की दम लाखों कमा रहे हैं शराब के सौदागर

- आबकारी विभाग और पुलिस पर मिलीभगत का आरोप

inext special

nikhil.sharma@inext.co.in

मेरठ: मेडिकल क्षेत्र में शराब ठेके पर कब्जे को लेकर हुई फायरिंग को अगर स्टोरी का ट्रेलर माना जाए तो शायद गलत न होगा। शराब का जितना बड़ा कारोबार एक नंबर का है, उससे कहीं ज्यादा शराब दो नंबर में बिकती है। यूपी की महंगी शराब और उस पर भी अवैध वसूली के चलते हरियाणा की मिलावटी शराब का धंधा भी तेजी के साथ पनप रहा है। हम आपको बता दें कि फायरिंग की एक वजह हरियाणा की शराब ही थी। दबंगई से लाखों के वारे-न्यारे हो रहे हैं तो गोलियां चलना लाजमी है।

शराब तो हाजिर है जनाब

शराब तो कहीं भी मिल जाएगी, जाम छलकाने वाले शराब को ढूंढते हुए ठिकाने पर पहुंच ही जाते हैं। मेरठ में रोडवेज बस स्टैंड के आसपास के होटलों में खुलकर हरियाणा की शराब की बिक्री हो रही है। रात को जब क्0.फ्0 बजे ठेके बंद हो जाते हैं, तो इन होटलों पर पूरी रात हरियाणा की शराब यूपी के रेट में बेक कर मोटी कमाई की जा रही है।

टीपीनगर क्षेत्र बना गोदाम

मेरठ में जितनी भी अवैध शराब आती है, जो टीपी नगर में ट्रकों के जरिए आती है। अकेले टीपीनगर में स्थित ढाबों पर ही हरियाणा की लोकल ब्रांड की शराब बेची जा रही है। मलियाना में घर-घर में हरियाणा की सस्ती शराब की बिक्री शबाब पर है। जिसमें रोज हजारों रुपए कमाए जाते हैं ।

अब तो ये भी अवैध

मेरठ में रविवार को हुई वारदात के बाद एक नया खुलासा हुआ है। जिसमें ठेके पर मौजूद सेल्समैन देवेंद्र ने एसएसपी से मिलकर आरोप लगाया कि ओमपाल गुर्जर शराब के ठेका संचालकों को अपना संरक्षण देता है और इसके बदले में ठेका संचालक उसकी 'सेवा' करते हैं।

ये भी गड़बड़झाला

कई ठेकों पर खुद सेल्समैन ही मोटी कमाई करने के लिए खेल कर रहे हैं। बोतल की सील तोड़कर उसमें सस्ती ब्रांड की शराब मिलाकर बेची जाती है। ये खेल बोतल को गर्म कर ढक्कन खोलने, बोतल के ढक्कन में सीरिंज घुसाकर शराब भरने तक में शामिल है।

मुनाफा भी ऊपर तक

शराब की दुकानों पर अधिक पैसे वसूलने की शिकायतें तो कई बार हुई हैं। पुलिस ने कई सेल्समैन को पकड़ा भी है, लेकिन शराब पर ऊपर से पैसे लेने के खेल में पैसे ऊपर तक जाते हैं। इसमें सेल्समैन, ठेका संचालक समेत शराब माफिया, आबकारी विभाग और पुलिस को पैसा जाता है।

होटलों में शराब

दिल्ली रोड बस स्टैंड के आसपास के होटलों में नंबर वन से लेकर ब्लैंडर स्प्राइड, बीयर की बिक्री खुलेआम हो रही है। आबकारी विभाग और पुलिस को इसकी कानों कान खबर ही नहीं है।

टीपीनगर

टीपीनगर और मलियाना सबसे ज्यादा हरियाणा की देशी शराब के लिए चर्चित है। वहीं इम्पीरियल ब्लू ब्रांड भी यहां पर धड़ल्ले से बिकती है। जो टीपीनगर में स्थित ढाबों में उपलब्ध है।

नहीं होती कार्रवाई

आबकारी विभाग की टीम समय-समय पर टीपीनगर में छापे मारती है। लेकिन पैसे लेकर रफादफा करने का खेल यहां पर बहुत पुराना है। छापा लगता है, आरोपी पकड़े जाते हैं, लेकिन पैसा देकर छूट जाते हैं और फिर दोबारा से इसी धंधे में लिप्त हो जाते हैं।

ये भी सच है

हरियाणा की शराब यूपी के मुकाबले सस्ते रेट में मिलती है, जिसमें साफ तौर पर आधे रेट का अंतर होता है। ऐसे में अवैध रूप से हरियाणा की शराब पीने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

Posted By: Inextlive