मेरठ रेंज में साइबर क्राइम के मामले में मेरठ नंबर वन

1000 मामले साइबर ठगी के सामने आए मेरठ में साल 2019 में

702 लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया गाजियाबाद में

500 लोग साइबर ठगी के शिकार हुए बुलंदशहर में

200 मामले साइबर ठगी के दर्ज हुए बागपत में

150 मुकदमे हापुड़ में दर्ज किए गए हैं साल 2019 में

सबसे ज्यादा केस मेरठ के ही आ रहे है सामने

Meerut। मेरठ में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मेरठ रेंज में साइबर ठगी के मामले में मेरठ नंबर वन है, जबकि दूसरे नंबर पर गाजियाबाद। बुलंदशहर, बागपत में भी ठगी हो रही है। साइबर ठगी रोक पाने में साइबर एक्सपर्ट नाकाम साबित हो रहे है।

पहले नोएडा था नंबर वन

गौरतलब है कि साइबर ठगी के मामले में पहले नोएडा नंबर वन पर था, लेकिन अब नोएडा मेरठ रेंज से अलग हो गया है। अब नोएडा मेरठ रेंज के अधीन नहीं आता है, ऐसे में अब साइबर क्राइम के मामले में मेरठ नंबर वन है। दूसरे नंबर पर गाजियाबाद के लोगों के साथ साइबर क्राइम सबसे ज्यादा बढ़ा है। तीसरे नंबर पर बुलंदशहर, चौथे पर बागपत और पांचवे नंबर पर हापुड़ है। सबसे खास बात यह है कि लोग अब भी जागरूक नहीं हुए है, लगातार लोगों के साथ ठगी की वारदातें इसलिए ही बढ़ रही है। मेरठ में 2019 में एक हजार मामले साइबर ठगी के सामने आए है, जबकि गाजियाबाद की बात करें तो 702 लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया है। बुलंदशहर का आंकड़ा ठगी का आंकड़ा 500 तक पहुंचा है, जबकि बागपत के लोगों के साथ ठगी कम हुई है। बागपत में साइबर ठगी के 200 मुकदमे कायम हुए है। 150 मुकदमे हापुड़ में हुए है।

इन स्थानों से ठगी

साइबर एक्सपर्ट ने जांच पड़ताल की तो सामने आया है कि सबसे ज्यादा ठगी हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली, झारखंड, मुम्बई समेत कई राज्यों में बैठकर ठगी कर रहे है। फर्जी बैंक अकाउंट, फर्जी आईडी पर नंबर लेकर ठगी को अंजाम दे रहे है। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगा पाने में टीम पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। यहां के साइबर एक्सपर्ट दूसरे राज्यों के साइबर एक्सपर्ट से भी संपर्क करते है, लेकिन बावजूद इसके पकड़ में नहीं आ पाते है।

ये हैं साल 2019 के मामले

मई में भावनपुर के किना नगर के रहने वाले कासिम बेग से हो चुकी है ठगी।

जून में मेडिकल के रहने वाले सुनील कुमार से कार बेचने के नाम पर ठगी की।

सरधना के रहने वाले सालिब से अगस्त माह में कार खरीदने के नाम पर की गई ठगी।

कंकरखेड़ा के रहने वाले शफीक के साथ की गई बाइक बेचने के नाम पर ठगी।

अगस्त में एनके हरीश पाल निवासी कंकरखेड़ा के नाम से की गई है कार बेचने के नाम पर ठगी।

सितंबर में पीएल शर्मा रोड के रहने वाले करुणेश के एकाउंट से उड़ा लिए थे बीस हजार रूपये। आज तक पैसा रिकवर नहीं हो सका है।

रहेंगे जागरूक, तभी बचेंगे

एटीएम कार्ड और खाते या अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी साझा न करें।

अंजान फोन नंबरों से आने वाले कैश बैक, बोनस, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड रिवार्ड प्वाइंट जैसे ऑफर्स के लालच में न फंसे

खाता बंद या एटीएम कार्ड ब्लॉक कर दिया गया है। या खाते में मोबाइल नंबर या आधार अपडेट नहीं है, ऐसे कामों के लिए सीधे बैंक शाखा में जाएं।

जो भी अपना सामान बेचना चाहता है उसको किसी जगह पर बुला लें और कैश में लेन-देन करें।

फेसबुक और व्हाट्सएप पर भी आपको इस तरह के मैसेज मिल सकते है, तो इन पर भी भरोसा न करें। एकाउंट में पैसा न डलवाएं

ऐप इंस्टाल में बरतें सावधानी

साइबर ठग मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या केवाईसी अपडेट करने नाम पर संपर्क करते है, उनके झांसे में न आए।

कोई भी ऐप मोबाइल में इंस्टाल करते वक्त कोई बैंक या पेमेंट बैंक नहीं कहता है, इसी प्रकार किसी भी बैंक की जानकारी देने से बचें।

गूगल पर कस्टमर केयर नंबर पर तलाश करते वक्त सावधान रहें, संबधित कंपनी की वेबसाइट पर जाकर ही हेल्पलाइन या कस्टमर केयर नंबर ले।

साइबर क्राइम कंट्रोल करने के लिए सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। साइबर एक्सपर्ट टीम पर इस पर काम कर रही है।

प्रवीण कुमार, आईजी, मेरठ रेंज

मेरठ में साइबर क्राइम के मामले में बढ़े है, हम लोगों साइबर ठगी करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करते रहते है। किसी भी प्रकार की अपने अकाउंट की जानकारी साझा न करें। यदि कोई आपसे कुछ जानकारी मांगे तो साइबर सेल टीम को तुरंत सूचित करें।

रामअर्ज, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive