खुद मियां फजीहत, औरों को नसीहत
-दफ्तरों में सीएफएल का प्रचार, कंज्यूमर्स को एलईडी खरीद के लिए जोर
Meerut। कंज्यूमर्स को एलईडी बल्ब खरीदने के लिए प्रेरित कर रहा ऊर्जा निगम खुद सीएफएल और ट्यूब लाइट्स से अपने दफ्तरों को गुलजार कर रहा है। यही नहीं एलईडी खरीद पर जोर दे रहा विभाग खुद सीएफएल के प्रचार-प्रसार में जुटा है। दफ्तरों में जगह-जगह न केवल सीएफएल इस्तेमाल के लिए पंपलेट्स लगाए गए हैं, वहीं सीएफएल को बढ़ावा भी दिया जा रहा है। ये था एलईडी कान्सेप्टदरअसल, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम एनर्जी सेविंग के लिए एलईडी का कॉन्सेप्ट था। यही नहीं विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत मेरठ समेत वेस्ट के सभी चौदह जनपदों में 70 लाख एलईडी बल्ब लगाए जाने थे। पीवीवीएनएल ने इसके 7 वॉट और 9 वॉट के बल्ब बाजार में उतारे थे, जिनकी कीमत 80 व 99 रुपए रखी गई थी। योजना के अंतर्गत सभी बिजली घरों में कैंप लगाकर कंज्यूमर्स को एलईडी बल्ब बेचा गया था।
एलईडी नहीं सीएफएलएक ओर जहां पीवीवीएनएल एनर्जी सेविंग को लेकर तमाम योजनाएं चला रहा है और एलईडी खरीद पर जोर दे रहा है। वहीं पीवीवीएनएल खुद अपने दफ्तरों को सीएफएल से गुलजार कर रहा है। विभाग के मुख्यालय ऊर्जा भवन से लेकर तमाम दफ्तरों को आज तक में बजाए एलईडी के आज भी सीएफएल और ट्यूबलाइट रोशन कर रही हैं। यही नहीं विभाग एलईडी की अपेक्षा सीएफएल ट्यूब पर अधिक भरोसा दिखा रहा है। यही कारण है कि मुख्यालय समेत अन्य दफ्तरों में सीएफएल के प्रचार-प्रसार के पोस्टर्स लगाए गए हैं।
एलईडी से मोह भंग एक ओर पीवीवीएनएल जहां एनर्जी सेविंग को लेकर एलईडी खरीद पर जोर दे रहा है। वहीं एलईडी से कंज्यूमर्स का मोहभंग हो गया है। यही कारण है कि विभाग 70 लाख एलईडी में से केवल 1.5 लाख बल्ब ही बेच पाया है। उधर, कंज्यूमर्स का कहना है कि एलईडी बल्ब से आंखों में चुभन होने के कारण इसको घरों में लगाने से परेशानी बनती है। जिसकी वजह से आई प्रॉब्लम होने की आशंका बनी रहती है। कंज्यूमर्स एलईडी में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में अब एलईडी बल्ब बेचने का जिम्मा संबंधित कंपनी का रहेगा। दफ्तरों में एलईडी जल्द लगाई जाएंगी। आरके राणा, एसई अर्बन पीवीवीएनएल एलईडी के इस्तेमाल से इसकी तरंगे आंखों की रेटिना सेल्स को नुकसान पहुंचाती है। एलईडी के लंबे इस्तेमाल से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। डॉ। संजीव तोमर, आई स्पेशलिस्ट, मूलचंद शर्बती देवी