जिला योजना की बैठक में नगर निगम, पशुपालन और स्वास्थ्य अफसर घिरे

प्रभारी मंत्री बोले, एसी छोड़कर बाहर निकलें और शहर को कूड़े और अंधेरे से मुक्त करें

हर महीने होगी नगर निगम की समीक्षा, गोवंश के रख-रखाव की झूठी रिपोर्ट पर हंगामा

Meerut। जिला योजना समिति की बैठक में जनसमस्याओं और अफसरों की लापरवाही पर जनप्रतिनिधियों ने जमकर नाराजगी जताई। इसके बाद जिला प्रभारी मंत्री व प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत ने अफसरों की क्लास ली। स्वच्छता रैं¨कग में पिछड़ने से नाराज प्रभारी मंत्री ने नगर निगम अफसरों को एसी से निकलकर शहर में पेट्रो¨लग करके शहर को कूड़े और अंधेरे से मुक्त करने का निर्देश दिए। जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में हर महीने नगर निगम की समीक्षा बैठक होगी। निराश्रित गोवंश के रख-रखाव की झूठी रिपोर्ट पर पशुपालन विभाग पर भी जनप्रतिनिधि बरसे। प्रभारी मंत्री ने प्रत्येक गोशाला का निरीक्षण कराने और एक-एक प्रभारी अधिकारी तैनात करने का निर्देश दिया।

नगर आयुक्त को फटकार

जिला योजना समिति की बैठक में जैसे ही नगर आयुक्त डॉ। अर¨वद चौरसिया ने बोलना शुरू किया वैसे ही जिला प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा बरस पड़े। उन्होंने दो टूक पूछा कि आपने जो मांगा, सरकार ने वो सब कुछ दिया। फिर मेरठ शहर स्वच्छता रैं¨कग में क्यों पिछड़ा? मेरठ प्रदेश की आर्थिक राजधानी है। देश का प्रमुख शहर है लेकिन यहां सफाई नहीं हो पाती। ऐसा क्यों? शहर में कूड़ा फैला है और सड़कों पर अंधेरा है। अधिकारी एसी से निकलकर शहर में पेट्रो¨लग करें। उन्होंने डीएम से कहा कि सुनिश्चित करें कि चार दिन में शहर की शत-प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें जले और शहर कूड़ामुक्त हो। आगामी स्वच्छता रैं¨कग के लिए अभी से ¨बदु चिन्हित करके नियमित बैठक करें। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अफसरों की लापरवाही ही है कि सात साल से स्मार्ट सिटी प्रतियोगिता में मेरठ फेल हो रहा है और अब सफाई में भी। उन्होंने हर महीने जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में समीक्षा बैठक कराने की मांग की। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने कूड़ा गाड़ी के न घूमने तथा रात में सफाई बंद होने की शिकायत की। शहर अध्यक्ष मुकेश ¨सघल ने पेयजल नलकूपों का फर्जी खर्च तथा विवेक रस्तोगी ने सेनेटाइजेशन में सोडियम हाइपो क्लोराइड की मात्रा कम डालने की शिकायत की। प्रभारी मंत्री ने कहा कि अधिकारी ऐसी योजना बनाएं, जिससे अगले साल डीएम और नगर आयुक्त को स्वच्छता में ही इनाम मिले।

बरसे पड़े प्रभारी मंत्री

दूसरी बार बैठक में जनप्रतिनिधि उस समय गुस्साए जब पशुपालन विभाग से मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ। अनिल कंसल ने बताया कि जनपद में विभाग ने 3495 गोवंश को संरक्षित किया गया है। कहीं से कोई शिकायत नहीं है। इतना कहते ही जिला पंचायत सदस्य मीनाक्षी भराला ने उनके दावे को झूठा बताते हुए नाराजगी जताई और प्रभारी मंत्री से कार्रवाई की मांग तक कर डाली। बिजनौर से सांसद मलूक नागर, राज्यसभा सदस्य विजयपाल तोमर, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल और दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमर ने कहा कि गोवंश का बुरा हाल है। ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ परतापुर में नगर निगम की गोशाला में भी गोवंश को चारा, इलाज और दवा नहीं मिल पा रही है। प्रभारी मंत्री ने नाराजगी जताते हुए डीएम को ग्रामीण और शहरी एक-एक गोशाला का निरीक्षण कराकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने और प्रत्येक गोशाला में प्रभारी अधिकारी नियुक्त करके उनकी जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने गांवों में खूब गोवध होने तथा पुलिस द्वारा इसे छिपाने की शिकायत की। प्रभारी मंत्री ने गोहत्या रोकने का एसएसपी को निर्देश दिया।

Posted By: Inextlive