- हर स्ट्रीम में है कई सारे ऑप्शन, कोई भी स्ट्रीम कम नहीं।

- साइंस, कॉमर्स और ह्यूमेनिटीज तीनों में ही है काफी स्कोप।

Meerut। मैंने साइंस ग्रुप से इंटर पास की है तो मैं तो बस डॉक्टर या इंजीनियर ही बन सकता हूं। मैं कॉमर्स का हूं तो केवल सीए ही कर सकता हूं। कुछ इसी तरह के ख्याल इंटर पास स्टूडेंट्स के मन में अपने करियर को लेकर आते हैं। फिर अगर इनमें से किसी कोर्स में उनका एडमिशन नहीं होता तो वो घबरा जाते हैं। लेकिन स्टूडेंट्स को घबराने की अवश्यकता नहीं है। क्योंकि उनके लिए हर स्ट्रीम में बेहतर स्कोप हैं, बस जरूरी है तो सभी कोर्स की नॉलेज रखना। ऐसे में एक्सपर्ट भी आपकों विभिन्न तरह की नॉलेज दे रहे हैं। आइए जानते हैं, कौन सी स्ट्रीम में कितना स्कोप है।

कॉमर्स साइड में है बेहतर स्कोप

अगर हम कॉमर्स साइड की बात करें तो एक्सपर्ट्स के अनुसार कॉमर्स साइड में इंटर के बाद स्टूडेंट्स के लिए काफी स्कोप है। कॉमर्स के बाद बीकॉम, लॉ, सीए, बीबीए, बेचुलर ऑफ इक्नोमिक्स, कम्पनी सेकेट्री कोर्स, हॉस्पिटेलिटी डिप्लोमा कोर्स आदि सहित विभिन्न ऐसे कोर्स हैं जो एक स्टूडेंट कर सकता है। इसलिए अगर नम्बर कम भी हो तो स्टूडेंट को घबराने की अवश्यकता नहीं है। काफी कोर्स ऐसे हैं जिनमें स्टूडेंट्स अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।

साइंस स्ट्रीम भी कम नहीं

साइंस स्ट्रीम की बात करें तो सभी के दिमाग में केवल इंजीनियरिंग व डॉक्टर दो ही ऑप्शन आते हैं। लेकिन इन दो के अलावा भी बहुत ऑप्शन है। अगर पीसीएम की बात करें तो पीसीएम वालों के लिए इंजीनियरिंग, बीएससी, बीसीए, बीबीए, मैनेजमेंट कोर्स आदि हैं। वहीं पीसीबी की बात करें तो स्टूडेंट्स के पास एमबीबीएस, बीडीएस, बीफार्मा, बीएएमएस आदि विभिन्न कोर्स हैं।

ह्यूमैनिटीज में भी बहुत स्कोप

ह्यूमैनिटीज सब्जेक्ट को अक्सर स्टूडेंट समझ ही नहीं पाते हैं कि वह किस तरफ करियर बनाने वाला है। लेकिन एक्सपर्ट के अनुसार ह्यूमैनिटीज में भी बहुत स्कोप हैं। इंटर के बाद स्टूडेंट बैचुलर डिग्री, जर्नलिस्म, मास काम्निकेशन, मीडिया स्टडीज आदि विभिन्न कोर्स कर सकते हैं।

किस सब्जेक्ट में क्या स्कोप

हयूमेनिटीज कोर्स

फाइन आर्ट बैचुलर, जर्नलिस्म, मास कम्निकेशन, मीडिया स्टडीज, बिजनेस मैनेजमेंट, पर्फफोमिंग आर्ट, टै्रवल एंड टूरिज्म, होटल मैनेजमेंट, फैशन टैक्नोलोजी, ज्वैलरी डिजाइनिंग, रेडियो जॉकी, इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग, सिविल सर्विसेज

साइंस पीसीबी

एमबीबीएस, बीडीएस, बी फार्मा, बीएएमएस, फार्मा डी, बीएससी नर्सिग, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीएएसएलपी, मैनेजमेंट कोर्स, टिचिंज एंड एजुकेशन कोर्स, एयर हॉस्टेज ट्रेनिंग, अदर्स बीएससी कोर्स

साइंस पीसीएम

इंजीनियरिंग कोर्स, बीएससी कोर्स, बीसीए, बीबीए, कामर्शियल पायलट ट्रेनिंग, मैनेजमेंट कोर्स, बैचुलर ऑफ प्लेनिंग, मर्चेंट नेवी।

कामर्स

बीकॉम, लॉ, सीए, बीबीए, बैचलर ऑफ इक्नोमिक्स, सीएस, हॉस्पिलिटी डिप्लोमा कोर्स, एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया, इवेंट मैनेजमेंट कोर्स, फैशन डिजाइन एंड टैक्नोलॉजी, होटल मैनेजमेंट, बेचलर ऑफ स्टेटिक्स, सीएमए।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

अक्सर बच्चा नम्बर कम आने पर घबरा जाता है। लेकिन बच्चों को घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि हर स्ट्रीम में बहुत स्कोप है, जिसे बच्चा अपनी रूची के अनुसार चयन कर सकता है।

आलोक गुप्ता, गुप्ता क्लासेज

अक्सर स्ट्रीम्स को लेकर बच्चों के मन में यहीं बात रहती है कि उनकी स्ट्रीम में एक या दो ही ऑप्शन होते हैं। लेकिन वह यह नहीं जानते हैं कि हर स्ट्रीम में बहुत सारे ऑप्शन है बस नॉलेज की जरुरत है।

अमित मोहन गुप्ता, वीएलएसआई

Posted By: Inextlive