- व्यय सीमा में रहने के दिए प्रशासनिक अधिकारियों ने निर्देश

- जिला पंचायत में है अधिकतम डेढ़ लाख व्यय सीमा

Meerut : जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हो या फिर क्षेत्रपंचायत का चुनाव। दोनों तरह के प्रत्याशियों के व्यय पर अधिकारियों की पैनी नजर रहेगी। अगर चुनाव में अधिकतम सीमा से अधिक खर्च मिला तो प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त भी हो सकता है। अधिकारियों ने साफ निर्देश दिए हैं कि नामांकन करने में होने वाले खर्च को भी चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा।

चुनावी खर्च पर पैनी नजर

जिला प्रशासन के अधिकारियों और चुनाव अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि जितने भी प्रत्याशियों ने नोमिनेशन किया है, उनके चुनावी खर्च पर पैनी नजर रखी जाएगी। इसके लिए क्षेत्र के एसडीएम और थानाध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों की मानें तो कई लोग पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। यहां तक नोमिनेशन के लिए भी आने वाले प्रत्याशियों ने काफी खर्चा किया है। ऐसे में इन खर्चो को भी चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा।

निरस्त हो जाएगा पर्चा

अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि अगर किसी प्रत्याशी का चुनावी तय सीमा से अधिक पाया गया तो नोमिनेशन भी रद हो सकता है। एडीएम प्रशासन दिनेश चंद्र की मानें तो इसके लिए पूरा प्रारूप पहले से ही तैयार लिया गया है। साथ ही 13 अक्टूबर 2010 के शासनादेश में इस बारे में साफ लिखा है। इसलिए प्रत्याशियों को सावधानी से खर्च करने की जरुरत है। आपको बता दें कि ग्राम पंचायत सदस्य के लिए अधिकतम चुनावी खर्च 10,000 रुपए, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत के लिए 75,000 रुपए और जिला पंचायत के लिए 1.5 लाख रुपए चुनावी खर्च रखा गया है।

इन मदों में दिखाना होगा खर्च

- नाम निर्देशन का पत्र का मूल्य

- जमानत की धनराशि

- मतदाता सूची क्रय करने का व्यय

- चुनाव घोषणा पत्र छपाने का व्यय

- पोस्टर छपाने का व्यय

- हैंड बिल छपाने का व्यय

- पोस्टर चिपकवाने पर व्यय

- चुनाव कार्यालय पर किराया

- हैंड बिल वितरित कराने पर व्यय

- दीवारों पर लिखे जाने पर व्यय

- विज्ञापन छपवाने पर व्यय

- चुनाव प्रचार/सभाओं पर होने वाला व्यय

- चुनावी सभा के लिए स्थान, पंडाल आदि का किराया

- ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर हुआ खर्च

- फोटोग्राफी और वीडियो कैसेट आदि पर व्यय

- चुनाव प्रचार में विशिष्ट/ महत्वपूर्ण व्यक्तियों को बुलाने या उनके भ्रमण पर व्यय

- स्वागत द्वार, झंडे, बैनर, इत्यादि बनवाने पर हुआ व्यय

- उम्मीदवारों उसके चुनाव एजेंट, पोलिंग एजेंट और काउंटिंग एजेंट द्वारा वाहनों के पीओएल और जलपान पर किया गया व्यय

- चुनाव के लिए किए गए सार्वजनिक वाहन का किराया तथा ईधन पर व्यय।

सभी प्रत्याशियों को अपने-अपने छोटे से छोटे खर्चे का ब्यौरा देना होगा। अगर कोई अधिकतम सीमा से अधिक खर्च करता हुआ मिला तो उसका नामांकन निरस्त किया जाएगा।

- दिनेश चंद्र, एडीएम प्रशासन, मेरठ

Posted By: Inextlive