बच्चे के जन्म के बाद महिला के स्तन में पहली बार जो पीले रंग का दूध आता है वह नवजात शिशु के संरक्षण के लिए सबसे ज्यादा जरुरी होता है।

मेरठ (ब्यूरो)। बच्चे के इम्युनिटी लेवल को मजबूत करने में यह दूध अहम भूमिका निभाता है। प्रीमैच्योर बच्चों में यह दूध ना सिर्फ एनईसी जैसी जानलेवा बीमारियों को भी कम कर सकता है बल्कि नवजात की मृत्यु दर को 16 प्रतिशत तक कम कर देता है।

छह माह तक जरुरी
1 अगस्त से 7 अगस्त तक आयोजित ब्रेस्ट फीडिंग सप्ताह के तहत कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी न्यूटीमा हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। अमित उपाध्याय ने दी। इस दौरान डॉ। अमित उपाध्याय ने बताया कि शुरुआत के छह माह तक नवजात को मां का ही दूध पिलाना चाहिए।

सांस से जुड़े संक्रमण में कमी
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मां का दूध पीने से बच्चों में सांस से जुड़े संक्रमण में कमी आती है। निमोनिया, सीजनल, सर्दी, जुकाम का खतरा कम होता है। नर्व टिश्यू भी बेहतर होता है बच्चों के आईक्यू लेवल में भी वृद्धि होती है।

Posted By: Inextlive