ईरा मॉल पर सील लगाने पहुंची निगम की टीम, पार्किंग ठेकेदार ने 40 हजार का चेक देकर रुकवाई कार्यवाही

हाउस टैक्स वसूली के लिए निगम की टीम ने घरों पर चस्पा किए आधा दर्जन से अधिक नोटिस

डेयरी संचालकों पर की कार्रवाई, तीन संचालकों को 20 हजार अर्थदंड जमा करने के नोटिस तामील किए गए

Meerut। अपने हाउस टैक्स के टारगेट को पूरा करने के लिए नगर निगम ने हाउस टैक्स के छोटे व बडे़ बकायेदारों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है। इस क्रम में शनिवार को नगर निगम ने अवैध डेयरी संचालकों और बकाया गृह कर वसूली के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान दिल्ली रोड स्थित ईरा माल पर 78 लाख बकाया वसूली के लिए सीलिंग की कार्यवाही को टीम पहुंची। मगर पार्किंग ठेकेदार ने कुछ रकम जमाकर सीलिंग कार्यवाही को रुकवा दिया।

घर पर नोटिस चस्पा

नगर निगम के प्रवर्तन दल अधिकारी रिटायर्ड कर्नल राजकुमार बालियान के निर्देशन में डेयरी संचालकों और हाउस टैक्स वसूली के लिए दो टीमें गठित की गई। एक टीम अवैध डेयरी संचालकों को चेतावनी देने के लिए नगला बटटू पहुंची। इस दौरान बार-बार चेतावनी देने के बाद भी जिन डेरी संचालकों ने डेरियां खाली नहीं की या फिर से अपने पशु लेकर डेरिया चलानी शुरू कर दी थी, उनके खिलाफ एक्शन लिया गया। इस दौरान ऐसे 5 डेयरी संचालकों को चिन्हित किया गया। जिसमें देवेंद्र, किशन लाल और रीमा गुप्ता को नगर निगम की तरफ से 20 हजार अर्थदंड जमा करने के नोटिस तामील किए गए। इसके अलावा टीम ने डेयरी संचालकों को चेतावनी दी कि अगर तत्काल प्रभाव से डेयरियों का संचालन बंद नहीं किया गया तो 20 हजार प्रतिदिन के हिसाब से अर्थदंड की वसूली की जाएगी। साथ ही एनजीटी के आदेशों के उल्लंघन के चलते संबंधित धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। इनके अलावा दो लोग प्रेमपाल और नंदू ने प्रवर्तन दल की टीम से नोटिस लेने से इनकार कर दिया, जिस पर उनके घर के बाहर नोटिस चस्पा किया गया।

ईरा मॉल पर सीलिंग

वहीं नगर निगम की दूसरी टीम संपत्ति अधिकारी राजेश कुमार सिंह कर और अधीक्षक केशव प्रसाद गौतम के साथ ईरा मॉल पर पहुंची। ईरा मॉल पर नगर निगम का लगभग 78 लाख रुपये हाउस टैक्स बकाया था। लगातार नोटिस के बाद भी टैक्स जमा नहीं कराया गया, जिस पर नगर निगम की टीम ने शनिवार को मेन गेट पर सीलिंग की कार्रवाई शुरू कर दी। सीलिंग होता देख पार्किंग ठेकेदार ने विरोध करते हुए संजय शर्मा को बताया कि ईरा मॉल में पार्किंग के लिए जगह उसने मासिक किराए पर ली हुई है। इसके लिए 40 हजार रुपये का हर महीने भुगतान किया जाता है। वह सब लाइन कंपनी को करता है और नगर निगम के अधिकारी ने कंपनी से लिखित में अनुबंध किया हुआ है। इस पर टीम ने तत्काल प्रभाव से उसे मासिक पार्किंग शुल्क नगर निगम में जमा कराने को कहा। लिखित में आश्वासन देने के बाद पार्किंग ठेकेदार संजय शर्मा ने प्रथम मासिक पार्किग शुल्क के रूप में 40 हजार का चेक नगर आयुक्त के नाम संपत्ति अधिकारी राजेश कुमार को सौंप दिया। इसके बाद सीलिंग की कार्यवाही को रोका गया।

Posted By: Inextlive