एमडीए की जमीन बनी नगर निगम का डंपिंग ग्राउंड
-गंगानगर योजना की बेशकीमती जमीन को कूड़े से पाट रहा नगर निगम
-नरकीय जीवन बिता रहे कालोनीवासियों का सांस लेना भी हुआ मुहाल Meerut: मेरठ विकास प्राधिकरण की बेशकीमती जमीन को नगर निगम ने डंपिंग ग्राउंड में तब्दील कर दिया है। आवासीय कालोनी गंगानगर में बने इस विशाल डंपिंग ग्राउंड ने वहां के लोगों को जीन मुहाल कर दिया है। क्या है मामला एमडीए की गंगानगर आवासीय योजना की बेशकीमती जमीन पर नगर निगम ने अपना डंपिंग ग्राउंड बना लिया है। रिहायशी कालोनी में निगम की गाडि़यां यहां शहर भर के कूड़े के साथ-साथ मृत जानवरों व पशुओं के सड़े-गले शव डाल जाती हैं, जिसके बाद मचने वाली दुर्गध कालोनी के लोगों का जीना मुहाल कर देती है। एमडीए बेखबरचौंकाने वाली बात तो यह है कि खुद की बेशकीमती जमीन पर हो रही इस गतिविधि की एमडीए को जानकारी तक नहीं है। दरअसल, एमडीए की आवासीय योजना गंगानगर की यह जमीन मवाना-किला लिंक रोड़ से सटी हुई है। पिछले बीस सालों से अधर में लटके एमडीए के इस प्रोजेक्ट का फायदा उठाकर नगर निगम ने यहां खाली पड़ी जमीन को हथिया लिया और उस पर कूड़ा डालना शुरू कर दिया। यहां के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो उन्होंने एनओसी होने की बात कही।
देखरेख से इनकार, गंदगी की भरमार
मजे की बात तो यह है कि जब कालोनी के लोग इस हिस्से में होने वाली बिजली पानी व सफाई व्यवस्था संबंधी कोई शिकायत नगर निगम अफसरों से करते हैं तो वह ये कहकर इनकार कर देते हैं कि ये हिस्सा उनके हैंड में नहीं है। फिर ऐसे में उसी जमीन पर कूड़ा डालने की स्वीकृति निगम को कहां से मिली है इस बात पर वह टाल मटोल करते नजर आते हैं। आशियाने की जगह कूड़े का ढ़ेर एमडीए की जिस जमीन पर सड़क व प्लाटिंग होनी चाहिए थी, वह जमीन कूड़े के ढ़ेर में तब्दील हो चुकी है। गंगानगर एक्स्टेंशन में पड़ने वाली यह जमीन प्लाटिंग के माध्यम से एमडीए के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती थी, लेकिन नफे-नुकसान से बे-परवाह एमडीए का अपनी योजनाओं व आवंटियों पर कितना ध्यान है इसका अंदाजा इस जमीन की बेकद्री से लगाया जा सकता है। जमीन पर कूड़े वाला मामला संज्ञान में नहीं है। योजना प्रभारी से इस मामले की जानकारी ली जाएगी। यदि ऐसा है तो कूड़े को हटवाया जाएगा। राजेश कुमार यादव, वीसी एमडीएहर समय कूड़ा जमा रहने के कारण दुर्गध मची रहती है। बरसात के दिनों में और भी अधिक बुरा हाल हो जाता है। सारा कूड़ा पानी के साथ बहकर घरों में आ जाता है।
गरीमा शर्मा मकान के पास ही जमा कूड़े के ढ़ेर में निगम की गाडि़या मृत पशुओं के शव डाल जाती हैं, जिसमें उठने वाली बदबू के चलते सांस लेना मुहाल हो जाता है। निगम अफसरों से कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। धर्मेन्द्र कुमार, स्टूडेंट नगर निगम के कर्मचारी यहां सफाई करने तो आते नहीं उल्टा कूड़ा और डाल जाते हैं। एमडीए अफसर इसको नगर निगम का फाल्ट बताकर निगम दफ्तर भेज देते हैं और निगम अफसर जमीन एमडीए की बताकर एमडीए भेज देते हैं। समस्या का कोई हल नहीं निकल पा रहा है। अमित खारी कूड़े के कारण यहां पशु व अन्य जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है। समस्या का कोई हल नजर नहीं आ रहा है। एमडीए में कई बार शिकायत कर चुके हैं। अब लगता है जैसे शिकायत करने का कोई फायदा नहीं। बलवीर चौधरी