जिला अस्पताल में पोस्ट कोविड केयर सेंटर में कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार नहीं मिली कोई व्यवस्था

आयुष विंग भी बंद, बिना डॉक्टरी जांच के ही दी जा रही मरीजों को दवाइयां

Meerut। पोस्ट कोविड-19 केयर सेंटर के नाम पर जिला अस्पताल शासन की आंखों में धूल झोंक रहा है। निर्देशों के बावजूद यहां मरीजों को देखने के लिए न स्टाफ तैनात है न ही गाइडलाइंस के अनुसार व्यवस्था की गई है। कागजों में पोस्ट कोविड-19 केयर सेंटर दिखाकर अस्पताल नियमों की मात्र खानापूर्ति कर रहा है। ये खुलासा शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में हुआ। इस दौरान जहां नियमों की अनदेखी मिली, वहीं आयुष विंग में आने वाले मरीज भी बिना डॉक्टरी जांच के दवाइयां लेने को मजबूर दिखाई दिए। इस बाबत जिला अस्पताल की एसआईसी डॉ। मीनाक्षी ने बताया कि अस्पताल में पोस्ट कोविड केयर सेंटर तैयार कराया गया है लेकिन इसके बंद होने की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं हैं।

ये मिली स्थिति

शनिवार को आयुष विंग में बनाए गए पोस्ट कोविड-19 क्लीनिक सुबह करीब 11.30 बजे पूरी तरह से खाली था। जबकि गाइडलाइंस के मुताबिक इस क्लीनिक में मनोवैज्ञानिक काउंसलर, दो स्टाफ नर्स, दो वार्ड ब्वॉय, टेक्नीशियन समेत एक कंप्यूटर ऑपरेटर की तैनाती होनी थी। इसके अलावा क्लीनिक में थर्मल स्कैनर के अलावा पल्स ऑक्सीमीटर, रेस्पाइरोमीटर, ईसीजी मशीन, पीपीई किट और मास्क की व्यवस्था भी की जानी थी। जबकि आयुष विंग के गेट को ही रस्सी से बंद किया हुआ था। वहीं जिस कमरे के ऊपर पोस्ट कोविड केयर सेंटर का पर्चा चिपका हुआ था, वह भी बिल्कुल खाली था।

ये जारी हुए थे निर्देश

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन के निर्देशों के तहत पोस्ट कोविड क्लीनिक ऐसे मरीजों के लिए बनाया गया है, जो कोरोना संक्रमित होने के बाद पूरी तरह से रिकवर हो चुके हैं। साथ ही कोरोना पोस्ट इफेक्ट से गुजर रहे हैं। इसके तहत ऐसे मरीजों को क्लीनिक में पहुंचने पर पंजीकरण किया जाएगा और पंजीकरण के समय ही स्टेट कोविड पोर्टल से उसकी सभी जानकारी जुटाई जानी थी। संक्रमण के दौरान सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) और आईएलआई (इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस) लक्षण या अन्य किसी गंभीर बीमारी के चलते दूसरी गंभीर बीमारियों पर भी विशेष ध्यान देने और अच्छी तरह स्वास्थ्य परीक्षण के निर्देश जारी किए गए थे। पोस्ट इफेक्ट के तहत मरीजों की मेंटल हेल्थ का भी क्लीनिक में ख्याल रखा जाना था। इसके लिए मनोचिकित्सक को भी तैनात करने के नियम जारी किए गए थे।

इन टिप्स का पालन

मरीज को अगर सांस लेने में तकलीफ हो तो सीधे लेटकर गहरी सांस लें। ऐसा करने से फेफड़ों में वायु कोष्ठक खुल जाते हैं और शरीर को ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा मिलती है।

खांसी आने की शिकायत पर पानी उबालकर भाप लेने और थकान होने पर बीच-बीच में आराम करने की सलाह देने के लिए कहा गया था।

पौष्टिक एवं सुपाच्य भोजन के लिए प्रेरित करने, शराब, सिगरेट, चाय, कॉफी, मिर्च, मसाला आदि से बचने और नींद न आने व अवसाद की स्थिति में योग-व्यायाम के लिए प्रेरित करने के निर्देश जारी किए गए थे।

Posted By: Inextlive