सिल्ट से अटे पड़े हैं नाले, बाजारों मे जमकर हो रहा पॉलीथिन का प्रयोग

निगम ने जोर लगाकर हटाई डेयरियां, शहर में आने लगी वापस

Meerut। हर साल की तरह इस साल भी बरसात और कांवड़ यात्रा की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर नगर निगम की टीम पूरे दल बल के साथ नालों की साफ-सफाई और शहर से अतिक्रमण हटाने में जुट गई है। इससे पहले निगम ने गत माह शहर से डेयरियों को बाहर करने में एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था और शहर को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए जमकर चालान करने के साथ ही जुर्माना भी वसूला था। मगर इन सबके बावजूद निगम सीमा के अंदर न तो नालों से सिल्ट का लोड कम हुआ है और न ही अतिक्रमण पूरी तरह हट सका। यहां तक की शहर से हटाई गई डेयरियां भी दोबारा अपना ठिकाना बनाने लगी हैं। इतना ही नहीं पॉलीथिन तो बाजार में खुलेआम प्रयोग की जा रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में निगम के अभियानों की पोल खुलकर सामने आ गई।

अतिक्रमण व गंदगी की चपेट में नाले

निगम हर साल बरसात से पहले करोड़ों रुपये का बजट और मैन पावर का इस्तेमाल कर शहर के छोटे-बडे़ नालों की सफाई करता है। इस क्रम में पिछले साल भी अधिकतर सभी बडे़ नालों जिनमें आबूनाला, ओडियन नाला, कोटला नाला, बच्चा पार्क नाला, फूलबाग नाला आदि की सफाई के दावे किए गए थे वही इस साल भी इनमें से अधिकतर सभी बडे़ नालों में जेसीबी चल चुकी है। बावजूद इसके नालों के अधिकतर हिस्से अभी भी गंदगी, सिल्ट और अतिक्रमण की चपेट में हैं। ये अतिक्रमण शहर में जाम की समस्या से लेकर नालों की सफाई तक में बाधा बन रहा है। दो दिन पहले निगम ने कोटला नाले की सफाई का दावा किया था लेकिन आज भी कोटला नाला गंदगी और सिल्ट से अटा हुआ है। वहीं पांडव नगर, ढबाई नगर नालों में सफाई चलती मिली लेकिन नाले सिल्ट से अटे थे।

दोबारा बसनी शुरू हुई डेयरियां

नगर निगम को 30 जून तक शहर को डेयरी मुक्त कराकर हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपनी थी। मगर डेयरी मामले पर 30 जून से लेकर अभी तक कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि दो बार निगम को हाईकोर्ट से तारीख मिल चुकी है। 30 जून तक डेयरियों को बाहर करने का दावा करने के बावजूद निगम 14 जुलाई तक भी शत-प्रतिशत डेयरियों को बाहर नहीं कर सका है। हालत यह है कि निगम की सुस्ती के चलते जो डेयरियां, पटेल नगर, शास्त्रीनगर, जेल चुंगी, मकबरा घोसीयान आदि से हटाई भी गई थी वह दोबारा वहां बसने लगी हैं।

पॉलीथिन अभियान हवा हवाई

निगम द्वारा शहर को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए पिछले माह चलाया गया पॉलीथिन जब्त अभियान पूरी तरह हवा हवाई साबित हुआ। जुर्माना और एफआईआर के एक्शन के बाद भी शहर से पॉलीथिन खत्म होने का नाम नही ले रही है। शहर के प्रमुख बाजारों जैसे घंटाघर, खैरनगर, शारदा रोड, बेगमपुल आदि से लेकर फुटकर विक्रेता, सब्जी, फल विक्रेता खुलेआम पॉलीथिन का प्रयोग कर रहे हैं।

नालों का दायरा काफी बड़ा है जिसकी वजह से शत-प्रतिशत सफाई में समय लगेगा। नियमित रुप से नाले साफ किए जा रहे हैं और अतिक्रमण भी हटाया जा रहा है। रही बात डेयरियों की तो उनके लिए अभी हाईकोर्ट में तारीख लगी हुई है। शहर से अधिकतर डेयरियां खाली हो चुकी हैं।

अरुण खरखौदिया, जोनल सेनेट्री ऑफिसर

Posted By: Inextlive