-साढ़े तीन माह बाद हुआ मुकेश और जॉनी हत्याकांड का खुलासा

- पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

Meerut: तीन माह बाद आखिर इंचौली थाना क्षेत्र के दोहरे मर्डर कांड का खुलासा हो ही गया। एसपी देहात के अनुसार दोनों की हत्या शौकीन व उसके परिवार को फंसाने के लिए की गई थी। दोनों मृतक निर्दोष थे और उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। पुलिस ने हत्या के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

साढ़े तीन माह बाद सुलझी मिस्ट्री

एसपी देहात प्रवीण रंजन ने बताया कि रसूलपुर के मुकेश और जलालपुर के जॉनी की हत्या अप्रैल माह में हुई थी। पुलिस दोनों हत्याओं के कातिलों तक पहुंचने के लिए प्रयास कर रही थी। थाना इंचौली पुलिस ने पबला गांव के अकरम पुत्र फैयाज और रईसुद्दीन पुत्र निजामुद्दीन को हिरासत में लिया। जिन्होंने कड़ी पूछताछ के दौरान जुर्म कबूल कर लिया।

20 हजार दी थी सुपारी

खुलासे में पता चला कि मुकेश और जॉनी की हत्या शौकीन व उसके परिवार को फंसाने के लिए की गई थी। कातिलों की मुकेश और जॉनी से कोई रंजिश नहीं थी। हत्या के लिए अकरम ने रईसुद्दीन को 20 हजार रूपये दिए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद रईसुद्दीन मालदा भाग गया।

ईद पर किया गिरफ्तार

अब ईद के दौरान वह घर पर आया तो उसको गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी देहात ने बताया कि भूरा उर्फ शेर मोहम्मद पुत्र इस्तियाक व उस्मान निवासी संभल फरार है। जिन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोपियों के पास से मुकेश की आईडी, जॉनी की फोटो, चरित्र प्रमाण पत्र के अलावा घटना में प्रयुक्त दो मोबाइल फोन व सिम कार्ड बरामद किए गए।

सलमान के भागी थी अकरम की भतीजी

एसपी देहात डा.प्रवीण कुमार रंजन ने बताया कि गिरफ्तार पबला निवासी अकरम पुत्र फैयाज के भाई असलम की लड़की निशा सवा साल पहले गांव के ही सलमान पुत्र शौकीन के साथ भाग गई थी। कुछ दिन बाद सलमान की हत्या हो गई थी और उसका शव जनपद हापुड़ के हाफिजपुर में मिला था। शौकीन ने सलमान की हत्या में दोनों भाई अकरम व असलम के अलावा असलम के दामाद परवेज पुत्र यूनुस निवासी सावई थाना हाफिजपुर जिला हापुड़ को नामजद किया था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

अकरम ने रचा षड्यंत्र

बकौल एसपी देहात 22 मार्च को तीनों जमानत पर जेल से बाहर आए। जेल से छूटने के बाद तीनों ने गहरा षड्यंत्र रचा। रईसुद्दीन, भूरा उर्फ शेर मौहम्मद व उस्मान को अपने साथ मिलाया। पहले शौकीन पक्ष पर फैसले का दबाव बनाया, लेकिन इंकार करने पर झूठे केस में फंसाने की साजिश रची। एक अप्रैल की रात्रि सैनी- उलकपुर मार्ग पर घात लगाकर बैठ गए। जैसे ही आनन्द ट्रटलेक्स बोर्ड लिमिटेड फैक्ट्री से मुकेश बाहर आया तो रास्ते में दबोच लिया और उसकी हत्या कर दी। मुकेश के हाथ में शौकीन के भतीजे वाहिद का मोबाइल नंबर लिखकर एक पर्ची रख दी। जब केस में कुछ नहीं हुआ तो एक और हत्या का चक्रव्यूह रचा गया। 22 अप्रैल की रात्रि लैब सहायक जॉनी को भी उसी मार्ग पर पकड़ा और गला दबाकर उसकी भी हत्या कर दी गई। जॉनी के हाथ में भी मोबाइल नंबर लिखी एक पर्ची पुलिस को मिली थी। इस पर्ची पर मोबाइल नंबर शौकीन के लड़के का था। एसपी देहात डॉ। प्रवीण कुमार रंजन ने बताया कि जॉनी की हत्या के दौरान हत्यारोपियों का पर्स गिर गया था। जो घटनास्थल से पुलिस को बरामद हुआ था।

Posted By: Inextlive