- खरखौदा में कार्रवाई न होने को लेकर स्थानीय सभासदों ने डीएम कार्यालय में किया प्रदर्शन

- पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के बाद नहीं की कोई कार्रवाई

- 26 नंवबर को आई नेक्स्ट में प्रकाशित हुई घोटाले की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

Meerut : खरखौदा ग्राम पंचायत में वॉटर कूल खरीद और उन्हें इलाके में एसेंबल करने के नाम पर लाखों रुपए का घोटाले के मामले ने तुल पकड़ लिया है। सोमवार को ग्राम पंचायत के सभासदों ने डीएम कार्यालय के बार धरना प्रदर्शन किया और अपना ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकर्ताओं का कहना था कि जांच के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ताज्जुब की बात तो ये है कि वॉटर कूलर खरीद में पूरी पेमेंट होने के बाद भी जरूरी सामान पूरी तरह से नदारद हैं।

सभासदों ने लगाए आरोप

सभासद अशोक त्यागी ने बताया कि हमारी ओर से वॉटर कूलर को लेकर 16 नवंबर को एडीएम ई को शिकायत की थी। जिसके बाद अनिल कुमार श्रीवास्तव और हरेंद्र कुमार उसकी जांच के लिए मौके पर गए। जहां वॉटर कूलर्स के अंदर न तो मोटर थी और न ही स्टैपलाइजर। उसके अंदर ट्रांसफॉर्मर भी नहीं लगा हुआ था। अशोक त्यागी ने आरोप लगाया कि अधिकारी वॉटर कूलर का वजन कराए बिना ही जांच को अधूरी छोड़ कर चले गए।

किया प्रदर्शन

निष्पक्ष जांच और कार्रवाई न होने को लेकर सोमवार को स्थानीय सभासदों और लोगों ने डीएम कार्यालय के बाहर जमकर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने साफ कहा जब कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक यहां से कोई नहीं जाएगा। उन्होंने कहा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी, अध्यक्ष और हेड क्लर्क ने पब्लिक के रुपयों का दुरुपयोग अपने जेबों में भरा है। ताज्जुब की बात तो ये हैं कि ये वॉटर कूलर तब लगाए जब इसकी क्षेत्र में जरुरत ही नहीं थी।

ये है वॉटर कूल घोटाला

खरखौदा ग्राम पंचायत में स्थानीय अधिकारियों ने पंचायत के 14 इलाकों में वॉटर कूलर और उन्हें एसेंबल करने के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला कर डाला। घोटाला करीब 5 लाख रुपए का आंका गया था। एडीएम ई ने ग्राम पंचायत के अधिकारियों को बुलाकर इसकी पूछताछ करने के साथ मौके फोटोग्राफ और बिलों को भी देखा था। इसकी जांच भी सौपी गई थी। एस्टीमेट बजट में एक वॉटर कूलर कीमत, चबूतरा समेत 1.94 लाख लगा रखी थी। जबकि पेमेंट 97 हजार रुपए ठेकेदार को दिए गए थे। इस बारे में पूछने पर बाबू ने बताया था कि ठेकेदार 51 फीसदी की छूट देकर पेमेंट ली। ग्राम पंचायत के 14 इलकों में एक-एक वॉटर कूलर लगाया गया था।

आई नेक्स्ट लाया था सामने

इस रिपोर्ट को सबसे पहले आई नेक्स्ट सामने लेकर आया था। 26 नवंबर 2015 को आई नेक्स्ट ने 'खरखौदा में वाटर कूल घोटाला' नाम से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। जिस पर एडीएम ई ने कहा था कि जांच निष्पक्षता के साथ की जाएगी। सोमवार को स्थानीय सभासदों ने खबर की कॉपी को एडीएम एफआर के सामने रखा था।

डीएम और एडीएम ई की गैर मौजूदगी में मैं उन लोगों से मिला था। इस प्रकरण के बारे में मुझे पूरी जानकारी नहीं है। इस बारे में एडीएम ई ही ठीक से बता पाएंगे। वैसे उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- गौरव वर्मा, एडीएम एफआर, मेरठ

Posted By: Inextlive