मेरठ। लूट और चोरी के वाहनों के कटान के नाम से बदनाम सोतीगंज की पहचान अब बदलने जा रही है। पुलिस की नकेल के आगे सोतीगंज के कबाड़ी नतमस्तक हो चुके हैैं। कबाड़ी चोरी के वाहनों की खरीद बिक्री और उनके कटान का गलत धंधा बंद कर अब नया कारोबार शुरू करने का मन बना रहे हैैं। अब सोतीगंज में वाहनों के पाटर््स की जगह मिठाई जूते-चप्पल और कपड़े मिलेंगे। काफी कबाडिय़ों ने इन नए कारोबार के लिए जीएसटी विभाग में आवेदन भी किया है। जबकि छोटे कबाडिय़ों ने पुलिस को शपथ पत्र देने के साथ ही दुकानेें खोल ली हैैं। हालांकि उन्होंने दुकानों के बाहर बैनर लगाकर साफ तौर पर लिखा है कि वह कबाड़ का काम करते हैैं लेकिन कोई भी गलत धंधा उनकी दुकान पर नहीं होता है। यदि बाजार में वह किसी को भी गलत धंधे में लिप्त पाते हैैं तो वह उसकी सूचना पुलिस के उच्चाधिकारियों को देंगे। छोटे कबाडिय़ों की दुकानें खुलने से बाजार में कुछ रौनक लौटी है और दुकानों के बाहर ग्राहक भी खड़े नजर आए। हालांकि नए पाटर््स बेचने वाली करीब 150 दुकानें पहले ही खोली जा चुकी हैैं।

मेरठ, (ब्यूरो)। जीएसटी विभाग में आवेदन पुलिस के मुताबिक सोतीगंज के कई कबाडिय़ों ने कबाड़ का धंधा छोड़ कपड़े, मिठाई और जूते-चप्पल का काम करने का मन बना लिया है। इतना ही नहीं, इस बाबत कबाडिय़ों ने जीएसटी विभाग में आवेदन भी किया है। ऐसे कबाडिय़ों की एक लिस्ट पुलिस तैयार कर रही है।

60 साल पहले
सोतीगंज बाजार में करीब 60 साल पहले कोयला, रद्दी और पशुओं का चारा बिकता था। स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि सबसे पहले चार दुकानें खुली थीं। उसके बाद 1982 से घरों के अंदर तक दुकानें और गोदाम खुलते चले गए। वैसे, बीते बरस तक यहां कबाड़ की खरीद-बिक्री के लिए 48 दुकानें पंजीकृत थीं। इससे उलट इन दिनों सोतीगंज में करीब 800 दुकानें और 80 गोदाम सक्रिय थे। इनके अलावा चोरी के वाहनों को यहां लाने वाले 300 से ज्यादा कथित कांट्रेक्टर सक्रिय हैं। इनका काम उप्र, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश के साथ नेपाल आदि से चोरी की गाडिय़ों के लिए संपर्क कर उन्हें यहां मंगवाना है। इसके बाद मिनटों में दुकानों व गोदामों में इन वाहनों का कटान होता रहा। पूर्व में कभी भी इस गड़बड़झाले को रोकने के उपाय नहीं किए गए। हालांकि एसएसपी प्रभाकर चौधरी की सख्त कार्यशैली के चलते जहां कबाडिय़ों की संपत्तियों को लगातार जब्त किया गया। वहीं पूरे सोतीगंज बाजार को 12 दिसंबर को बंद करा दिया गया। पुलिस की सख्ती के बाद ही अब कबाड़ी अपने धंधे को बदलने का मन बना चुके हैैं।

छह राज्यों के वाहन
सोतीगंज में छह राज्यों यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड व राजस्थान से चोरी व लूट किए गए वाहनों का अवैध कटान किया जाता था। तीन से पांच मिनट में ही वाहन को काटकर पुर्जों में बदला जाता था। लगातार लोगों के वाहनों की चोरी के बाद कटान होने से पुलिस और लोगों के सामने भी बड़ी समस्या खड़ी हो रही थी। इस मुद्दे को सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने संसद में भी उठाया था।

पूछताछ में सच आया सामने
लगातार शिकायतें मिलने पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सोतीगंज में चोरी के वाहन कटान करने वालों पर कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने जिन वाहन चोरों और वाहनों को काटने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की। उनकी पूछताछ में सोतीगंज बाजार की सभी दुकानों का सच सामने आया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि वे सोतीगंज की सभी दुकानों पर चोरी के वाहनों के कल-पुर्जे बेच चुके हैं। सदर बाजार थाना पुलिस ने भी सोतीगंज से करीब चार सौ वाहनों के इंजन बरामद किए थे। जिसकी जांच में व्यवधान आने के चलते एसएसपी ने 12 दिसंबर को पूरा बाजार बंद करा दिया था।

अभी तक ये हुई कार्रवाई
-सोतीगंज बाजार से संबंधित 48 कबाडिय़ों की हिस्ट्रीशीट खोली जा चुकी है।
-22 कबाडिय़ों पर गैैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई हो चुकी है।
-चार माह में पुलिस ने ढ़ाई सौ वाहनों के इंजन और चेचिस नंबर बरामद किए।
-सदर बाजार थाने के इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा समेत थाने के 22 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हुई।
-चोरी व लूट के वाहन काटने से संबंधित पुलिस ने 57 लोगों को तीन माह में जेल भेजा है।

छोटे कबाडिय़ों को दुकानों के बाहर बैनर लगाकर खोलने के अनुमति दी गई है। बड़े कबाड़ी अब अपना नया व्यापार शुरू करने का मन बना रहे हैैं। कुछ कबाडिय़ों ने जीएसटी विभाग में आवेदन भी किया है।
सूरय राय, एएसपी कैंट, मेरठ

Posted By: Inextlive