बॉडी से लेकर इंजन तक में खराबी
- 8 साल पूरी कर चुके बसों को जबरन चला रहा रोडवेज
- 54 से अधिक बसें रोडवेज के वर्कशॉप में खड़ी Meerut। महानगर बस सेवा की बसों की हालत खस्ता है। दो बार महानगर सिटी बस सेवा हादसे का शिकार हो चुकी है। हालत यह है कि ये बसें अपनी आयु 10 साल पूरे होने से पहले ही दम तोड़ने लगी हैं। बसों के ब्रेकिंग सिस्टम से लेकर दूसरे पुर्जे खराब हो चुके है। एकतरफ ऐसी बसों की संख्या वर्कशॉप में लगातार बढ़ती जा रही हैं वहीं दूसरी ओर हादसों की संभावना भी बढ़ती जा रही है। नौ लाख किमी या दस साल आयुनियमानुसार इन बसों को 10 साल या 9 लाख किमी तक ही संचालित करना है। इसके बाद इन बसों की हालत के आधार पर रिटायर कर दिया जाता है, लेकिन बसों के संचालन को महज 7 साल हुए हैं और अधिकतर बसों की हालत खस्ता हो गई है। लेकिन कमी के कारण उनको रिटायर भी नही किया जा रहा है।
टाइम से नहीं हो रही सर्विसबसों की सर्विसिंग टाइम से ना होने के कारण बस की बॉडी से लेकर इंजन में खामियां आती जा रही हैं। हर रोज लगभग 8 से 10 बसें खराब होकर वर्कशाप में पहुंच रही हैं। बसों के ब्रेकिंग सिस्टम से लेकर टायरों की भी हालत खराब है लेकिन मरम्मत कर काम चलाया जा रहा है।
54 से अधिक बसों की हालत खस्ता सोहराबगेट में बने वर्कशॉप में इस समय 54 से अधिक बसें खस्ता हाल में खड़ी हैं। हालत यह है बसों को सही कराने के बाद वार्षिक फिटनेस के लिए जब आरटीओ कार्यालय भेजा जा ता है लेकिन विभाग से बसें अनफिट करार देकर वापस भेजा जा रहा है। - 2010 में शुरु हुआ था जेएनएनयूआर सेवा के तहत संचालन - 120 बसों पर 220 के करीब संविदा चालकों की डयूटी - महानगर सिटी बस सेवा 10 लो फ्लोर बसें 40 मिनी बसें 70 कमल बसें 20 एसी बसें - प्रति माह 34 लाख से अधिक मेंटिनेंस पर खर्च - लोफ्लोर बसों का केवल बाईपास पर संचालन - शहर में मेडिकल से सिटी स्टेशन, पल्लवपुरम तक संचालन - देहात में मवाना, सरधना, किठौर, मोहिददीनपुर, सिवाया, सकौती, खजूरी तक संचालनसिटी बसों की समय से सर्विसिंग और सुधार किया जाता है लेकिन शहर की सड़कों की हालत और यात्रियों का लोड अधिक रहने के कारण बसें समय से पहले ही खराब हो रही हैं।
- संदीप लाहा, एआरएम