9000 लोगों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए फरवरी में किया था आवेदन

5000 सिटी और 4000 देहात के लोग थे आवेदनकर्ताओं में शामिल

शस्त्र अनुभाग ने शहरी आवेदकों की शस्त्र लाइसेंस की फाइल एसपी सिटी और देहात के आवेदकों की फाइल एसपी देहात को भेजी

आवेदक को दोबारा से करानी होगी थाना, डीसीआरबी समेत सभी विभागों की जांच रिपोर्ट

24000 शस्त्र लाइसेंस आवेदक हैं मेरठ जिले में

15000 शस्त्र लाइसेंस आवेदक शहरी क्षेत्र के हैं

9000 शस्त्र लाइसेंस आवेदक देहात क्षेत्र के हैं

लॉक डाउन में एक भी नया शस्त्र लाइसेंस नहीं हुआ प्रशासन द्वारा जारी

9 हजार लोगों ने शस्त्र लाइसेंस के लिए फरवरी माह में किया था आवेदन

6 माह पुरानी होने पर संबंधित थानों को वापस भेजी फाइलें

Meerut। कोरोना काल का असर शस्त्र लाइसेंस पर भी पड़ा है। हालत यह है कि कोरोना काल में जहां सब कुछ थम गया तो वहीं शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया भी बिल्कुल रुक गई। कई फाइलें फरवरी से शस्त्र अनुभाग में थी। छह माह तक लॉकडाउन लागू रहने की वजह से आवेदकों की फाइल पर कोई काम नहीं हुआ। वहीं अब जब फाइल छह महीने पुरानी हो गई तो सभी नौ हजार शस्त्र लाइसेंस आवेदकों की फाइल वापस संबंधित थानों को भेज दी गई हैं।

छह माह नहीं हुआ काम

दरअसल, लॉकडाउन से पहले नौ हजार लोगों ने शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया था। मगर छह महीने से लॉकडाउन लागू होने की वजह से सब काम बंद थे। वहीं थाने से लेकर तहसील तक की सभी नौ हजार आवेदकों की जांच रिपोर्ट भी अब छह महीने पुरानी हो गई हैं। ऐसे में सभी को अब ये जांच रिपोर्ट दोबारा लगानी होगी। शस्त्र अनुभाग ने शहर की फाइल एसपी सिटी और देहात की फाइल एसपी देहात को भेज दी है। अब फिर से सभी आवेदकों की फाइल में थाना, डीसीआरबी, एसपी समेत कई अधिकारियों की जांच रिपोर्ट लगेगी। जिसके बाद फाइल चलन में आ सकेगी।

यह होता है नियम

शस्त्र लाइसेंस की एक फाइल पर थानेदार से लेकर एसएसपी तक के हस्ताक्षर होते हैं।

दूसरी फाइल पर तहसीलदार और एसडीएम के हस्ताक्षर होते हैं।

इसके बाद दोनों फाइलें शस्त्र अनुभाग में पहुंचती हैं।

यदि इस प्रक्रिया में फाइलों में लगी थाने की जांच रिपोर्ट छह माह पुरानी हो जाए, तो आवेदक को थाने से लेकर एसएसपी और तहसीलदार लेकर एसडीएम तक की जांच दोबारा करानी होती है।

दोबारा से हस्ताक्षर होने के बाद फिर फाइल चलन में आती है और फिर उस पर लाइसेंस देने की स्वीकृति डीएम के द्वारा होती है, जिसके बाद लाइसेंस जारी होता है।

लॉकडाउन में सभी विभाग बंद थे। शस्त्र लाइसेंस फाइलों पर भी काम नहीं हो सका। जिन फाइल में लगी पुलिस और अन्य अधिकारियों की जांच रिपोर्ट छह महीने पुरानी हो गई हैं, उनकी फाइल वापस संबंधित थानों को भेज दी गई हैं। सभी में दोबारा जांच रिपोर्ट लगेगी और फाइल पर फिर नए तरीके से विचार किया जाएगा।

सत्येंद्र कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट, मेरठ

Posted By: Inextlive