जिले में उद्योग धंधों के विकास के लिए बातें तो बहुत होती हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जिले में आधा दर्जन से अधिक जिम्मेदार विभाग होने के बावजूद स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स इंडस्ट्रीयल एरिया 40 साल बाद भी बुनियादी विकास की सुविधाओं को तरस रहा है। हालत यह है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क सीवर साफ-सफाई और जल निकासी के लिए नालियों जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शहर के पांच प्रमुख इंडस्ट्रीयल एरिया के ऐसे ही हालातों की पड़ताल करते हुए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पांच दिवसीय कैंपेन की शुरुआत की है। पढि़ए पहली किश्त...

मेरठ (ब्यूरो)। साल 1975 में दिल्ली रोड पर मेवला फ्लाईओवर के बराबर वाली जमीन को बतौर स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स इंडस्ट्रीयल एरिया विकासित करने के लिए तय किया गया था। 1981 में इस जगह पर स्पोट्र्स कारोबारियों का आना शुरू हुआ। इसी के चलते इंडस्ट्रीयल एरिया तो विकसित होना शुरू हो गया लेकिन इस जगह पर बेसिक सुविधाओं का इंतजाम आज तक नहीं हो पाया है। आज 40 साल बाद भी स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स इंडस्ट्रीयल एरिया में सड़क, नालियां, सीवर लाइन, कूड़ा निस्तारण, साफ-सफाई और स्ट्रीट लाइट जैसी बेसिक सुविधाओं का अभाव है।

नगर निगम की अनदेखी
1981 से लगातार स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स इंडस्ट्रीयल एरिया के कारोबारी नगर निगम को हाउस टैक्स अदा कर रहे हैं। बावजूद इसके नगर निगम इस एरिया में एक पक्की सड़क और जल निकासी के लिए कामयाब व्यवस्था तक नहीं दे पा रहा है। इसके कारण हर साल बरसात में औद्योगिक क्षेत्र की सड़कें और फैक्ट्रियां जलभराव से जूझती हैं। इस पूरे क्षेत्र मेें सीवर लाइन तो दूर बल्कि जल निकासी के लिए प्रॉपर नालियां और नाले तक नहीं है। नालियां जो बनी हुई हैं वह गंदगी के कारण जाम रहती हैं। दरअसल, इसका प्रमुख कारण मेन रोड पर बने बड़े नाले का लेवल स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स इंडस्ट्रीयल एरिया के नाले से ऊंचा होना है। प्रमुख नाले का लेवल ऊंचा होने के कारण औद्योगिक क्षेत्र का पानी नाले में जाने के बजाए वापस आ जाता है।

ये हैैं प्रमुख समस्याएं
जगह-जगह टूटी-फूटी और गड्ढे वाली सड़कें
पानी की निकासी न होने के चलते भरे हुए नाले
जगह-जगह कूड़े के ढेर गंदगी, आवारा पशु
सीवर लाइन की कमी
जल निकासी के लिए नालियों की कमी
स्ट्रीट लाइट का आभाव

फैक्ट्स
जिले में 45 हजार से अधिक औद्योगिक इकाईयां संचालित
23,471 औद्योगिक इकाईयां, 15,510 छोटी इकाईयां व 7922 कुटीर उद्योग जिले में
120 के करीब इंडस्ट्रीज स्पोट्र्स कॉम्पलैक्स एरिया और स्पोट्र्स एन्क्लेव में
26 इंडस्ट्रीज प्रमुख स्पोटर्स कॉम्पलेक्स एरिया में
50 से अधिक इकाईयां करती हैं निर्यात
10 लाख से अधिक परिवारों को मिलता है रोजगार
42 एक्सपोर्ट हाउस

एक नजर में टर्नओवर
8000 करोड़ करीब मेरठ की इंडस्ट्री का कुल टर्न ओवर
1200 करोड़ करीब खेल उद्योग का टर्न ओवर
5.5 फीसदी करीब औद्योगिक विकास दर
3 लाख करीब संगठित क्षेत्रों में रोजगार
1000 करोड़ करीब प्रकाशन उद्योग
500 करोड़ करीब कॉरपेट उद्योग
600 करोड़ ट्रांसफार्मर उद्योग

मेरठ के प्रमुख उद्योग
खेल एवं कृषि उपकरण, चीनी मिलें, मीटेक्स प्लांट, टेक्सटाइल, ट्रांसफार्मर उद्योग, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, कलपुर्जे, सीमेंट उद्योग, फूड एंड बेवरेज, फूड प्रोसेसिंग, स्टील इंडस्ट्री, प्रकाशन उद्योग, रबर कारोबार, कालीन, हैंडलूम, फिटनेस उपकरण, केमिकल प्लांट, सर्जिकल आयटम, दवा और फर्टिलाइजर्स इंडस्ट्री, कागज, कैंची उद्योग, चमड़ा उद्योग, आसव व रसायन, बैंडबाजा, वाद्य यंत्र उद्योग, सराफा कारोबार, वाहन रिपेयरिंग व मोती उद्योग प्रमुख हैं।

इंडस्ट्रीयल एरिया में बेसिक सुविधाओं का अभाव है। यहां नगर निगम और यूपीएसआईडी के अंडर में होने के बाद यहां औद्योगिक एरियों को विकास के लिए तरसना पड़ रहा है। स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स एरिया में जल निकासी, सड़क और साफ-सफाई की समस्या बनी हुई हैं। लगातार मांग के बाद भी अनदेखी है।
सुमनेश अग्रवाल, अध्यक्ष आईआईए

इंडस्ट्रियल एरिया में तमाम दिक्कतें हैं। यहां सड़कें खराब हैं, जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। दिल्ली रोड पर अतिक्रमण के कारण हमारा माल निकलना तक मुश्किल हो गया है। नियमित रुप से कूड़ा तक नहीं उठता। लगातार प्रशासन, निगम और जनप्रतिनिधियों से मांग के बाद भी बेसिक सुविधाएं तक नहीं हैैं।
त्रिलोक आनंद, अध्यक्ष स्पोट्र्स गुड्स मैन्यूफैक्चर एंड एक्सपोर्ट्स एसो.

यहां सड़कों की हालत अत्याधिक खराब है, पार्कों में नाले की गंदगी भरी रहती है। नाले की सफाई न होने से नाले का पानी यहां गलियों और पार्क में भर जाता है। स्ट्रीट लाइट हमेशा खराब ही रहती हैं रात के समय सिक्योरिटी का इश्यू रहता है।
राजेंद्र जैन, सचिव, स्पोटर्स गुडस मैन्यूफैक्चर एंड एक्सपोर्टस एसो.

यहां सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के मौसम में होती हैं। दिल्ली रोड पर बने मेन नाले का लेवल ऊंचा होने के कारण जल निकासी नहीं हो पाती है। ऐसे में पूरा एरिया जलभराव की समस्या से जूझता है। उद्यमियों को लाखों का नुकसान झेलना पड़ता है। यहां जल निकासी की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है।
क्षितिज अग्रवाल, डायरेक्टर, प्रीमियम लेग्गार्ड

Posted By: Inextlive