हार्ट न्यूरो लीवर किडनी से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए अब मेरठ के मरीजों को दिल्ली या लखनऊ जैसे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। जल्द ही मेरठ मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में मिनी एम्स के तर्ज पर आधुनिक इलाज व जांच की सुविधाएं मिलना शुरु हो जाएंगी। उम्मीद है कि अब दो साल से अधर में अटकी सुविधाएं शुरू होंगी। इसके लिए शासन स्तर से स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की नियुक्त भी शुरू हो गई है।

मेरठ, (ब्यूरो)। दरअसल, प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों में इस माह से सुपर स्पेशियलिटी सेवा का शुभारंभ हो रहा है। इन मेडिकल कॉलेज में मेरठ मेडिकल कॉलेज का नाम भी शामिल है। कोरोना की दो लहरों के कारण मेडिकल कॉलेज का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल मिनी एम्स नहीं बन पाया था। मेरठ के साथ ही कानपुर, आगरा, प्रयागराज, झांसी और गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को इस सूची में शामिल किया गया है। मेरठ समेत इन सभी कॉलेजों में अलग से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बने हुए हैं। जिनमें अब हार्ट, न्यूरो, लीवर, प्लास्टिक सर्जरी, पीडियाट्रिक्स और किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज होगा।

डॉक्टर्स की हुई नियुक्ति
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को पिछले साल से कोविड-19 लेवल 3 वार्ड बनाकर संचालित किया जा रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमी के चलते यहां पर संचालन नही हो पा रहा था। ऐसे में शासन स्तर पर चिकित्सा संस्थानों एवं मेडिकल कॉलेजों में इस साल डीएम (डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन) और एमसीएच (मास्टर ऑफ क्यूरिगियाई) की डिग्री पूरी करने वाले सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टरों को बॉन्ड के तहत तैनात कर दिया गया है। इसके तहत सोमवार को मेरठ में दो कार्डियोलोजिस्ट चिकित्सकों ने ज्वाइन किया। इसे अलावा 2 न्यूरो चिकित्सक, नेफ्रोलोजिस्ट की इस सप्ताह ज्वाइनिंग हो जाएगी। इनकी तैनाती 2 साल के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर की गई है।

दो साल से इंतजार
मेडिकल कॉलेज में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत 150 करोड़ रुपये से सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक तैयार किया जा चुका है। 2016 में इसकी नींव रखी गई थी। बिल्डिंग बनने के बाद लगातार कमियों के चलते उद्घाटन नहीं हो पाया था। इस ब्लॉक में 70 करोड़ से ज्यादा के उपकरण लगाए गए हैं। हालांकि शुरू होने से पहले ही यह कोरोना की भेंट चढ़ गया। इसे कोविड-19 लेवल-3 अस्पताल में तब्दील करना पड़ा था।

यह मिलेंगी सुविधाएं
- जले हुए मरीजों के लिए रिकंस्ट्रक्टिव व प्लास्टिक सर्जरी

- कैंसर के मरीजों के लिए रेडियोलॉजी थेरेपी

- गुर्दे के मरीजों के लिए नेफ्रोलॉजी ओपीडी और नेफ्रो सर्जरी

- दिल की सर्जरी के कार्डियोथोरेसिक व वैस्कुलर सर्जरी

- बच्चों के लिए पीडियाट्रिक ओपीडी और पीडिया सर्जरी


मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी विंग का लगातार संचालन जारी है। कई टेस्ट व इलाज मरीजों के हो रहे हैं। अब कॉर्डियोलोजिस्ट चिकित्सकों की सोमवार को नियुक्त हो गई। बाकी चिकित्सक भी जल्द ज्वाइन करेंगे।
- आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive