एसटीएफ के साथ एनसीईआरटी की विजिलेंस टीम, सेल्स और इनकम टैक्स की टीम भी जांच में जुटी

नकली किताबों में मिला एनसीईआरटी वॉटर मार्क वाला पेपर, पेपर मिल की तरफ घूमी एसटीएफ की जांच

Meerut। मेरठ और गजरौला में प्रिंटिंग प्रेसों में एनसीईआरटी की करोड़ों की नकली किताबों के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ ने कई पेपर मिल पर शिकंजा कसने की तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। दरअसल, एनसीईआरटी की विजिलेंस टीम ने जांच के लिए जो मेरठ और गजरौला के प्रिंटिंग प्रेसों से नकली किताबों के जो सैंपल जुटाए हैं, उनमें साधारण पेपर के साथ ही एनसीईआरटी के वाटरमार्क वाले पेपर भी मिले हैं।

पेपर मिल पर शिकंजा

एनसीईआरटी की नकली किताबों का कनेक्शन बढ़ता ही जा रहा है। एसटीएफ के सीओ बृजेश सिंह और एनसीआरईटी के सतर्कता अधिकारी आशुतोष मिश्रा के बीच बातचीत हुई। जिसमें आशुतोष मिश्रा ने यह बताया कि एनसीईआरटी के वारटरमार्क पेपर और अन्य पेपर कुछ ही पेपर मिल को देने के लिए अधिकृत किया गया है। जो भी अधिकृत पब्लिकेशन किताबों को प्रिंट करते हैं, उनको ही यह पेपर दिया जाता है। मगर यह पेपर नकली किताबों की छपाई में कैसे शामिल हुआ, ये बड़ा सवाल है। माना तो यह भी जा रहा है कि नकली किताबों का कारोबार करने वालो की सेटिंग कई पेपर मिल तक है। हालांकि एसटीएफ जांच में जुटी है और भूमिका सामने आने पर जल्द संबंधित पेपर मिल पर भी गाज गिर सकती है।

कई जांच एक साथ शुरू

शुक्रवार को छापे में मेरठ और गजरौला के गोदामों से मिली एनसीईआरटी की करोड़ों की नकली किताबों के बाद एसटीएफ की जांच अब पेपर मिल की तरफ घूम गई है। वहीं एनसीईआरटी की विजिलेंस टीम भी एनसीईआरटी की नकली किताबों में एनसीईआरटी के वॉटर मार्क वाले पेपर मिलने के बाद जांच में जुट गई है। जबकि सेल्स टैक्स की टीम भी ये तथ्य जुटाने में लग गई कि किताबें छापने के लिए जो पेपर, इंक, थिनर व अन्य सामान खरीदा जा रहा था, वह किसी रजिस्टर्ड फर्म से खरीदा जा रहा था या नहीं। वहीं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी प्रिंटिंग प्रेस से होने वाले सालाना कारोबार को खंगालने में जुट गया है।

एसटीएफ टीम की कार्रवाई के बाद सेल्स टैक्स, इनकम टैक्स और एनसीईआरटी की विजिलेंस टीम भी अपनी जांच कर रही है। सभी विभाग साथ मिलकर काम कर रहे हैं। नकली किताबों के कारोबार में जो भी भागीदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ

Posted By: Inextlive