जैक लगाकर उठाया जा रहा पुरानी फैक्ट्री का लेंटर

नीचे काम कर रहे मजदूरों पर भरभरा कर गिरा लेंटर

नगर निगम की टीम ने सभी घायलों को मेडिकल में कराया भर्ती

Meerut। लिसाड़ी गेट के मेवगढ़ी में बुधवार को जर्जर कैंची फैक्ट्री का लेंटर उठाने के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया। मलबे में नौ मजदूर दब गए। चीख -पुकार पर आसपास के लोग दौड़े और घायलों को मेडिकल कॉलेज भेजा, जहां चिकित्सकों ने एक मजदूर को मृत घोषित कर दिया। हादसे में एक व्यक्ति का आधा हाथ भी अलग हो गया। सूचना के घंटों बाद भी एंबुलेंस के नहीं पहुंचने पर लोगों ने हंगामा किया। लिसाड़ी गेट पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों से नोकझोंक हो गई। सूचना पर नगर निगम टीम भी पहुंची और मामले की जानकारी की। पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।

क्या है मामला

लिसाड़ी गेट के श्यामनगर निवासी हाजी समीरूद्दीन, फिरोज नगर घंटे वाली गली निवासी रहीस और विकासपुरी निवासी जियाउद्दीन साझेदार है। काफी साल पहले उन्होंने मेवगढ़ी जामिया चौक मदरसे के पास में छपाई का कारखाना खरीदा था। तीनों ने यहां कैंची की फैक्ट्री शुरू की। लोगों ने बताया कि यहां स्पो‌र्ट्स का सामान भी बनता है। फिलहाल फैक्ट्री जर्जर हालत में है, इसलिए लेंटर उठाया जा रहा था। चार-पांच दिन से काम चल रहा था। तीन सौ गज के लेंटर को उठाने के लिए 42 जैक लगाए गए थे, जबकि नौ मजदूर काम कर रहे थे। बुधवार को काम के दौरान अचानक लेंटर भरभराकर गिर गया। सभी मजदूर मलबे में दब गए। धमाके के साथ लेंटर गिर गया। इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान आसपास के लोग दौड़े और घायलों को मलबे से निकालने में जुट गए। आनन-फानन में सभी को निकालकर मेडिकल कालेज भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने रामपुर निवासी अजीत को मृत घोषित कर दिया। रशीदनगर निवासी आमिर का उल्टा आधा हाथ कट गया, जबकि रामपुर निवासी बंटी, रवि, रविंद्र, टीटू, तारापुरी निवासी भाई आसिफ और नाजिम (ठेकेदार) भी घायल हो गए। हादसे की सूचना पर शहर विधायक रफीक अंसारी मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घायलों का हाल जाना। वहीं बताया जा रहा है कि आमिर का कटा हुआ था मलबे से दब गया, वह किसी को नहीं मिल सका है।

एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर हंगामा

हादसे के बाद लोग बचाव में जुट गए थे। लगातार एंबुलेंस को फोन किया जा रहा था लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। पुलिस भी करीब पौन घंटे लेट पहुंची थी, तब तक लोग हाथों से ही मलबे को हटा रहे थे। पुलिस को देखते ही लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि इतना बड़ा हादसा हो गया और एंबुलेंस और पुलिस देर से पहुंची है। काफी देर चले हंगामे के बाद पुलिस के समझाने पर लोग शांत हुए और घायलो को छोटा हाथी में उपचार के लिए अस्पताल ले गए। वहीं लिसाड़ी गेट इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल का कहना है कि इस मामले में अभी कोई तहरीर नहीं आई है, इसलिए कोई मुकदमा कायम नहीं किया गया है। मृतक या घायलों के परिवार का कोई भी तहरीर देता है तो मुकदमा कायम कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कई घंटे तक चला रेस्क्यू

लेंटर गिरने के बाद इलाके में खलबली मच गई। कई घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर घायलों को बाहर निकाला गया। इसको लेकर अफरातफरी का माहौल बना रहा। खून से लथपथ देखकर लोगों के होश उड़ गए।

अवैध निर्माण की भेंट चढ़ी जिंदगी

लिसाड़ीगेट के मेवगढ़ी में बुधवार को एक निर्माणाधीन भवन गिरने से हुए हादसे में एक शख्स की मौत हो गई। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह जो भवन गिरा था वह कॉमर्शियल था और बिना अनुमति के भवन को ऊंचा उठाया जा रहा था। यह दोनों ही काम पुलिस प्रशासन की बिना अनुमति के हो रहे थे, जिससे यह हादसा हो गया। ऐसे सैकड़ों अवैध कॉमर्शियल भवनों का निर्माण शहर में किया जा रहा है जिनकी संबंधित विभाग या प्रशासन को भनक तक नही है।

बिना अनुमति बना कॉमर्शियल भवन

मेवगढ़ी में जिस भवन का निर्माण हो रहा था उस भवन का आवासीय क्षेत्र में कामर्शियल प्रयोग किया जा रहा था। थाना पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के चलते कई साल से यहां छपाई का कारखाना संचालित हो रहा था। पिछले कुछ साल से यहां कैंची बनाने का कारखाना चल रहा था। लेकिन इस कॉमर्शियल भवन की जांच आज तक किसी विभाग ने नही की और ना ही इसको प्रशासन ने संज्ञान में लिया।

जैक से उठाया जा रहा था भवन

जिस भवन में हादसा हुआ उसको ठेकेदार द्वारा गाडि़यों के जैक के माध्यम से उठाकर ऊंचा किया जा रहा था। जैक के प्रयोग के लिए एक्सपर्ट की राय के बाद ही किया जाता है लेकिन उसके लिए भी संबंधित निर्माण ईकाई के इंजीनियर की अनुमति के बाद पूरी प्लानिंग के तहत किया जा सकता है। लेकिन शहर मे जगह जगह लोकल ठेकेदार अवैध रुप से जैक का प्रयोग कर रहे हैं। यह हादसा भी ऐसी ही लापरवाही के कारण हुआ है।

सहायक नगराआयुक्त ने किया निरीक्षण

हादसे के बाद नगर निगम के सहायक नगरायुक्त ब्रजपाल सिंह ने हादसे के स्थल का निरीक्षण किया लेकिन अपनी लापरवाही की जिम्मेदारी नही ली। जिस जगह हादसा हुआ वह नगर निगम के दायरे में आता है और भवन काफी पुराना होने के बाद भी नवीनीकरण कराया जा रहा था। हालांकि निगम के अधिकारियों ने बताया कि हादसा निजी ठेकेदार की लापरवाही से हुआ था। इसमें निगम का कोई रोल नही है।

Posted By: Inextlive