यूपी बोर्ड ने भी जारी किए नियम, स्कूल न आने वाले बच्चों के लिए चलती रहेगी ऑनलाइन क्लासेज

वित्तविहीन स्कूलों के पास नहीं है फंड, सेनेटाइजर, मास्क और थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था बड़ी चुनौती

Meerut। 19 अक्टूबर से स्कूल खुलने की दिशा में यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों ने भी अपनी तैयार कर ली है। हालांकि यूपी बोर्ड में साधन कम होने की वजह बोर्ड की ओर से ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ाया गया सिलेबस दोबारा पढ़ाया जाएगा। वहीं जिन स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन क्लासेज की हैं, उन्हें भी रिवीजन करवाने की तैयारी स्कूल कर रहे हैं।

दो दिन एक ही पढ़ाई

शासन के निर्देशों के तहत स्कूल एक दिन में एक सेक्शन के आधे स्टूडेंट्स को ही बुलाएगा। स्टूडेंट्स के क्लास में छह फीट की दूरी पर बैठाने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही दूसरे दिन बचे हुए आधे स्टूडेंट्स को बुलाया जाएगा। इस क्रम में टीचर्स दो दिन एक ही सिलेबस पढाएंगे। स्कूलों की ओर से इस संबंध में टीचर्स को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

दो शिफ्ट में चलेंगी क्लासेज

अनलॉक-5 में स्कूल री-ओपन करने की गाइडलाइन के तहत स्कूल में क्लासेज दो शिफ्ट में लगेंगी। ऐसे में छह घंटे के कुल शेड्यूल में तीन घंटे नौंवीं और 10वीं जबकि बाकी तीन घंटे 11वीं और 12वीं की पढ़ाई होगी। इसके बाद अगले दिन दोनों क्लासेज के बचे हुए स्टूडेंट्स को बुलाया जाएगा। इस दौरान ये भी निर्देश हैं कि सभी क्लासेज का प्रयोग होने के बाद उन्हें सेनेटाइज करवाया जाएगा।

नहीं मिल रही अनुमति

स्कूल में बच्चों को बुलाने से पहले पेरेंट्स की अनुमति लेना अनिवार्य है। जबकि अभी तक यूपी बोर्ड के स्कूलों में 30 प्रतिशत पेरेंट्स ने भी अपनी स्वीकृति नहीं दी है। स्कूलों का कहना है कि पेरेंट्स की लिखित अनुमति के बिना बच्चों को नहीं बुलाया जा सकता है।

वित्तविहीन स्कूलों के सामने चुनौती

स्कूल खुलने से पहले संचालकों को परिसर में मास्क, सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग आदि की व्यवस्था करनी होगी। मगर वित्तविहीन स्कूलों के सामने ये बड़ी चुनौती बनी हुई है। चूंकि स्कूलों के पास इन व्यवस्थाओं के लिए फंड ही नहीं है। रेडक्रास के तहत भी सालभर में हर बच्चे से 12 रूपये लिए जाते हैं। जिसका अनुदान सोसाइटी को भी दिया जाता है। ऐसे में संसाधनों की व्यवस्था करना वित्तविहीन स्कूलों के लिए चुनौती बन रहा है।

इनका है कहना

स्कूल खोलने को लेकर सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। बड़ी समस्या फंड की है। बिना फंड सभी नियमों का पालन कैसे किया जा सकेगा, इस पर विचार किया जा रहा है। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पेरेंट्स भी अभी तैयार नहीं हैं, ये भी बड़ी समस्या है।

सुदीप शर्मा, प्रिंसिपल, सनातन धर्म इंटर कॉलेज, सदर

स्कूल में क्लासेज दो शिफ्ट में लगाई जाएंगी। शेड्यूल तैयार कर सभी को भेज दिया गया है। फिजिकल क्लासेज के तहत बच्चों को रिवीजन करवाना जरूरी है ताकि वह कोर्स को अच्छे से समझ सकें। पेरेंट्स से भी इस बारे में बात की जा रही है।

वीर बहादुर सिंह, प्रिंसिपल, केके इंटर कॉलेज

स्टूडेंट्स का फ्यूचर और उनकी हेल्थ सबसे जरूरी है। स्कूल में किसी भी स्टूडेंट को आने के लिए फोर्स नहीं किया जा रहा है। जो बच्चे आएंगे, उनके लिए व्यवस्था की जा रही है। जो ऑनलाइन पढ़ना चाहते हैं उनके लिए व्यवस्था चालू रहेगी।

डॉ। सुखनंदन त्यागी, प्रिंसिपल, राम सहाय इंटर कॉलेज

बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूलों को बेहद सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। तमाम चेकिंग और सेनेटाइजेशन की व्यवस्था के बाद ही बच्चों को अंदर क्लासेज में भेजा जाएगा। इसको लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

गिरजेश चौधरी, डीआईओएस, मेरठ

Posted By: Inextlive