10 से 4 बजे तक होंगे खाली सिलेंडर जमा

24 से 48 घंटे में बदले में मिलेगा भरा सिलेंडर

3 जगह पर ऑक्सीजन गैस सिलेंडर संग्रह और वितरण केंद्र बने

फर्जी आवेदन मिलने पर सिलेंडर होगा जब्त

Meerut कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान होम आइसोलेशन में उपचार ले रहे मरीजों को अब ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए परेशान नही होना पड़ेगा। जिला प्रशासन ने शहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की मारामारी को कम करने के लिए शहर में तीन ऑक्सीजन सेंटर बनाए हैं। इन सेंटर्स पर जरुरतमंद खाली सिलेंडर लाकर ऑक्सीजन का भरा हुआ सिलेंडर प्राप्त कर सकेंगे.इन सेंटर्स पर निर्धारित शुल्क पर सिलेंडर जमा करने बाद 24 से 48 घंटे के भीतर भरा हुआ सिलेंडर जरुरतमंदों को मिल सकेगा। इन ऑक्सीजन सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है। निगम ने आदेश के अनुपालन में तीनों सेंटर्स पर नोडल अधिकारियों की डयूटी लगाते हुए सेंटर्स को चालू कर दिया है।

जमा होंगे खाली सिलेंडर

जिलाधिकारी के बालाजी के निर्देशानुसार शहर में तीन जगह पर ऑक्सीजन गैस सिलेंडर संग्रह और वितरण केंद्र बनाए गए हैं। इस सेंटर्स के संचालन में नगर निगम के साथ साथ पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग के अधिकारी सहयोग करेंगे। जिलाधिकारी के आदेश पर नगरायुक्त मनीष बंसल ने दोपहर बाद ही निगम के आला अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी सेंटर्स पर लगाते हुए सेंटर्स को अपडेट करना शुरु कर दिया। इन सेंटर्स पर सुबह 10 बजे से 4 बजे तक सिलेंडर एकत्र किए जाएंगे उसके बाद आने वाले खाली सिलेंडर की रिफलिंग अग्रवाल गैसेज परतापुर और माहेश्वरी गैसेज मोहिद्दीनपुर से की जाएगी।

यह रहेंगे सेंटर्स

सेंटर्स नोडल अधिकारी

सामुदायिक केंद्र, डिफेंस एन्कलेव, कंकरखेडा- राजेश कुमार, कर निर्धारण अधिकारी

नवभारत विद्यापीठ इंटर कालेज दिल्ली रोड- नर सिंह राणा, कर निरीक्षक

सेक्टर तीन सामुदायिक केंद्र - जागृति विहार

ये दस्तावेज दिखाने होंगे

सिलेंडर लेने आने वाले शख्स के आधार कार्ड की फोटो कापी

मरीज जिसके लिए सिलेंडर लिया जा रहा उसके आधार कार्ड की कापी

डॉक्टर की दवा का पर्चा

आक्सीजन लेवल रिपोर्ट

कोरोना टेस्ट रिपोर्ट

ये शुल्क हुआ निर्धारित

डी टाइप बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 600 रुपये प्रति सिलेंडर

बी टाइप छोटे आक्सीजन सिलेंडर के लिए 250 रुपये प्रति सिलेंडर

वीडियो कॉल कर मरीज से होगी बात

इस व्यवस्था को पूरी तरह पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

सेंटर्स पर सिलेंडर लेने आए व्यक्ति समेत मरीज की पूरी डिटेल मोबाइल नंबर, पता नोट किया जाएगा।

मरीज से वीडियो कॉल करके मरीज की वास्तविक स्थिति का सत्यापन होगा।

यह नोडल अधिकारी संतुष्ट होगा तभी खाली सिलेंडर लेकर भरा हुआ सिलेंडर दिया जाएगा।

सिलेंडर पर पहचान के लिए नाम नंबर और तारीख लिखी जाएगी और इसके बाद सिलेंडर का टोकन दिया जाएगा।

ऑक्सीजन सिलेंडर भरने के बाद फोन नंबर पर मरीज के तीमारदार को सूचित भी किया जाएगा।

फर्जी पर होगी कार्रवाई

इस दौरान सिलेंडर लेने आने वाले आवेदक द्वारा दी गई सभी जानकारियों की रेंडम चेकिंग कर सत्यापन भी किया जाएगा। यदि कोई भी व्यक्ति फर्जी तरीके से सिलेंडर लेता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

यदि किसी आवेदक द्वारा दी गई जानकारी गलत निकली तो उस पर प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी

मनीष बंसल, नगरायुक्त

Posted By: Inextlive