आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने के विरोध में शुक्रवार को आईएमए चिकित्सकों ने बंद किए क्लीनिक

दूर-दराज समेत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से आए मरीजों को करना पड़ा परेशानी का सामना, अधिकतर मरीज बिना दवा और इलाज के ही लौटे वापस

Meerut। आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने के विरोध में शुक्रवार को आईएमए चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक बंद रखकर विरोध जताया। सुबह से ही शहर के अधिकतर क्लीनिक बंद रहे और प्राइवेट ओपीडी संचालित नही हुई। निजी चिकित्सकों की इस हड़ताल के कारण दूर- दराज समेत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से आए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

डीएम को सौंपा ज्ञापन

आईएमए के आह्वान पर चिकित्सकों ने शुक्रवार को निजी क्लीनिक व अस्पताल इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सारी सेवाओं को बंद रखा। दोपहर के समय आईएमए मेरठ चैप्टर के पदाधिकारियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की।

मरीज हुए परेशान

शुक्रवार को आईएमए की हड़ताल के चलते शहर के बाहर से इलाज के लिए आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के अंदर के मरीजों को अखबारों के माध्यम से सूचना मिल गई थी। मगर गांव-देहात व अन्य शहरों से आने वाले मरीज सुबह सवेरे से ही क्लीनिक पर पहुंचना शुरू हो गए लेकिन क्लीनिक बंद देख, वो वापस लौट गए। अधिकतर मरीज बिना दवा और इलाज के ही वापस लौट गए। हालांकि देर शाम छह बजे के बाद क्लीनिक खोले गए।

विरोध का कारण

दरअसल, सरकार ने आयुर्वेद के चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दे दिया है और आईएमए इसका विरोध कर रहा है। इसी विरोध के चलते आईएमए ने शुक्रवार को क्लीनिक बंद कर अपना विरोध दर्ज कराया। हालांकि इस दौरान गंभीर मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए इमरजेंसी सेवाएं जारी रहीं।

ड्रग एसोसिएशन का समर्थन

आईएमए चिकित्सकों की इस हड़ताल का जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने समर्थन करते हुए आईएमए की इस मांग का स्वीकार करने की सरकार से मांग की है। इस संबंध में जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री घनश्याम मित्तल ने बताया कि चिकित्सकों की मांग पूरी तरह से उचित है। शल्य क्रिया का कार्य विशेष तकनीकी दक्षता के बाद ही अनुमति के योग्य है। चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक आदि अन्य विधाओं के चिकित्सक महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं लेकिन शल्य क्रिया का कार्य योग्यता प्राप्त चिकित्सकों के द्वारा ही होना चाहिए। इसलिए दवा विक्रेता कभी भी चिकित्सकों से अलग नहीं है। हम जनपद के पांच हजार दवा विक्रेता, चिकित्सकों द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वाधान में किए जा रहे आंदोलन का पूर्ण समर्थन करते हैं।

बच्चे के इलाज के लिए कल्याणपुर से आए थे लेकिन क्लीनिक बंद मिला। डॉक्टर से फोन पर बात की लेकिन उन्होंने दोबारा बुलाया है।

आबिद

हम देवबंद से आए हैं। एक रिपोर्ट दिखाकर डॉक्टर से दवा लेनी थी लेकिन क्लीनिक बंद मिला। फोन पर बात कर डॉक्टर से दवा लिखवाई है।

हरपाल

Posted By: Inextlive