नगर निगम और पर्यावरण विभाग की टीम ने किया शहर का निरीक्षण

पहले से कम हुआ शहर में प्रदूषण का स्तर, एक्यूआई घटा

Meerut। ग्रैप यानी ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान लागू होने के बाद नगर निगम की फुटकर कार्रवाइयां चल रही हैं। इसी कड़ी में सोमवार को बिल्डिंग मैटीरियल खुले में रखने पर कार्रवाई की गई। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सोमवार के अंक में इस दिशा में की जा रही लापरवाही को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

निर्माण कार्यो की जांच

सोमवार को पर्यावरण विभाग और नगर निगम की निर्माण ईकाई ने शहर में निरीक्षण कर निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया। इस दौरान निर्माण सामग्री ढकने से लेकर पानी छिड़काव, स्प्रे गन का प्रयोग, झाडू आदि की व्यवस्था को देखने के बाद निर्देश जारी किए गए।

लगा जुर्माना

टीम ने कई जगह चेतावनी जारी कर ग्रैप के नियमों के अनुसार व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराया। वार्ड 16 के अतंर्गत, मंगल पांडेय नगर में खुले में बिल्डिंग मटैरियल का इस्तेमाल किए जाने पर नगर निगम ने 4 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। अभियान में सहायक अभियंता नानक चंद अवर अभियंता पदम सिंह, अनुज कुमार, राजपाल सिंह शामिल रहे।

प्रदूषण में मामूली राहत

सोमवार को शहर का एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी स्तर 253 रहा। हालांकि, ग्रैप लागू होने से पहले शहर का एक्यूआई 300 से पार पहुंच चुका था। फिर भी हवा का स्तर अभी भी खराब है, जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

कायम है कूड़े का ढेर

ग्रैप लागू होने के बाद भी शहर में जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ है और कूडे़ के ढेर में आग की घटनाओं में भी कमी नहीं आ रही है। नगर निगम ने पिछले 5 दिनों में कूड़ा जलाने के लगभग 27 मामलों में सख्त कार्रवाई की है। कूड़ा फेंकने वालों से 200 से 500 रुपए और आग जलाने वालों से पांच हजार रुपए तक का जुर्माना वसूला जा रहा है।

सोमवार को टीम का मूवमेंट शहर में जगह-जगह निर्माण सामग्री बेचने वालों की चेकिंग का रहा। खुले में पड़ी निर्माण सामग्री और शहर में जारी निर्माण कार्यो को गाइडलाइन के अनुसार करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान निर्माण सामग्री खुले में मिलने पर जुर्माना वसूला गया।

ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त

टीम ने शहर में कई जगह निरीक्षण किया। सफाई व्यवस्था से लेकर कूड़ा और निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया गया। जो निर्माण कार्य मानकों के अनुसार नही हो रहे हैं, उनकी जानकारी संबंधित इकाइयों को दी गई।

आर के सिंह, सहायक पर्यावरण अभियंता

Posted By: Inextlive