पांच हजार के करीब लोग हुए दिल्ली के लिए रवाना

कानून मंत्री को सौंपा वेस्ट यूपी के अधिवक्ताओं ने ज्ञापन

Meerut : वकील साहब हाईकोर्ट बेंच के लिए दिल्ली चले गए और केस की सुनवाई नहीं हो सकी। शुक्रवार को कचहरी में तमाम फरियादी इस तरह की बात करते नजर आए। कैंपस का नजारा बदला हुआ था। लोगों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम रही। फरियादी के चेहरों पर तनाव झलक रहा था। कैंटीन या टी-स्टाल पर भी सन्नाटा रहा।

कानून मंत्री को ज्ञापन

हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर सैंकड़ों की तादाद में वकीलों ने संसद का घेराव करते हुए जोरदार धरना प्रदर्शन किया। कानून मंत्री रवि शंकर को एक ज्ञापन सौंपा। कानून मंत्री ने उन्हें मेरठ में हाइकोर्ट बेंच की स्थापना का आश्वासन दिया। इसके बाद सारे अधिवक्ता मेरठ के लिए रवाना हुए।

दिल्ली हुए रवाना

वेस्ट यूपी के पांच हजार की तादाद में अधिवक्ता कचहरी के मेन गेट पर पहुंचे। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बसों में दिल्ली के लिए रवाना हुए। अधिवक्ताओं के दिल्ली पहुंचने पर कचहरी में हड़ताल रही। दिन भर अधिकतर वकीलों के चैंबरों में ताला लटका हुआ मिला। जमानत व तारीख लगाने आए लोग कचहरी में भटकते हुए दिखाई दिए, लेकिन उनकी किसी ने सुनवाई नहीं की।

दिखाइर् दी एकता

हाईकोर्ट बेंच की स्थापना के लिए कचहरी में एकता भी दिखाई दी। इस दौरान अधिकतर कचहरी में अधिवक्ता, मुंशी, टाइपिस्ट, चाय व होटल भी बंद दिखाई दिए। जिससे लोग कचहरी में भटकते हुए दिखाई दिए।

विरोध में तालाबंदी

कचहरी में हड़ताल के चलते वकीलों ने रजिस्ट्री आफिस में भी तालाबंदी की। लेकिन रजिस्ट्री आफिस में बाहर से ताला लगाकर अंदर कर्मचारी काम करते हुए दिखाई दिए।

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मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की मांग 40 साल पुरानी है। वह इस बेंच के लिए हमेशा संघर्ष करते रहेंगे।

राजेंद्र सिंह जानी

अध्यक्ष, मेरठ बार एसोसिएशन

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मेरठ के भाजपा सांसद, विधायक आदि नेता साथ नहीं दे रहे हैं, अगर वह समर्थन कर दें तो हाईकोर्ट बेंच मेरठ में आने में देर न लगेगी।

देवकी नंदन शर्मा

महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन

आज खुलेगी कचहरी

दो दिन की हड़ताल के बाद शनिवार को कचहरी में सभी अधिवक्ता अपना न्यायिक कार्य करेंगे.

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वकीलों की हड़ताल के चलते कोर्ट में तारीख नहीं लग पाई। मैं दस किलोमीटर दूर से आया था।

गुड्डू जेवरी गांव

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हाईकोर्ट बेंच की स्थापना मेरठ में होनी चाहिए, इसके लिए वकीलों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहिए। कचहरी में हड़ताल से कोई फायदा नहीं है।

सोबिर मेवला फाटक

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आज हमारे मकान की रजिस्ट्री होनी चाहिए थी। वकीलों ने जबरन रजिस्ट्री कार्यालय बंद करवा दिया और मकान की रजिस्ट्री नहीं हो पाई।

नरेंद्र गुप्ता, माधवपुरम

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सुबह से शाम तक वह कोर्ट के बाहर खड़े रहे। अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते केस की सुनवाई नहीं हो सकी।

हुकुम सिंह, सरधना

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Posted By: Inextlive