योजना तैयार, बस बजट का इंतजार
32 हजार करोड़ रुपये की परियोजना को केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक का इंतजार
24 जुलाई को लखनऊ में बैठक, कमिश्नर ने की विभागों के साथ बैठकMeerut। रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) की डीपीआर केंद्र सरकार में जमा की जा चुकी है और पीआईबी स्टेज में है। जिसकी बैठक अगस्त के प्रथम सप्ताह में अपेक्षित है। पीआईबी के बाद यह कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी, कैबिनेट की स्वीकृति के 45 दिन के अंदर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। कैबिनेट की बैठक से पहले केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की राह में फंड का रोड़ा आ रहा है। शनिवार को आरआरटीएस की बैठक में कमिश्नर अनीता सी मेश्राम को नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी)के अधिकारियों ने योजना की समीक्षा बैठक के दौरान जो समस्याएं बताई उसके सबसे बड़ी समस्या फंड का न होना है। कमिश्नर ने योजना से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आ रही अड़चनों को दूर करें।
2024 में कर सकेंगे सफरएनसीआरटीसी के गु्रप महाप्रबंधक प्लानिंग सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक आरआरटीएस का संचालन होगा। प्रोजेक्ट की शुरूआत जुलाई 2018 में होनी थी, जो कैबिनेट बैठक न होने से अटकी है। जून 2023 मेरठ सीमा के रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा तो वहीं जून 2024 तक परियोजना को सराय काले खां से लिंक कर दिया जाएगा। अनुमानित लागत 31632 करोड़ रुपये है।
शासन से समक्ष रखेंगे कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने बताया कि आरआरटीएस को लेकर आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए 24 जुलाई को लखनऊ में शासन के साथ बैठक है। समीक्षा बैठक में उपाध्यक्ष एमडीए साहब सिंह, अपर आयुक्त जयशंकर दूबे, जीडीए के सचिव संतोष रॉय, एडीएम एलए मेरठ ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह, गाजियाबाद मदन सिंह, नगरायुक्त मेरठ मनोज चौहान, गाजियाबाद सीपी सिंह आदि मौजूद थे।