50 दिन बाद भी रूपक का शव बोरवेल से न निकालने के विरोध में धरने पर बैठा था परिवार

पीडि़त परिवार का आरोप, रूपक की मां से पुलिसकíमयों ने की हाथापाई

Meerut। हत्या के 50वें दिन भी आइटीआई के छात्र रूपक का शव पुलिस-प्रशासन बोरवेल से नहीं निकाल पाया है। इसी के विरोध में पिछले पांच दिन से रूपक की मां अनशन पर और परिजन अपने फाजलपुर स्थित आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं। गुरुवार सुबह पुलिस-प्रशासन के अधिकारी पहुंचे और रूपक की मां मिथिलेश का अनशन व धरना खत्म करवा दिया। रूपक के पिता जसवंत ने पुलिस पर बल प्रयोग करने का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि रोहटा के जिटोला गांव में तीन दिन के भीतर सड़क का निर्माण कराकर बोरवेल की खोदाई शुरू करा दी जाएगी।

जोर-जबरदस्ती का आरोप

गुरुवार को एसीएम सुनीता सिंह, सीओ दौराला पंकज सिंह, इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा बीएस राणा दो थानों की पुलिस के साथ धरनास्थल पर पहुंचे और धरना समाप्त करने को कहा। मिथिलेश ने इंकार किया तो उन्हें कार्रवाई की चेतावनी दी गई। पीडि़त परिवार के घर पर ही बने खाने को मंगाकर मिथिलेश को खिलाने का प्रयास किया लेकिन मिथिलेश ने इंकार कर दिया। जसवंत का आरोप है कि इस पर महिला पुलिसकर्मी मिथलेश को खींचते हुए पुलिस जीप में ले गई और जबरन बैठाने लगीं। उन्होंने पत्नी को छुड़ाया और पुलिस से बचने के लिए खाने को कहा। मिथिलेश को जबरन खाना खिलाकर अनशन-धरना समाप्त करा दिया गया। सपा नेता अतुल प्रधान भी पहुंचे और पुलिस को दमनकारी बताते हुए इस कृत्य का विरोध किया।

क्या था मामला

दरअसल, कंकरखेड़ा के फाजलपुर-अनूपनगर निवासी रूपक पुत्र जसवंत को उसके पांच दोस्त 25 जून को घर से बुलाकर जिटोला गांव के जंगल में ले गए। यहां गोली मारकर उसकी हत्या की और शव गड्ढे में दबा दिया। दो दिन बाद आरोपियों ने गड्ढे से शव निकालकर कुल्हाड़ी से उसके टुकड़े किए और बोरवेल में डाल दिए। पुलिस ने पांचों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 150 फीट गहरे बोरवेल से शव के टुकड़े अब तक नहीं निकले हैं। इसी के विरोध में मृतक के पिता, मां और परिजन पिछले पांच दिनों से घर के बाहर ही अनशन व धरने पर बैठे थे।

पुलिस ने जबरन धरना खत्म कराया है। पत्नी को जबरदस्ती खाना खिलाया गया है। पुलिस ने सड़क का निर्माण कराकर खोदाई कराने के लिए तीन दिन का समय मांगा है। अगर कार्रवाई न हुई तो धरना फिर से शुरू करेंगे।

जसवंत, रूपक के पिता

किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की गई है। मिथिलेश का ब्लड प्रेशर डाउन हो रहा था। उनसे आग्रह किया गया कि वह खाना खा लें, जिससे उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ जाए। उनसे यह भी कहा गया कि खाना नहीं खाने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। उसके बाद उन्होंने खाना खा लिया और धरना समाप्त कर दिया। तीन दिन में सड़क का निर्माण कराकर खोदाई का काम भी शुरू होगा।

सुनीता सिंह, एसीएम

Posted By: Inextlive