लापता हो गए 107 दंगाई, घर-घर तलाश रही पुलिस

गैर जमानती वारंट को लेकर घर-घर भटक रही है लिसाड़ी गेट पुलिस

1987 दंगे के 108 आरोपियों के जारी हुए है गैर जमानती वारंट

34 साल बीत जाने के बावजूद पुलिस को नहीं मिले आरोपी

1987 में मेरठ शहर को चार माह तक कफ्र्यू झेलना पड़ा था।

136 लोगों की मौत हो गई थी दंगों में

108 आरोपियों के कोर्ट से वारंट हुए हैं जारी

Meerut। 34 साल पहले 1987 में हुए सांप्रदायिक दंगे के मामले में 108 आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी किए गए है। इसमें एक आरोपी तो गिरफ्तार हो गया है, जबकि 107 आरोपियों को पुलिस तस्दीक नहीं कर सकी है। पुलिस भटक दर-दर की ठोकरे खा रहे है, लेकिन बावजूद इसके आरोपी पकड़ में नहीं आ सका है।

गैर जमानती वारंट जारी किए गए

1987 का वह सांप्रदायिक दंगा जिसे आज भी याद कर मेरठवासियों की रूह कांप जाती है। 1987 में मेरठ शहर को चार माह तक कफ्र्यू झेलना पड़ा था। हालात काबू करने के लिए सेना को शहर में उतरना पड़ा था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दंगे में मरने वालों की संख्या 136 रही है। वहीं गैर सरकारी दस्तावेज इससे ज्यादा संख्या बताते हैं। कई दंगाइयों पर हत्या और बलवे का मुकदमा दर्ज हुआ था। 108 आरोपियों के कोर्ट से वारंट जारी हुए है। जो लिसाड़ी गेट थाने को भेजे गए है। एक ने जमानत करा ली है जबकि 107 अभी भी फरार चल रहे है। पुलिस मानकर चल रही है कि इसमें कुछ लोगों की मौत हो गई है, हालांकि पुलिस इसकी तस्दीक नहीं कर सकी है। पिलोखड़ी चौकी इंचार्ज करतार सिंह ने वांछित चल रहे पूर्व पार्षद आबिद पुत्र पीरू निवासी अहमद नगर गली नंबर चार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

भटक रही है पुलिस

पुलिस गैर जमानती वारंट लेकर आरोपी के घरों पर भटक रही है लेकिन कुछ आरोपी यहां से मकान बेचकर जा चुके है जबकि कुछ की मौत हो गई है। ऐसे में पुलिस को इनको ट्रेस करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गैर जमानती वारंट के अनुसार 15 दिन के अन्दर आरोपी को कोर्ट में पेश होना है।

एक आरोपी ने जमानत करा ली है। कुछ आरोपी घर छोड़कर दूसरी जगह रह रहे है, जबकि कुछ की मौत हो चुकी है। इनकी तस्दीक नहीं हो पा रही है।

प्रशांतकपिल, इंस्पेक्टर, लिसाड़ी गेट, मेरठ

Posted By: Inextlive