पुलिस ने बेरीकेडिंग लगाकर किसानों और कांग्रेसियों को रोका, नहीं जाने दिया कमिश्नरी

पुलिस ने कांग्रेसियों पर कई धाराओं में दर्ज किया मुकदमा, थाने से जमानत पर छूटे गिरफ्तार कांग्रेसी

Meerut। सोमवार को लोहिया नगर सब्जी मंडी के पास उस समय बखेड़ा खड़ा हो गया जब भैंसा बुग्गी और ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर कांग्रेस अधिकार यात्रा किसान कमिश्नरी से लेकर चले और पुलिस ने उन्हें मौके पर ही रोक दिया। इस दौरान कांग्रेसियों की पुलिस से तीखी नोकझोक हो गई। काफी देर तक किसानों ने हंगामा किया और कहा कि प्रदेश सरकार लंबे समय से उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही है। किसानों की मांगें पूरी होनी चाहिए, जिससे किसानों को उनका हक मिल सके। काफी देर चले हंगामे के बाद पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर सभी को रोक दिया। जिसके बाद कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष समेत चार कांग्रेसियों को लेकर पुलिस खरखौदा थाने आ गई। जहां पर कांग्रेसियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि बाद में कांग्रेसियों को जमानत पर छोड़ दिया गया।

ये है मामला

कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष रोहित गुर्जर के नेतृत्व में कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं व किसानों ने बढ़े प्रतिकर की मांग को लेकर किसान अधिकार यात्रा निकाली। जिसे पुलिस ने लोहियानगर सब्जी मंडी पर रोका और रोहित गुर्जर सहित सुमित विकल मिठेपुर, जीतसिंह, बिल्लू को गिरफ्तार कर थाने भिजवा दिया। सभी का धारा 151 में चालान किया गया। रोहित गुर्जर ने बताया कि किसान कमिश्नर को ज्ञापन देने शांतिपूर्वक जा रहे थे। उन्होंने कहा कि किसान ज्ञापन के माध्यम से कमिश्नर को अपनी परेशानी से अवगता कराना चाह रहे थे।

ये थी कांग्रेसियों की मांग

1. काजीपुर, सरायकाजी व मेरठ कस्बे का सर्किल रेट समझौते के समय 1000 रुपये वर्गमीटर था, जिसका घोसीपुर की तर्ज पर 66 प्रतिशत के हिसाब से 660 रुपये प्रतिवर्ग मीटर प्रतिकर बढ़ा कर दिया जाए।

2. कमालपुर का सर्किल रेट समझौते के समय 800 रुपये वर्गमीटर था। जिसका घोसीपुर की तर्ज पर 66 प्रतिशत के हिसाब से 528 रुपये प्रतिवर्ग मीटर प्रतिकर बढ़ा हुआ बनता है। इसमे 196 रुपये वर्गमीटर प्रतिकर बढ़ाकर आवास-विकास परिषद किसानों को 2012 में दे चुका है। बाकी बचा 332 रुपये प्रतिवर्ग मीटर प्रतिकर बढ़ाकर दिया जाए।

3. किसानों ने समझौते के नियम अनुसार अपनी जमीन का 10 प्रतिशत हिस्सा परिषद द्वारा किसानों को विकसित कर भूखंड दिए जाने के एवज में छोड़ा था। जिसका कोई प्रतिकर किसानों ने नही उठाया था लेकिन आज दस साल बीत जाने के बाद भी किसानों को योजना में कोई भूखंड नहीं दिया गया। जिसे जल्द से जल्द किसानों को दिया जाए।

4. योजना के किसानों को दिए जाने वाले पांच प्रतिशत विकसित भूखंड गाजियाबाद के किसानों को 2013 में दिए गए छह प्रतिशत विकसित भूखंड की तर्ज पर पांच प्रतिशत से बढ़ाकर छह प्रतिशत दिया जाए।

5. कुछ ऐसे योजना के किसान, जिन्होंने अज्ञानता में उस 10 प्रतिशत का भी मुआवजा उठा लिया था जिसकी एवेज में परिषद द्वारा किसानों को विकसित भूखंड दिया जाना था। ऐसे किसानों को भी 10 प्रतिशत का उठाया हुआ मुआवजा वापस परिषद में जमा करने का मौका देकर उन्हें भी इसके एवेज में विकसित भूखंड दिया जाए।

6. किसानों से परिषद ने 100 रुपये के स्टांप पर उनकी जमीनों का एग्रीमेंट करवाया था। अब किसानों की मांग है कि किसानों को मिलने वाले विकसित भूखंड भी किसानों को 100 रुपये के स्टांप पर ही एग्रीमेंट कर दिए जाए।

7. सरायकाजी को रिंग रोड से जोड़ने वाली सर्विस रोड को छह मीटर से बढ़ाकर नौ मीटर किया जाए।

8. जब तक किसानों को बढ़ाकर प्रतिकर व विकसित भूखंड न दिए जाए, तब तक योजना में कोई भी नया विकास कार्य शुरू न किया जाए। न ही कोई भी प्लॉट व किसी भी अन्य प्रकार का आवंटन नही किया जाए।

Posted By: Inextlive