वेस्ट यूपी समेत कई राज्यों में फैला है कबाड़ी इकबाल और उसके बेटों का नेटवर्क, अबरार गिरफ्तार

लखनऊ में भी दर्ज है वाहन कटान का मुकदमा, फोरेंसिक टीम ने जांच में किया था खुलासा

70 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक के महंगे पुर्जे भी बरामद

51 विभिन्न गाडि़यों के इंजन, 20 वाहनों के चेसिस नंबर मिले

30 ईसीएम (इंजन कंट्रोल मॉड्युल) भी मिला आरोपियों के पास

सोतीगंज में वाहनों पर नकली चेसिस नंबर चढ़ाने वाले आरोपी के पास कई महंगे पा‌र्ट्स भी बरामद किए गए हैं, जिनकी कीमत 70 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक है।

Meerut। सोतीगंज में चोरी के वाहनों पर चेसिस नंबर बदलने का काम करने वाले फैमिली गैंग का पहला आरोपी मेरठ पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। आरोपी हाजी इकबाल और उसके तीन बेटों का चोरी के वाहन काटने और चेसिस नंबर बदलने का नेटवर्क मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में फैला हुआ है। हाजी इकबाल के बेटे अबरार को सदर बाजार पुलिस ने सोतीगंज से गिरफ्तार कर लिया है। इकबाल और बाकी दो बेटे अफजाल और इमरान अभी फरार हैं। अबरार और उसके भाइयों पर लखनऊ के चिनट थाने में भी वाहन कटानका मुकदमा दर्ज है।

कई राज्यों में पहुंचे सैकड़ों वाहन

सदर बाजार थाने में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी सिटी डॉ। अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि यह गैंग अब तक सैकड़ों लग्जरी वाहनों को इस तरह से वेस्ट यूपी, लखनऊ, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में पहुंचा चुका है। केवल चार पहिया वाहनों के साथ यह खेल किया जाता था। लखनऊ के चिनहट थाने में वाहन चोरी और लूट करने वाला गैंग पकड़ा गया है। वहां बदमाशों ने खुलासा किया है कि अबरार और अफजाल के साथ मिलकर वाहनों का कटान कराते थे। दोनो बदमाश वहां भी वांछित हैं। वहां की पुलिस टीम ने मेरठ में संपर्क किया है। मेरठ पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

काम का नया तरीका

नीलामी के वाहनों को खरीदकर या अन्य माध्यमों से उनका चेसिस-इंजन नंबर हासिल कर लेते थे।

फिर चोरी और लूट के वाहनों के पुराने नंबर घिसकर उनकी जगह नीलामी के वाहनों का नंबर चढ़ा देते थे, जिससे वाहन नंबर एक में हो जाता था।

ऐसे खुली पोल

29 अक्टूबर को हाजी इकबाल के घर छापेमारी में पांच वाहन मिले थे।

इनमें इनोवा, दो महिन्द्रा थार, हुंडई आई-10 और एक बुलेरो कार के चेसिस नंबर को घिसकर नया चेसिस नंबर डाला गया था।

इनकी जांच फोरेंसिक साइंस लैब से कराई गई तो पता चला कि इन्होंने चेसिस और इंजन नंबर को घिसकर उन पर दूसरे चेसिस नंबर चढ़ा दिए थे।

एएसपी कैंट डॉ। ईरज रजा ने बताया कि फोरेंसिक टीम के लोग इंजन और चेसिस नंबर पर एक केमिकल लगाते हैं, तो कुछ सेकेंड के लिए पुराना चेसिस नंबर भी उभर आता है। इस प्रक्रिया को हैचिंग प्रोसेस कहा जाता है।

Posted By: Inextlive