एनसीईआरटी पर पुलिस को मेल पर जानकारी देने की बात कहकर टकराने का आरोप

पुलिस बोली, एनसीईआरटी की आनाकानी पर अफसरों को बनाएंगे मुकदमे का हिस्सा

Meerut। करोड़ों रुपये मूल्य की अवैध किताब प्रकरण में पुलिस जांच में एनसीईआरटी के कुछ अफसरों को भूमिका भी पुलिस संदेह के दायरे में लेकर चल रही है। जिन सवालों के जवाब पुलिस ने मांगे थे, उसके एवज में एनसीईआरटी ने मेल करने का आश्वासन देकर पुलिस को टाल दिया। जिन सवालों का जवाब पुलिस ने मांगा है, उसमें एनसीईआरटी की कार्रवाई पर भी प्रश्न चिह्न लग रहा है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि सोमवार तक जवाब नहीं मिला तो एनसीईआरटी अफसरों को भी मुकदमे का हिस्सा बनाया जाएगा।

नहीं दिया ई-मेल पर जवाब

करोड़ों की अवैध किताबों की छपाई के मामले में एनसीईआरटी और पुलिस भी आमने-सामने आ गई है। इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा का कहना है कि एनसीईआरटी के अफसर जानकारी देने में देरी कर रहे हैं। शुक्रवार को पुलिस की एक टीम एनसीईआरटी के दिल्ली कार्यालय गई थी। उन्होंने ई-मेल पर सभी जानकारी देने की बात कही लेकिन शनिवार की रात तक भी कोई जानकारी नहीं दी गई। सोमवार तक कोई जानकारी नहीं आई तो खुद टीम के साथ एनसीईआरटी के ऑफिस जाएंगे। वे कहते हैं, एनसीईआरटी से जानकारी नहीं मिलने के कारण विवेचना बाधित हो रही है।

चाचा-भतीजे के घर दबिश

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और परतापुर पुलिस ने अवैध किताबों का भंडाफोड़ कर भाजपा नेता संजीव गुप्ता और उसके भतीजे सचिन गुप्ता की प्रिं¨टग प्रेस और गोदाम से लगभग 60 करोड़ रुपये मूल्य की किताबें व सामान बरामद किया था। चाचा-भतीजा 21 अगस्त से ही फरार हैं। पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए रात को उनके घर पर दबिश डाली लेकिन घर में केवल महिलाएं मिली, पुरुष फरार हैं।

परतापुर पुलिस एनसीईआरटी के दिल्ली ऑफिस भेजी गई थी। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि ई-मेल से मांगी गई सभी जानकारी मुहैया करा दी जाएगी। यदि सोमवार तक जानकारी नहीं आई तो एनसीईआरटी के अफसरों से बातचीत की जाएगी।

अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी

परतापुर पुलिस की कोई टीम हमारे दिल्ली ऑफिस पर नहीं पहुंची है। हम पुलिस को पूरी तरीके से सहयोग कर रहे हैं। एनसीईआरटी चाहती है कि अवैध किताब प्रकरण में शामिल सभी लोग बेनकाब हों ताकि एनसीईआरटी की अवैध किताबों की छपाई पूर्णतय बंद हो जाए।

आशुतोष मिश्रा, सतर्कता अधिकारी, एनसीईआरटी

Posted By: Inextlive