30 फीसदी तक बढ़ गई सांस, एलर्जी और दमा के मरीजों की संख्या जिला अस्पताल में

200 से 250 मरीज जिला अस्पताल में सांस की बीमारियों के पहुंच रहे हैं रोजाना

500 मरीज सांस के रोगों से संबंधित पहुंच रहे मेडिकल कॉलेज

स्मॉग को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

डॉक्टर्स बोले, सांस के मरीजों को बरतनी होगी खास सावधानी, बिना मास्क न निकलें बाहर

Meerut। कोरोना वायरस संक्रमण के साथ ही मौसम में छाया पॉल्यूशन शहरवासियों पर भारी पड़ने लगा है। अस्पतालों भी इन दिनों एलर्जी, जुकाम, दमा, अस्थमा वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इससे प्रभावित हो रहे हैं। सांस के मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की अधिकता को देखते हुए उनकी कोविड-19 जांच भी जरूरी कर दी गई है।

ये है स्थिति

जिला अस्पताल में इन दिनों सांस, एलर्जी और दमा जैसी बीमारियों के मरीजों की संख्या करीब 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। जबकि मेडिकल कॉलेज में रोजाना करीब 200 से 250 मरीज जिला अस्पताल में सांस की बीमारियों के पहुंच रहे हैं। जबकि मेडिकल कॉलेज में भी करीब 500 मरीज सांस के रोगों से संबंधित हैं। अधिकतर मरीजों को सांस और एलर्जी जैसी शिकायतें हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि इस मौसम में फॉग के साथ मिलकर पॉल्यूशन के छोटे-छोटे कण हवा में मिल जाते हैं और सांस के साथ श्वसन तंत्र में घुल जाते हैं। जिसकी वजह से सांस के मरीजों की समस्या बढ़ जाती है।

ये है एडवाइजरी

स्मॉग को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है। जिसके तहत विभाग ने सभी से सावधानी बरतने की भी अपील की है। विभागािधकािरयों का कहना है कि इस मौसम में मरीजों को खास एहितयात बरतने की जरूरत है।

गला खराब हो तो गर्म पानी और नमक से गरारे करें।

भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

सूप, जूस और गुनगुना पानी लें।

अधिक से अधिक लिक्विड चीजें लें।

खाने से पहले और खाने के बाद हाथ अच्छी तरह साफ करें।

क्या करें

सुबह के समय सैर पर जाने से बचें।

खाली पेट सैर पर न जाएं।

मास्क का प्रयोग करें।

पानी का छिड़काव करें।

एयर को प्यूरीफाई करने वाले पौधे घर के आस-पास लगाएं।

बाहर से आने पर आंखों को ठंडे पानी से धोएं।

मास्क का प्रयोग करें।

कोविड-19 की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें।

क्या न करें

घर के आस-पास कूड़ा न जलाएं।

स्मॉग वाली जगहों पर जाने से बचें।

बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं घर से बिना कारण न निकलें।

रेत, सीमेंट और बजरपुर आदि को खुला न छोडे।

कोविड-19 की जांच जरूरी

लक्षण वाले मरीजों के साथ ही सांस की दिक्कत लेकर आने वाले मरीजों की कोरोना संक्रमण की जांच जरूरी होगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने या छिपे हुए मरीजों को पता लगाने के उद्देश्य से ये निर्देश जारी किए गए हैं।

मौसम का असर बच्चों पर सबसे पहले होता है। स्मॉग सांस के साथ शरीर के अंदर जाकर बीमारी पैदा करता है। इससे धमनियों का प्रवाह भी प्रभावित होता है। जिसकी वजह से सांस के रोग पैदा होने लगते हैं। इस मौसम में अस्थमा, दमा, ब्रोंकाइटिस के मरीजों को खास सावधानी बरतनी होगी।

डॉ। वीरोत्तम तोमर, वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ

अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। ऐसे मरीजों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। कोरोना और सांस के मरीजों को अलग-अलग पहचाना बहुत मुश्किल है।

डॉ। कौशलेंद्र सिंह, एमएस, जिला अस्पताल

Posted By: Inextlive