खाली सीटों को भरने के लिए होंगे डायरेक्ट प्रवेश

तीन चरण में होगी बीएड एडमिशन के लिए काउंसिलिंग

19 अक्टूबर से 8 नवंबर तक होगी मुख्य कांउसिलिंग

कोरोना के चलते इस बार हो रही है ऑनालाइन कांउसिलिंग

Meerut। कॉलेजों में रिक्त बीएड सीटों पर प्रवेश के लिए पूल काउंसिलिंग 11 से 18 नवंबर तक होगी। इस बार खाली सीटों को भरने के लिए डायरेक्टर काउंसिलिंग करने का भी फैसला लिया गया है। कोरोना को देखते हुए ऑनलाइन काउंसिलिंग की जाएगी। इसके लिए सभी कॉलेजों को तैयारी करने के लिए बोल दिया गया है। साथ ही स्टूडेंट्स को भी बोल दिया गया है कि अगर उनको कोई जानकारी समझ में नहीं आ रहा है तो वे संबंधित कॉलेज या सीसीएसयू से भी जानकारी ले सकते है।

इससे पहले 19 अक्तूबर से आठ नवंबर तक मुख्य काउंसिलिंग से कॉलेजों में सीटों का आवंटन होगा

इससे रिक्त सीटों को आठ दिन पूल काउंसिलिंग से भरा जाएगा

यदि फिर भी सीटें खाली रहीं तो 23 से 26 नवंबर तक डायरेक्ट काउंसिलिंग से प्रवेश होंगे

सीसीएसयू से संबद्ध 440 बीएड कॉलेजों की करीब 45 हजार सीटों के लिए काउंसिलिंग होगी

लखनऊ विश्वविद्यालय ने सीसीएसयू सहित सभी राज्य विश्वविद्यालय को उक्त निर्देश भेज दिए हैं।

निर्देशों के अनुसार काउंसिलिंग तीन चरणों में होगी। पहला चरण मुख्य काउंसिलिंग का होगा जो 19 अक्तूबर से 8 नवंबर तक चलेगा

नौ से भरा जाएगा फार्म

नौ नवंबर से कॉलेजों में बीएड प्रथम वर्ष का सत्र शुरू हो जाएगा। काउंसिलिंग से बची सीटों को पूल काउंसिलिंग से भरा जाएगा। जिन स्टूडेंट्स ने एंट्रेंस दिया और वे मुख्य काउंसिलिंग में हिस्सा नहीं ले पाए अथवा मनचाहा कॉलेज नहीं मिला, 11-18 नवंबर तक पूल काउंसिलिंग में हिस्सा लेते हुए प्रवेश पा सकेंगे। इसके बाद भी रिक्त सीटें रहने पर कॉलेजों में 23-26 नवंबर तक डायरेक्ट काउंसिलिंग से प्रवेश होंगे। इस प्रक्रिया में कॉलेज आवेदन प्राप्त करते हुए मेरिट बनाकर प्रवेश कर सकेंगे। हालांकि इस प्रक्रिया में केवल वही छात्र हिस्सा ले सकेंगे जो एंट्रेंस में शामिल हुए हैं। बिना बीएड एंट्रेंस कोई प्रवेश नहीं होगा।

जल्द आएगी तिथि

मेरठ-सहारनपुर मंडल के अल्पसंख्यक बीएड कॉलेजों में प्रवेश के लिए सीसीएसयू जल्द ही कार्यक्रम जारी करने जा रहा है। सीसीएसयू के अनुसार अल्पसंख्यक कॉलेजों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को काउंसिलिंग के साथ ही विंडो खोलने की तैयारी है। प्रोवीसी प्रो। वाई विमला ने बताया कि काउंसिलिंग पूरी तरह बंद होने तक ही इन कॉलेजों को भी अनुमति दी जाएगी। अल्पसंख्यक कॉलेजों में 50 फीसदी सीटों पर बिना एंट्रेंस सीधे प्रवेश का प्रावधान है, जबकि बाकी 50 फीसदी सीटें काउंसिलिंग से भरी जानी हैं।

Posted By: Inextlive