चंदा के पोस्टमार्टम के दौरान बने वीडियो की होगी जांच

पति के मोबाइल से बरामद फोटो में चंदा के शरीर और चेहरे पर थे चोट के निशान

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में न तो चोट के निशानों का जिक्र है और न ही हत्या के कारणों का

पोस्टमार्टम वीडियो और रिपोर्ट की जांच करेंगे दूसरे जिले एक्सपर्ट डॉक्टर्स

नौचंदी थाने के इंस्पेक्टर क्राइम ने मांगी एसएसपी से दोबारा जांच की अनुमति

Meerut। नौचंदी में हुए चंदा हत्याकांड की जांच कर रहे इंस्पेक्टर नौचंदी की भूमिका के साथ ही मृतक का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। नौचंदी थाने के इंस्पेक्टर क्राइम राम संजीवन यादव के मुताबिक मृतक के शरीर पर चोट के निशान हैं, जिनका जिक्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं किया गया है। जिसके चलते पोस्टमार्टम की वीडियो सीडी दूसरे जिलों के डॉक्टर्स को दिखाने की तैयारी चल रही है। जिसके बाद इंस्पेक्टर समेत पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स पर भी शिकंजा कस सकता है।

रिपोर्ट व वीडियो पर सवाल

नौचंदी थाने के इंस्पेक्टर क्राइम राम संजीवन यादव के मुताबिक मृतक चंदा का पोस्टमार्टम करने के लिए तीन डॉक्टर्स का पैनल बनाया गया था। जिसमें बकायदा डीएम से अनुमति लेने के बाद वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। वीडियो को सुरक्षित रखा गया है। चंदा की हत्या करने से पहले उसके साथ जमकर मारपीट की गई थी। पोस्टमार्टम करते वक्त बनाई गई वीडियो में भी चोट के निशान हैं। पति के मोबाइल से बरामद हुए फोटो में भी कई चोट के निशान चंदा के शरीर पर दिख रहे हैं। इसके बावजूद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में न तो चोट के निशानों का जिक्र है और न ही हत्या का तरीका ही रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है। हालांकि बिसरा प्रिजर्व करके रखा गया है, जिसे केस डायरी में शामिल किया जाएगा।

दोबारा जांच की मांग

इंस्पेक्टर क्राइम नौचंदी राम संजीवन यादव की तरफ से एक पत्र एसएसपी अजय साहनी को लिखा गया है। जिसमें उन्होंने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की दोबारा जांच कराने की मांग की है। एसएसपी ने स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र लिख दिया है। अब वहां से आदेश होने के बाद सीएमओ द्वारा दूसरे जिले के पोस्टमार्टम एक्सपर्ट से पोस्टमार्टम वीडियो की जांच कराकर दोबारा रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। जिसके आधार पर पुलिस कार्रवाई को आगे बढ़ाएगी।

साक्ष्य जुटा रही पुलिस

अभी तक पुलिस ने आरोपी पति संजय और डॉक्टर रजत को फोटो के आधार पर गिरफ्तार किया है। केस को मजबूत करने के लिए पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट की आवश्यकता होगी। जब फाइनल केस डायरी कोर्ट में सब्मिट की जाएगी तो उसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को सजा मिलेगी। इसलिए पुलिस अधिक से अधिक साक्ष्य को जुटाने में लगी हुई है।

होगी कार्रवाई

पुलिस को मृतक चंदा का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स की कार्यशैली पर शक है। पुलिस अधिकारियों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि पहली जांच रिपोर्ट और दूसरी रिपोर्ट में अंतर पाया जाएगा तो डॉक्टर्स के खिलाफ भी स्वास्थ्य विभाग को सख्त कार्रवाई के लिए लिखित में दिया जाएगा।

मृतक महिला के चेहरे और गले पर चोट के निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंजरी कहीं भी नहीं आई है। पोस्टमार्टम की वीडियो और रिपोर्ट की जांच दूसरे डॉक्टर्स से कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। रिपोर्ट की गहनता के साथ जांच कराई जाएगी, जिसको साक्ष्य के तौर पर केस डायरी में शामिल किया जाएगा।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ

अगर सजग होती पुलिस, तो ये भी खुलते केस

मेरठ। जिले में हत्याकांड और मौत की कई गुत्थी ऐसी हैं, जिन्हें पुलिस लंबी जांच-पड़ताल के बाद भी नहीं खोल पाई। उनमें चाहें आठ टुकड़ों में महिला के शव मिलने का मामला हो या 14वीं मंजिल से गिरकर हुई युवती की मौत का। टुकड़ों में मिले शव की शिनाख्त के मामले में पुलिस कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं तो छात्रा की बिल्डिंग से गिरकर मौत के मामले में पोस्टमार्टम न कराना खाकी को ही संदेह के घेरे में ले आता है।

केस 1

नहीं कराया पोस्टमार्टम

मुजफ्फरनगर के पचेंडा निवासी जितेंद्र परिवार के साथ पल्लवपुरम फेज वन के विजेता अपार्टमेंट में रहते हैं। बुधवार को उनकी बेटी वíतका की सुपरटेक स्पा‌र्ट्स सिटी कॉलोनी की निर्माणाधीन बिल्डिंग की 14वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। मगर वíतका की मौत का राज भी उनके साथ दफन हो गया। यूं तो पुलिस हर घटना के बाद मृतक का पोस्टमार्टम कराती है, मगर इस मामले में पुलिस ने पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया ये बड़ा सवाल है। हालांकि इंस्पेक्टर देवेश शर्मा का कहना है कि परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है। इसलिए पोस्टमार्टम नहीं कराया गया है।

केस 2

हत्याकांड में लगा दी एफआर

24 फरवरी 2019 को सेंट्रल मार्केट में हुए मोहित मदान हत्याकांड का केस भी आज तक नहीं खुल पाया। वहीं लंबी चली जांच प्रक्रिया के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआर लगाकर अपनी जान बचा ली।

केस 3

नहीं हुई शव की शिनाख्त

लिसाड़ी गेट में पांच महीने पहले एक महिला का प्लास्टिक के बोरे में शव मिला था। बिना सिर के शव को आठ टुकड़े कर बोरे में भरा गया था। इस केस में खुलासे की बात तो दूर पुलिस शव की पहचान तक नहीं कर सकी। इस मामले में पुलिस लोकली शव की शिनाख्त तक सीमित रही। पुलिस ने अन्य राज्यों में गुमशुदा लोगों संबंधित डिटेल जुटाना और वहां वायरलैस से घटना की जानकारी देना भी मुनासिब नहीं समझा

Posted By: Inextlive