तमाम खामियों को दूर कर रैंक सुधारेगा नगर निगम

कूड़ा निस्तारण प्लांट बना टॉप टेन की उम्मीद

Meerut । स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के रिजल्ट में एक बार फिर से मेरठ नगर निगम अपने भरपूर प्रयासों के बाद भी बेहतरीन प्रदर्शन नही कर सका। हालांकि 41 रैंक आने से निगम को गत वषरें की तुलना में कुछ राहत तो मिली है, लेकिन यह अधूरी राहत है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में कुल 6000 अंकों की प्रतियोगिता में कुल 2314.59 अंक प्राप्त हुए हैं यानि की ऑल ओवर रैंक में मेरठ की करीब 220 वीं रैंक इस साल बनती है। जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में नगर निगम मेरठ की देश मे ओवर आल रैंकिंग 286 वीं थी। यानि गत वर्ष की तुलना में मेरठ नगर निगम ने कुछ सुधार तो किया है लेकिन यह सुधार इतना नही है कि मेरठ के लोगों को खुशी मिले। देखा जाए तो मेरठ सबसे 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में भी सबसे पीछे यानि 41वें नंबर पर ही रहा है। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सूची में टॉप 10 में आने के लिए मेरठ नगर निगम को कड़ी मेहनत और अपनी व्यवस्थाओं में बदलाव करने होंगे जिसके लिए निगम अभी से प्लानिंग में जुट गया है।

इन कमियों पर काम करेगा निगम-

- ओडीएफ डबल प्लस में दोबारा शामिल होने की कवायद

- ओडीएफ डबल प्लस के लिए भी इस साल नगर निगम अपने दावे साबित नही कर पाया था जिस कारण से ओडीएफ प्लस के अंक नही मिल सके।

- लापरवाही के चलते मेरठ नगर निगम समय पर अपने दावे वेबसाइट पर नहीं डाल पाया था जिस कारण से सर्वेक्षण एजेंसी ने नगर निगम के दावों को प्रतियोगिता में शामिल ही नहीं था।

- अब ओडीएफ की दावेदारी के लिए निगम इस साल प्रयास करेगा।

एमआरएफ सेंटर बढ़ाएगा रैंक

स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के तहत मेरठ नगर निगम ने कचरा प्रबंधन की नई व्यवस्था एमआरएफ यानि मैटेरियल रिकवरी फैसल्टी से सफाई व्यवस्था की शुरुआत की थी। इसके तहत शहर का पहला एमआरएफ सेंटर नगर निगम के सूरजकुंड डिपो में तैयार किया गया था। इस सेंटर में लोहा, शीशा, ईंट, पत्थर जैसे निर्माण सामग्रियों को अलग-अलग करने के बाद में अलग-अलग निस्तारण किया जाएगा। लेकिन इस साल यह प्लांट चालू नही हो सका जिस कारण से इसके नंबर नगर निगम को नही मिले थे। अब 2021 में इस प्लांट को हर हाल में चालू किया जाएगा।

कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था

निगम ने अपने 90 वाडरें में कूड़ा क्लेक्शन शुरु तो कर दिया लेकिन अभी तक यह शत प्रतिशत नही हो सका है ऐसे में कूड़ा कलेक्शन शुल्क भी निगम लागू नही कर पा रहा है। इसलिए इसबार डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शत प्रतिशत करने पर जोर लगाएगा।

एकत्र करेंगे कूड़ा

इसके साथ ही कूड़ा कलेक्शन सेग्रीगेशन में भी निगम के अंक कटे हैं क्योंकि कूड़ा कलेक्शन के दौरान गीला व सूखा कूडा अलग अलग एकत्र नही किए जा रहे हैं जबकि इसके लिए भी अंक निर्धारित किए गए थे।

इस साल चालू होगा प्लांट

शहर में प्रतिदिन 800 से 1000 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। लेकिन कूड़े का निस्तारण ना होने से मेरठ लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण रैकिंग में पिछडता था लेकिन गत वर्ष कूडे़ के निस्तारण के लिए गावड़ी में 150 मीटिक टन क्षमता प्लांट लगने के बाद रैंक में कुछ सुधार आया था अब इस साल निगम लोहियानगर में 350 मीट्कि टन क्षमता के अलावा मंगतपुरम में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने जा रहा है। यदि यह प्लांट इस साल चालू हो जाते हैं तो मेरठ की रैंक में सुधार आएगा। इस प्लांट के शुरु होने के बाद तेजी से शहर के कूड़ा स्थल और खत्तों की संख्या खत्म होना शुरु हो जाएगी।

स्वच्छ भारत मिशन पर होगा काम

स्वच्छ भारत मिशन के तहत सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय बनाए गए थे। लेकिन निगम ने इनका समय का ख्याल नहीं रखा। आज सभी शौचालय व यूरिनल जर्जर व गंदे हालत में है इससे भी सर्वे में माइनस मार्किंग निगम को झेलनी पड़ी थी।

कई बिंदुओं पर इस साल हमारी तरफ से कमियां रही थी लेकिन ऐसा नही है कि निगम ने प्रयास नही किया पूरा प्रयास किया गया था लेकिन बहुत सी सुविधाएं मेरठ नगर निगम में पहले नही थी जो अब धीरे धीरे शामिल हो रही हैं उनके अंक का लाभ अगले साल निगम को मिलेगा जिस पर अब काम शुरु किया जाएगा।

- ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त

Posted By: Inextlive