- इमारत के ध्वस्त होने में एडीएम की भूमिका की होगी जांच

- खामियों पर प्रशासन सख्त, आपदा नियंत्रक प्राधिकरण को किया जाएगा सशक्त

Meerut: तीन दिन पहले मेडिकल कॉलेज रोड पर इमारत ध्वस्त होने के प्रकरण की रिपोर्ट शासन ने तलब की है। डीएम कार्यालय से पूरे प्रकरण और यथास्थिति की जानकारी शासन को सौंप दी गई है। वहीं दूसरी ओर एमडीए ने जांच टीम का गठन कर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।

बड़ा हादसा टला था

बुधवार शाम करीब पांच बजे मेडिकल कॉलेज रोड स्थित भोपाल विहार में एक तीन मंजिला इमारत क्षतिग्रस्त होकर गिर पड़ा था। इमारत गिरने की वजह पास से खुदा जा रहा बेसमेंट है। क्षतिग्रस्त इमारत की नींव से सटाकर तय मानचित्र के विपरीत करीब आठ फीट गहरा बेसमेंट खोदा जा रहा था। निर्माणाधीन इमारत के मलबे में छह मजदूरों के दबे होने की आशंका पर आर्मी और एनडीआरएफ की टीम लगाई गई। हालांकि बाद में मलबे में दबे एक मात्र मजदूर को सुरक्षित निकाल लिया गया। आसपास के इमारतों भी क्षतिग्रस्त हो गए तो बड़ा हादसा टल गया।

दी शासन को रिपोर्ट

जिला प्रशासन से घटनाक्रम की जानकारी शासन ने तलब की है। शुक्रवार को डीएम पंकज यादव ने घटनाक्रम की जानकारी के साथ-साथ यथास्थिति की जानकारी शासन को दी है। वहीं एडीएम वित्त एवं फाइनेंस गौरव वर्मा ने बताया कि घटनाक्रम की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बता दें कि बड़े हादसे क बाद किसी के हताहत न होने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है तो वहीं जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन की दिशा में नई रणनीति बनाई है।

सिटी मजिस्ट्रेट को जांच

डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट केशव कुमार को प्रकरण की जांच सौंपी है तो वहीं डीएम ने आसपास के क्षतिग्रस्त इमारतों में भी क्षति की मूल्यांकन के निर्देश तहसील प्रशासन को दिए हैं। जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण को सशक्त करने के निर्देश डीएम ने एडीएम फाइनेंस को दिए। वहीं दूसरी ओर घटनास्थल पर देखने का हुजूम शुक्रवार को भी उमड़ा रहा। बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन बंद होने के करीब 12 घंटे बाद शव दबे होने की आशंका पर प्रशासन ने दोबारा अभियान चलाया था, हालांकि मिला कुछ नहीं।

एमडीए की टीम मौके पर रही

मामले में एमडीए की जांच टीम ने मौके का दौरा किया। टीम ने निर्माण से जुड़ी सभी फाइलें को तलब किया है। वीसी राजेश कुमार ने इस मामले में जांच टीम गठित कर जल्द से जल्द रिपोर्ट के आदेश दिए हैं। प्रकरण में अधिशासी अभियंता अजीत त्यागी, जेई पियूष त्यागी और प्रदीप गुप्ता की संलिप्तता की जांच की जा रही है। अफसरों का कहना है कि हॉस्पिटल मानचित्र को दरकिनार कर बेसमेंट खोद रहा था, उसे क्यों नहीं रोका गया और ध्वस्त इमारत अवैध था तो उसे सिर्फ नोटिस क्यों दिया? सील क्यों नहीं किया गया? वीसी ने दोनों जेई से स्पष्टीकरण मांगा है। जांच मुख्य अभियंता एपी सिंह को सौंपी गई है।

पुलिस के हाथ खाली

इस प्रकरण में पीडि़त भुनेश के पिता रामपाल की तहरीर पर डॉ। पंकज शर्मा, डॉक्टर की मां संतोष शर्मा, एमडीए के अधिशासी अभियंता अजीत त्यागी, जेसीबी संचालक रईश और ठेकेदार कमालुद्दीन के खिलाफ थाना भावनपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, भावनपुर थानाध्यक्ष मोहन सिंह का कहना है कि सिटी मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के बाद ही चिह्नित आरोपियों की गिरफ्तारी होगी।

Posted By: Inextlive