मरीजों को अब बहला-फुसला कर प्राइवेट अस्पताल ले जाना पड़ेगा महंगा

कॉलेज मैनेजमेंट ने डीएम से की शिकायत, करवाई की मांग

Meerut। मेडिकल कॉलेज में चल रही प्राइवेट एंबुलेंसों पर लगाम कसने की तैयारी मैनेजमेंट ने कर ली है। अब अस्पताल के गेट के अंदर प्राइवेट एंबुलेंस लाना चालकों को भारी पड़ जाएगा। गैर कानूनी तरीके से यहां खड़ी होने वाली एबुलेंस की शिकायत कॉलेज प्रशासन ने सीधे डीएम से की है। साथ ही इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है। मेडिकल कॉलेज प्रिसिंपल डॉ। आरसी गुप्ता ने बताया कि बाहरी मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस के एजेंट बहला-फुसलाकर प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाते हैं। कई बार ऐसी शिकायतें मिली हैं। इन्हें रोकने और मरीजों के हित को देखते हुए ये फैसला लिया गया है।

खत्म होगा 'प्राइवेट' का खेल

मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार अस्पताल में आने वाले मरीजों को एंबुलेंस वाले झांसा देकर प्राइवेट नर्सिंग होम में ले जाते हैं। इन एंबुलेंस के एजेंट इमरजेंसी के बाहर खड़े रहते है और मरीजों के तीमारदारों को अस्पताल में बेहतर इलाज न मिलने की बात कहकर बहलाते-फुसलाते हैं। कॉलेज प्रशासन ने अनुसार इस संबंध में काफी शिकायतें आ चुकी है जबकि आए-दिन विवाद भी होते रहते हैं। काफी कोशिश के बाद भी इन लगाम नहीं लग पा रही थी। ऐसे में कॉलेज ने प्रशासन को इस संबंध में पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।

कॉलेज प्रशासन रखेगा नजर

प्राइवेट एंबुलेंस के खेल में मेडिकल स्टाफ पर भी कॉलेज प्रशासन गुपचुप तरीके से नजर रखेगा। कॉलेज प्रशासन के अनुसार मिली शिकायतों में मेडिकल स्टॉफ की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। हालांकि इस संबंध में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। लेकिन आएं दिन मिल रही शिकायतों को देखते हुए ही स्टॉफ पर भी विभाग नजर रख रहा है। डीएम को लिखे पत्र में कॉलेज प्रिंसिपल ने साफ लिखा है कि प्राइवेट एंबुलेंस की संख्या मेडिकल कॉलेज में बहुत ज्यादा हो गई है। गरीब मरीजों को यहां से बहलाकर प्राइवेट में एडमिट करवा दिया जाता है जिसकी वजह से उन्हें भारी आर्थिक हानि से गुजरना पड़ता है।

Posted By: Inextlive