बीएड परीक्षा में बिगड़ी रोडवेज की व्यवस्थाएं

बिना सेनेटाइजर, बिना सोशल डिस्टेंसिंग बसों मे चले यात्री

परीक्षाíथयों की बसों से दूरी के बाद भी बसों में रही मारामारी

Meerut। कोरोना काल और कंप्लीट लॉक डाउन में रविवार को जनपद के 44 केंद्रों पर बीएड एंट्रेंस परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा के लिए लाखों स्टूडटेंस ने फार्म भरा था जो कोरोना काल में रिस्क लेकर जैसे तैसे अपने अपने परीक्षा सेंटरों में पहुंचे। कोरोना के डर के कारण अधिकतर परीक्षाíथयों ने अपने निजी वाहनों का प्रयोग किया, लेकिन हजारों परीक्षाíथयों की संख्या ऐसी भी थी, जो रोडवेज बसों से शहर में पहुंची। इन परीक्षाíथयों को सुरक्षित सफर कराने में रोडवेज की व्यवस्थाएं और कोरोना काल में लागू मानकों की पूरी तरह रोडवेज असफल रहा। बसों में सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोई चीज दूर दूर तक नही थी। अब देखना यह है कि रोडवेज की इस लापरवाही का नतीजा कितने परीक्षाíथयों को भुगतान पड़ेगा।

मास्क तक सीमित जंग

अपने भविष्य को बनाने के लिए लाखों परीक्षाíथयों के लिए यह परीक्षा कोरोना संक्रमण के डर से भी ज्यादा जरुरी थी इसलिए परीक्षार्थी जैसे तैसे सेंटरों पर पहुंच गए। जो सक्षम थे वो बाइक या कार से सेंटरों पर पहुंचे लेकिन हजारों परीक्षाíथयों के लिए रोडवेज बस ही सहारा बनी। लेकिन कोरोना काल में रोडवेज बस संचालन के लिए जो मानक बनाए गए थे वो बीएड परीक्षा के दौरान टूट गए। रोडवेज बसों में कोविड 19 सुरक्षा के नाम पर केवल मास्क तो हर चेहरे पर दिखा इसके अलावा कोई सुरक्षा मानक या दूरी का पालन बस डिपो या बसों के अंदर नही दिखा। कमी के कारण बसों में सवारियों को भर भर कर संचालित किया गया, जबकि नियमानुसार टोटल स्ट्रेंथ से अधिक सवारी नही बैठानी थी।

सेनेटाइजेशन हुआ गायब

कोविड 19 के दौरान रोडवेज बसों के संचालन के लिए सबसे जरुरी मानक बसों का सेनेटाइजेशन है। बस के डिपों में एंट्री से पहले पूरी बस को सेनेटाइज करने की जिम्मेदारी डिपो प्रभारी को दी गई है। इस अलावा बस में चढ़ने वाले हर यात्री के हाथ सेनेटाइज करने के बाद अंदर सीट दिए जाने का नियम है। यात्रियों के बस से उतरने के बाद बस की सीटों गेट, हैंडल को सेनेटाइज करने का नियम है लेकिन भीड़ के सामने यह सब नियम धरे ही रह गए। बीएड परीक्षा छूटने के बाद भैंसाली और सोहराबगेट डिपो पर परीक्षाíथयों की भीड़ उमड़ पड़ी बसों की संख्या कम थी इसलिए बसो में सीट से अधिक संख्या में यात्री बैठकर रवाना हुए। सेनेटाइजेशन की पूरे डिपो में किसी बस में व्यवस्था नही दिखा। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन डिपो पर कहीं दिखाई नही दिया।

करीब 50 बसों को बीएड छात्रों के लिए लगाया गया था। अधिकतर रूट पर बसें उपलब्ध रही है। बसों को वर्कशॉप से निकलते समय सेनेटाइज किया जाता है। बस में परिचालक के पास हैंड सेनेटाइजर की व्यवस्था भी है। यात्रियों के लिए हैंड सेनेटाइजर भी बस में उपलब्ध है। जो चाहे उपयोग कर सकते हैं।

राजेश कुमार, एआरएम, भैंसाली डिपो

गलत केंद्र पर पहुंचे

कई केंद्रों पर जानकारी न होने की वजह से बहुत से अभ्यर्थी गलत केंद्र पर पहुंच गए, कनोहर डिग्री में परीक्षा देने वाले बहुत से अभ्यर्थी कनोहर इंटर कॉलेज पहुंच गए, इसमें देरी की आशंका से भगदड़ मची गई,ऐसे ही एसीजी डिग्री कॉलेज का रहा, कई केंद्रों पर जानकारी न होने की वजह से बहुत से अभ्यर्थी गलत केंद्र पर पहुंच गए।

दो पालियों में हुई परीक्षा

पहली पाली नौ बजे से 12 तक सामान्य ज्ञान एवं हिंदी व इंग्लिश दो लैंग्वेज में परीक्षा हुई। द्वितीय पाली दो बजे से पांच बजे तक अभिरुचि परीक्षण और सब्जेक्ट की परीक्षा हुई, परीक्षा में निगेटिव माìकग भी रही जो तीन सवालों पर एक ही नम्बर कांटे गए।

करंट अफेयर नहीं आया ज्यादा

स्टूडेंट के अनुसार पेपर में करंट अफेयर ज्यादा लेटेस्ट नहीं आया। चार पांच महीने पुराना ही आया। करंट अफेयर आसान था, पेपर बहुत ही आसान बताया गया है। मेन सब्जेक्ट का थोड़ा सा टिपिकल था पर इतना मुश्किल नहीं रहा।

पेपर आसान था। करंट अफेयर पुराने ही आए है। थोड़ा सेंटर पर पहुंचने में दिक्कत आई बाकी कोई दिक्कत नहीं रही।

दिव्या

सेंटर के बाहर थोड़ी भीड़ रही। बाकी तो पेपर आसान था, सब्जेक्ट के पेपर भी सही आए थे। मल्टीपल च्वाइस का था तो जल्दी हो गया।

स्नेहा

करंट अफेयर ज्यादा नया नहीं था। चार पांच महीने पुराना था, पेपर आसान था, बहुत ही अच्छा पेपर आया था

आरती

Posted By: Inextlive