पटाखा बाजार में हो रही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी

थाने भी सुरक्षित नहीं, मालखानों में रखे हैं पकड़े गए पटाखे

दीपावली से पहले छापेमारी कर पकड़े गए थे लाखों के पटाखे

Meerut। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को लेकर गाइड लाइन जारी की हो लेकिन यहां पर अवैध रूप से प्रतिबंधित पटाखे सरेआम बेचे जा रहे हैं। शहर में पटाखे बेचने के लिए बनाए गए अस्थाई लाइसेंस पर ग्रीन पटाखों के अलावा भयंकर बम बेचे जा रहे है, सभी नियमों को ताक पर रखकर पटाखों को बेचा जा रहा है। साथ ही पटाखों को खुले में न रखने पर भी दिशा निर्देश जारी किए गए है, इसका भी कोई पालन नहीं कर रहा है। वहीं दूसरी ओर थाने भी बारूद के ढेर पर है, जहां पकड़ी गई आतिशबाजी को माल खाने रखा गया है।

नियमों का पालन नहीं

जिमखाना मैदान में ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य कई तरह के पटाखों को भी बेचा जा रहा है। खास बात यह है कि इन दुकानदारों को लाइसेंस जारी करते वक्त लिखित में आदेश दिया गया है कि आतिशबाजी बॉक्स के अन्दर बंद करके रखी जाएगी। केवल नमूने के लिए आतिशबाजी की डमी बाहर रखी जाए। ग्राहक के पसंद करने के बाद ही आतिशबाजी बाक्स के अन्दर पैक करके बेची जाए, लेकिन इस नियम की धज्जियां पहले ही दिन उड़ा दी गईं। है। खुलेआम स्टाल पर सजाकर आतिशबाजी को बेचा जा रहा है। लाइसेंस बनने के बाद सभी नियमों की अनदेखी दुकानदार कर रहे है।

थानों में रखे पटाखे

अभी हाल ही में पुलिस ने अवैध रूप से पटाखा बनाकर बेचने वालों को दबोचा है। कोतवाली के तीरगरान में लाखों रूपये की आतिशबाजी पकड़ी थी। आतिशबाजी को कोतवाली थाने के माल खाने में रखा गया है। इसी के साथ-साथ भावनपुर, मवाना और रोहटा में भी अवैध रूप से बेची जा रही आतिशबाजी को पकड़ा गया था। करीब एक रोड़ रुपये कीमत की आतिशबाजी को पुलिस ने पकड़ा था। ये आतिशबाजी सभी थानों के माल खाने में आतिशबाजी रखी गई है। जाहिर है थाने में बारूद के ढेर पर है और मामूली चिंगारी भी हादसे का कारण बन सकती है। पांच फरवरी 2014 को सरूरपुर थाने में मालखाने की सफाई करते समय पटाखों में आग लग गई थी। पूरा मालखाना जलकर राख हो गया था।

दुकानदारों के लिए नियम

दुकानों के अस्थाई लाइसेंस बेचने के लिए भी पूरे नियमों का पालन मुख्य अग्निशमन अधिकारी द्वारा कराया जा रहा है। ग्रीन क्रैकर्स एवं कम आवाज करने वाले पटाखे की निर्धारित मात्रा में बेचा जाएगा।

रोशनी के लिए खुले चिराग, गैस लैंप, माचिस, लाइटर, आयल आदि आतिशबाजी स्थल पर वर्जित रहेगा।

आतिशबाजी बेचने की 50 मीटर की परिधि में दुकान के आसपास आतिशबाजी छोड़ना प्रतिबंधित रहेगा।

आतिशबाजी बॉक्स के अन्दर बंद करके रखी जागी। केवल नमूने के लिए आतिशबाजी की डमी बाहर रखी जाए।

यदि कोई ग्रीन पटाखों के साथ-साथ प्रतिबंधित पटाखे भी बेच रहा है तो ऐसे अस्थाई दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संबंधित थानों की पुलिस को कार्रवाई करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी

केवल दो ग्रेड में पटाखे बेचे जाने है, ग्रेड बी और ग्रेड सी। ग्रेड बी और सी दोनो ही ग्रीन पटाखे और हल्का नोइस है। यदि इनके अलावा कोई अवैध रूप से पटाखा बेच रहा है तो उनका लाइसेंस निरस्त कर पुलिस को कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

अजय तिवारी, एडीएम सिटी

पटाखों से हुए हादसे

5 फरवरी 2014

सरूरपुर थाने के मालखाने की सफाई करते समय पटाखों में आग लग गई थी पूरा मालखाना जल गया था।

21 मई 2010

शहर के तीरगरान गुदड़ी बाजार मोहल्ले में पटाखे बनाते समय विस्फोट में चार लोगों की मौत हुई थी। पूरा मकान जमींदोज हो गया। दो अन्य मकान भी क्षतिग्रस्त हुए थे।

8 अक्टूबर 2009

जानी थाने के सामने ही एक मकान में पटाखों के जखीरे में विस्फोट में एक युवक की मौत हुई थी और दो युवक घायल हुए थे।

1994

तीरगरान में ही पटाखों के जखीरे में आग लगने से पांच लोगों की मौत हो गई थी।

Posted By: Inextlive