Meerut। समाजवादी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में हाथ से निकल गईं सीटें पाने के लिए उन्हीं चुनाव में हार चुके उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, कारण पार्टी को इस बार समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं।

सरधना सबसे रोचक

इनमें सबसे महत्वपूर्ण है सरधना सीट, जहां सपा ने 48 हजार वोट लेकर पिछली बार तीसरे नंबर पर रहे अतुल प्रधान को एक बार फिर मैदान में उतारा है। इस सीट पर भाजपा के विधायक संगीत सोम हैं, जो राजनीतिक रूप से अतुल के कट्टर प्रतिद्द्वी माने जाते हैं। इस बार भी अतुल की दावेदारी हाल ही में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से ज्यादा मजबूत हुई है, जहां अतुल ने अपनी पत्नी सीमा प्रधान को संगीत के उम्मीदवार के मुकाबले जीत दिलाई। गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर को दरकिनार करते हुए अतुल की पत्‍‌नी सीमा प्रधान को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित किया गया था। करीब 4 महीने पहले ही सरधना सीओ का ट्रांसफर कराने को लेकर भी संगीत सोम और अतुल प्रधान आमने-सामने आ गए थे। उल्लेखनीय है कि अतुल प्रधान पर समाजवादी पार्टी पूरी तरीके से मेहरबान है। पिछले विस चुनाव में हार के बाद भी अतुल को सपा ने युवजन सभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।

शहर में भी पुराना दांव

शहर विधानसभा सीट पर रफीक अंसारी पर भरोसा जताने का कारण यहां हिन्दू और मुस्लिम वोटों का समीकरण है। लंबे समय तक सभासद और सपा के महानगर अध्यक्ष रह चुके रफीक अंसारी पिछले विधानसभा चुनाव में 61 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे। इस सीट पर वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेयी विधायक हैं।

दक्षिण में मुस्लिमों पर नजर

मेरठ दक्षिण सीट पर आदिल चौधरी एक बार फिर से सपा की पसंद बने हैं। मतदाता के हिसाब से यह सीट मुस्लिम बाहुल्य है। वर्तमान में यहां भाजपा से रविंद्र भड़ाना विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में खरखौदा, मेरठ कैंट के क्षेत्र को काटकर मेरठ दक्षिण नई सीट बनाई गई थी।

कैंट में नया चेहरा

मेरठ कैंट सीट पर सपा ने सरदार परविंद्र सिंह को टिकट दिया है। इस सीट पर छह बार से भाजपा का ही कब्जा है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने अधिवक्ता अनिश बख्शी को यहां से चुनाव मैदान में उतारा था।

Posted By: Inextlive