सेनेटाइजेशन में फूल रहा निगम का दम
मात्र 19 टैंकरों के भरोसे शहर की सैनिटाइजेशन व्यवस्था,
30 अप्रैल तक मात्र 10 हजार लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइड नगर निगम ने आपूर्ति के लिए निकाला गया टेंडर Meerut। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में शहर को सुरक्षित रखने का जिम्मा फिर से स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के हाथ में है। दोनो ही विभाग अपनी अधूरी तैयारियों के साथ कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। निगम ने शहर के 90 वार्डो को सेनेटाइजेशन के लिए मात्र 19 टैंकर लगाए हैं जबकि सेनेटाइजेशन के लिए जरूरी दवा सोडियम हाइपो क्लोराइड भी तेजी से खत्म हो रही है। 19 टैंकर और 90 छोटी मशीनशहर के 90 वार्डो को सेनेटाइज करने के लिए नगर निगम ने तीनों डिपो में 19 टैंकरों को सेनेटाइजेशन के लिए लगाया हुआ है। एक टैंकर में 3 हजार लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइड का घोल तैयार कर वार्ड के मकान, पार्क, गली, दुकानें सेनेटाइज हो रही हैं। जबकि वार्ड की संकरी गलियों के लिए करीब 90 यानि प्रत्येक वार्ड में मात्र एक कंधे पर लटकाने वाली छोटी सेनेटाइजेशन मशीन सुपरवाइजरों को दी हुई है। इन मशीनों से संकरी गलियों में मकानों की छतों आदि पर निगम सेनेटाइजेशन करा रहा है।
मात्र खानापूर्तिनिगम की व्यवस्था भी इस कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच कम साबित हो रही है। शहर की 20 से 22 लाख की आबादी के हिसाब से यह व्यवस्था महज खानापूíत साबित हो रही है। वार्ड के कुछ प्रमुख क्षेत्रों बाजारों को सेनेटाइज कर अभियान पूरा कर दिया जाता है जबकि अधिकतर मकान गलियों और बाजारों में अब तक सेनेटाइजेशन नही हुआ है।
खत्म हो रहा सामान सेनेटाइजेशन के लिए अति आवश्यक सोडियम हाइपो क्लोराइड भी तेजी से खत्म हो रहा है। इस माह के अंत तक मात्र 10 हजार लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइड बचा हुआ है, जबकि एक माह के लिए करीब 25 से 30 हजार लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइड की आवश्यकता है। शुरू हुई टेंडर प्रक्रिया हालांकि निगम ने 25 हजार लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइड खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन अभी यह टेंडर प्रक्रिया पूरा होने में एक सप्ताह से अधिक समय लग जाएगा। ऐसे में यदि इस माह के अंत तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नही हुई तो सेनेटाइजेशन की प्रक्रिया बंद हो सकती है। फैक्ट 19 टैंकर हैं 90 वार्ड के लिए 5 वार्ड में एक टैंकर से सेनेटाइजेशन 12000 मकानों पर एक टैंकरसोडियम हाइपो क्लोराइड के लिए टेंडर निकाला जा चुका है। जल्द दवा की आपूíत हो जाएगी। वहीं टैंकरों की संख्या बढाई जा रही है। इससे सेनेटाइजेशन अभियान तेज होगा।
डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी