Meerut। ढाई माह से 284 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी में फरार चल रहे मुय आरोपी संजय जैन को डीजीजीआइ मेरठ जोन की टीम ने सोमवार को दिल्ली मयूर विहार से दबोच लिया। बुधवार को उसे सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

एनसीआर में की थी छापेमारी

डीजीजीआइ (महानिदेशालय गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलीजेंस) की टीम ने दो दिसंबर को एनसीआर में कई स्थानों पर छापेमारी कर दो लोगों को गिरतार किया था। इस मामले में 8.11 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई थी। पूछताछ में जीएसटी चोरी में मास्टर माइंड संजय जैन का नाम सामने आया था। तभी से डीजीजीआइ की टीम संजय जैन की तलाश में लगी थी। अधिकारियों के मुताबिक 13 फरवरी को संजय जैन के घनिष्ठ सहयोगी को टीम ने ट्रैप कर पूछताछ की तो उसने उसके नेता जी प्लेस स्थित गुप्त कार्यालय का पता बताया। जहां पर छापेमारी कर 56 फर्मो से संबधित कागजात, रबर स्टैंप और अन्य प्रमाण मिले हैं। इनमें कई फर्म मेरठ के नाम पते पर बनी है। 1000 करोड़ रुपये के बिल संजय जैन ने उक्त फर्मों द्वारा जारी किए थे। जिसमें 284 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी सामने आई है। एक सूचना के आधार पर टीम ने 15 फरवरी को संजय जैन को उस समय दिल्ली मयूर विहार से गिरतार कर लिया जब वह अपने मित्र से मिलने आया था। पूछताछ में संजय जैन ने बताया है कि उसने आठ फर्म अपने स्वजन के नाम से बनाई हैं।

जारी करता था सीमेंट के बिल

सीमेंट पर जीएसटी 28 प्रतिशत है। संजय जैन ठेकेदारों और बिल्डरों को सीमेंट के फर्जी बिल बना कर देता था। जिन्हें दिखाकर ठेकेदार और बिल्डर आइटीसी समायोजन टैक्स नहीं देते थे। मेरठ की भी कई फर्मे रडार पर हैं। संजय जैन पर भी सड़क, सरकारी बिल्डिंग व लैट आदि बनाने वाली कंपनियों को फर्जी तरीके से 42 करोड़ की आइटीसी का लाभ दिलाने का आरोप है।

Posted By: Inextlive