सावन मास में इस बार बन रहा है अद्भुत संयोग

सावन का पहला सोमवार आज, घर पर ही महादेव की पूजा करेंगे भक्त

शहर में मंदिरों को खोलने के लिए प्रशासन ने नहीं दी अनुमति

Meerut। आज से सावन मास की शुरूआत हो रही है। सावन के पहले सोमवार को लेकर भक्तों ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। हालांकि, कोरोना की वजह से शहर के मंदिरों में भीड़भाड़ नहीं रहेगी। सावन मास में कई वर्षो बाद पांच सोम का खास योग बन रहा है, ज्योतिषों के अनुसार इसबार सावन माह में खास बात है कि सोमवार से शुरु होने वाले सावन माह का समापन भी सोमवार को ही होगा। कोरोना महामारी से बचने के लिए सावन मास के पांच सोम के श्रेष्ठ मुहूर्त को बहुत ही फलदायी माना जा रहा है, ज्योतिषों के अनुसार इन पंच सोम योग में सोमवार को महामृत्युंजय जाप करने से लाभ मिलेगा।

शिव आराधना से मिलेगा फल

श्रावण मास की पुराणों में बहुत ही महत्ता है। ये माह विशेषकर बाबा को प्रिय है, सावन माह में जितनी वर्षा होती है उतनी ही भगवान की कृपा होती है ऐसा माना जाता है। ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजन का यह महीना बेहद खास है। इस माह में पड़ने वाले मंगलवार का भी विशेष महत्व हैं, इस माह के सोमवारों को वन सोमवार कहा जाता है। श्रावण मास के मंगलवार को मंगला गौरी कहते हैं।

शिव की करें पूजा

ज्योतिषाचार्य समीर भटनागर के अनुसार शिव के इस अत्यधिक प्रिय मास में शिव आराधना का विशेष महत्व है। यह माह मनोकामनाओं का इच्छित फल प्रदान करने वाला होता है।

मंदिर तैयार, पर अनुमति नहीं

मेरठ में श्री बाबा औघड़नाथ मंदिर में हर साल करीब पांच लाख व बिल्वेश्वरनाथ मंदिर में हर बार करीब तीन लाख कांवडि़ए जल चढ़ाने के लिए आते हैं, लेकिन इस बार वायरस की वजह से कांवड़ यात्रा को रद किया गया है। इधर मंदिरों को खोलने के लिए मंदिरों में सेनेटाइजेशन का इंतजाम किया गया है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाए है, सेनेटाइजेशन भी मंगाया गया है, लेकिन शासन की अनुमति नही है, दरअसल इस संबंध में औघड़नाथ मंदिर कमेटी ने भी इस संबंध में डीएम से मुलाकात की। लेकिन ऊपर से निर्देश न होने की वजह से मंदिर खोलने की अनुमति नही दी गई, इसलिए मंदिर समिति के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि मंदिर तो नहीं खोला जाएगा, केवल कपाट खोले जाएंगे जो सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक खुलेंगे। रात को आठ बजे तक खुलेंगे, केवल बाहर से भक्त दर्शन करके जा सकते है मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। श्री बिल्वेश्वरनाथ मंदिर के पुजारी हरिशचंद्र जोशी ने बताया कि मंदिर बंद होने के कारण इसबार दर्शन नहीं हो पाएंगे, प्रशासन की अनुमति नहीं है

शिव का कैसे करें पूजन

इस व्रत में भगवान शिव का पूजन करके एक ही समय भोजन करें।

शिव एवं माता पार्वती का ध्यान कर शिव का पंचाक्षर मंत्र का जाप करें।

प्रत्येक सोमवार को गणेशजी, शिव जी, पार्वती जी तथा नंदी की पूजा करें।

शिव जी की पूजा में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद पंचामृत , कलावा, वस्त्र, यज्ञोपवीत, चंदन, रोली, चावल, फूल, बिल्व पत्र, दूर्वा आक, धतूरा, कमलकट्टा, पान, सुपारी, लौंग इलाइची, पंच मेवा, धूप दीप, दक्षिण सहित पूजा करने का विधान है।

कपूर से आरती करके भजन, कीर्तन, और रात्रि जागरण भी करना चाहिए।

पूजन के बाद रुद्राभिषेक भी करना चाहिए,

हर सोमवार को पूजा का समय

प्रात- 5.40 से 7.20

9.20 से 10.45 अमृत एवं शुभ के चौघडि़यां मुहूर्त में

दोपहर 3.45 से शाम 7.15 तक लाभ अमृत में चौघडि़यां

पहला सोमवार : 6 जुलाई

नंदा तिथि, सभी शुभ कार्यो के लिए उतराषढ़ा नक्षत्र, शुभ फल देने वाला, वैधृति योग, सर्वाथसिद्धि योग एवं अमृत योग

दूसरा सोमवार: 13 जुलाई

अष्टमी जया तिथि विजय दिलाने वाला, रेवती नक्षत्र, शुभ फल देने वाला सुकर्मा योग

तीसरा सोमवार : 20 जुलाई

पूर्ण तिथि कार्य पूर्ण करने का कार्य सिद्धी करने वाला , स्वार्थसिद्धी योग, अमृत योग सिद्ध, हस्त नक्षत्र शुभ फल देने वाला

चौथा सोमवार: 27 जुलाई

अष्टमी तिथि व्रत का फल, चित्रा नक्षत्र शुभ फल देने वाला, साध्य योग तुलसी दास जयंती

पांचवा सोमवार: 3 अगस्त

बेहद खास, पूर्णा तिथि कार्य पूर्ण करने वाला योग, उतराषढ़ा नक्षत्र श्रवण नक्षत्र, शुभ फल देने वाले, प्रीति, आयुष्मान शुभ योग, रक्षा बंधन गायत्री जयंती

Posted By: Inextlive