-विचारकों ने वर्तमान पर्यावरण को बताया खतरा

-मिट्टी, जल और वायू भी बनें राजनीतिक मुद्दे

Meerut: इस्माईल नेशनल महिला महाविद्यालय में पर्यावरण गोष्ठी का आयोजन किया गया। गांधी अध्ययन केंद्र, महाविद्यालय और जागरुक नागरिक एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में गांधी जी एवं पर्यावरण संरक्षण विषय पर आयोजित गोष्ठी में विचारकों ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की। इस दौरान विचारकों ने प्राकृतिक संसाधनों को लेकर राजनीति दलों की खिंचाई की।

छेड़छाड़ भविष्य के लिए खतरा

गांधी जी और पर्यावरण संरक्षण गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पधारे सीसीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति एनके तनेजा ने प्रकृति के साथ हो रही छेड़छाड़ को भविष्य के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि भौतिकवाद और निजी स्वार्थ में यदि ऐसे ही प्रकृति का दोहन होता रहा, तो वह दिन दूर नहीं जब मनुष्य को इसकी कीमत अपने प्राणों से चुकानी होगी। पर्यावरणविद अनिल जोशी ने प्रदूषण को कैंसर की उपाधि देते हुए उसको लाइलाज बीमारी बताया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण हित में सरकारें मौन हैं, जिसके लिए हम सब जिम्मेदार हैं। पर्यावरणविद ने कहा कि अब जल और वायू जैसे अहम विषय राजनीतिक मुद्दे बनाने चाहिए। और जनता को चाहिए कि इन्हीं मुद्दों के आधार पर सरकार के चुनें।

बोतल कल्चर से बचें

पर्यावरणविद अनिल जोशी ने कहा कि हिन्दुस्तान में पूरी तरह से बोतल कल्चर हावी हो चुकी है। पुराने समय में नलों से मुंह लगाकर पानी पिया करते हैं और आज नल का पानी पीने से बीमारियां होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि सेलीब्रेटी इस समस्या पर विचार करने की बजाए प्यूरीफाइर और आरओ का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिट्टी कैंसर की चपेट में आ चुकी है। अधिक पैदावार के चक्कर में हमने इतनी कीटनाशक जमीन को पिला दी हैं कि मिट्टी को घातक बीमारियों ने जकड़ लिया है। वर्तमान के आधार पर वायू प्रदूषण का भविष्य इतना खराब है कि आने वाले दिनों में पानी की बोतल के साथ मनुष्य को ऑक्सीजन का सिलेंडर भी साथ लेकर चलना होगा।

डॉक्यूमेंट्री दिखाकर किया प्रेरित

गोष्ठी के दौरान गांधी शांति प्रतिष्ठान के वक्ता प्रभात झा ने डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से जल समस्या पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कैनोपी हार्वेस्टिंग व फार्म पाउंडिंग के माध्यम से जल स्तर संतुलन बनाया जा सकता है। जागरुक नागरिक एसोसिएशन के महामंत्री गिरीश शुक्ला ने जल समस्या को ही तीसरे विश्व युद्ध का कारण बताया। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी प्रभात राय ने युवाओं से पर्यावरण अभियान चलाने की अपील की। इस मौके पर प्राचार्या प्रोफेसर इंदु शर्मा, डॉ। शिवाली अग्रवाल, डॉ। मंजूलता, डॉ। शगुफ्ता आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive