कैंट में घर-घर सीवर लाइन बिछाने का दावा फेल तीन वार्ड में बीते साल पायलेट प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुई थी योजना 6 साल से अधूरा पड़ा है घर-घर सीवर कनेक्शन देने का दावा

मेरठ । वैसे तो कैंट बोर्ड को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक मिलती है। साफ-सफाई के दावे भी होते हैं। कई योजनाएं बनती हैं। बावजूद इसके, यहां पर सीवर लाइन की सुविधा आज तक ख्यालों में ही है। ऐसा नही हैं कि इसके लिए काम नहीं हुआ, कई बार हुआ, लेकिन कुछ तकनीकि दिक्कतों के कारण छह साल बीतने के बावजूद घर-घर सीवर लाइन कनेक्शन देने के दावे फेल हो गए। बीते साल कैंट बोर्ड ने तीन वार्डों यानि 4-5 और 6 में कनेक्शन देने का कार्य शुरू किया, लेकिन सालभर बीतने के बावजूद पूरा नहीं हो सका। कैंट क्षेत्र में सीवर लाइन प्रॉब्लम को समझने और उसके बिंदुओं को टटोलने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सात दिवसीय कैंपेन &आपका सीवर पाइपलाइन में है&य की शुरूआत की है।

2018 में हुई थी शुरूआत
गौरतलब है कि कैंट क्षेत्र में सीवर लाइन कनेक्शन देने के प्रोजेक्ट की शुरूआत साल 2018 में हुई थी। इसके पहले फेज में कैंट के तीन वार्ड यानि 4-5 और 6 के कुछ हिस्सों में सीवर लाइन बिछाई गई थी। इसके तहत करीब 9 किमी सीवर लाइन बिछी। दो साल करीब 8 करोड़ रुपए की लागत से कार्य पूर्ण भी हो गया। सेकेंड फेज की डीपीआर भी तैयार थी। कैंट बोर्ड के मुताबिक 750 से 1500 रुपए प्रति कनेक्शन फीस रखी गई थी। प्रति महीने 50 रुपए का उपयोग शुल्क भी देने थे। पर कनेक्शन की प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ सकी। वैसे तो साल 2022 तक कैंट के आठों वार्ड में सीवर लाइन कनेक्शन देने का टारगेट था। हालत यह है कि अब 2024 तक भी यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है।

किसी भी वार्ड में कनेक्शन नहीं
स्थिति यह है कि कैंट के सभी आठ वार्ड में अभी तक सीवर लाइन कनेक्शन नहीं है। पहले फेज में तीन वार्ड 4-5 और छह चयनित हुए थे। एक साल पहले इनमें सीवर लाइन बिछाई गई। दावा था कि पांच माह के भीतर इन वार्डों में हर घर में कनेक्शन दिया जाएगा। इसके तहत कैंटवासियों ने अप्लाई भी किया था। यही नहीं, एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने पर अन्य 1, 2, 3, 7 और आठ वार्ड में भी कनेक्शन देने की प्लानिंग थी, लेकिन यह दावा अधूरा रह गया। कैंट के इन तीनों वार्डों में तकरीबन 32 हजार कनेक्शन हैं। इसके तहत महज 107 आवेदन ही भर सके हैं।
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ये आ रहीं मुख्य समस्याएं
1- कनेक्शन को जोडऩे वाले सॉफ्टवेयर का रूट ही काम नहीं कर रहा है।

2. नगर निगम में कुछ एरिया जाना है, इस करके भी इस प्रक्रिया को अभी रोका गया है।
3. आवेदन फार्म में हाउस टैक्स का कॉलम है, जो केवल मुखिया ही भर सकता है। ऐसे में मुखिया की मौत पर होने पर दिक्कत है।

4. ऐसे में लोगों के नाम हाउस टैक्स तभी हो पाएंगे जब रजिस्ट्री खुलेंगी।

5. वहीं, आचार संहिता के कारण आगे की प्रक्रिया पर अभी विभाग कुछ काम नहीं कर पा रहा है।
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यह है तय शुल्क
चार माह तक कनेक्शन लेेने पर- कोई शुल्क नहीं है

चार से आठ माह के भीतर कनेक्शन लेने पर - 750 रुपए

आठ माह के बाद - एकमुश्त 15 सौ रुपए

रोड कटिंग शुल्क- 1166 रुपए प्रति मीटर

उपयोग शुल्क - 50 रुपए प्रतिमाह
कनेक्शन लेने में यह आई मुश्किल
गौरतलब है कि बीती 4 अप्रैल को पहली बार कैंट बोर्ड ने सीवर लाइन कनेक्शन के लिए कैंप लगाया था। इसके तहत लोगों में उत्साह भी था। पर तकनीकी कारणों से लोगों को कनेक्शन लेने में दिक्कत आ गई। कारण था कि कनेक्शन के लिए अप्लाई करने वालों में से 40 प्रतिशत लोगों के नाम हाउस टैक्स नहीं था। इस ऑप्शन को आवेदन में भरना था। ऐसे में वो हाउसटैक्स अपने नाम न होने की वजह से आवेदन नहीं कर सके। हालांकि, कुछ लोगों ने ऑनलाइन अप्लाई किया है उनको भी कनेक्शन नहीं मिल पाए है।
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हाउस टैक्स के कॉलम की दिक्कत
वैसे कैंट क्षेत्र में 40 हजार ऐसे लोग है। जिनके घर के मुखिया की डेथ हो गई है। ऐसे में उनके बच्चों के नाम पर अभी तक मकान नहीं हो पाए हैं। हालांकि, अभी 2015 के आसपास म्युटेशन प्रक्रिया के तहत मकान नाम करवाने के लिए करीब दो हजार लोगों ने आवेदन किए थे, लेकिन उस समय बोर्ड के सदस्यों की सदस्यता भंग हो हुई। अब यह हिस्सा निगम क्षेत्र में आएगा। इस कारण यह प्रक्रिया भी अधर में है।

सॉफ्टवेयर की भी प्रॉब्लम
वैसे एक प्रॉब्लम रूट चेक करने वाले सॉफ्टवेयर की भी है। कैंट में अगर घर से सीवर लाइन खंभे तक या आसपास कहीं जानी है। तो उसको बिछाने के लिए कनेक्शन का रूट चेक करने के लिए साफ्टवेयर तैयार किया गया था। अब वो भी काम नहीं कर रहा है।
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सीवर कनेक्शन जल्द ही शुरू कर दिए जाएंगे, पहले तीन वार्डो में कनेक्शन होंगे। इसके बाद बाकी वार्डो पर विचार किया जाएगा। फिलहाल तीन वार्डो का ट्रायल है, जल्द ही कनेक्शन लगाने की प्रक्रिया बढ़ाई जाएगी।
ज्योति कुमार, सीईओ, कैंट बोर्ड

Posted By: Inextlive