शादियों के सीजन और ईद के बीच भी नही हो रही बाजारों में खरीदारी

स्कूल बंद होने से यूनिफार्म का कारोबार भी हो गया ठप

280 से अधिक छोटे-बडे़ शोरुम्स पर सन्नाटा पसरा

4 हजार से अधिक शोरूम में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन पर संकट

150 बडे़ और करीब 130 के करीब छोटे गारमेंट शोरूम हैं शहर में

4 से 5 करोड़ रुपये प्रतिदिन सेल वाले इस सेक्टर पर कोरोना का साया

40 करोड़ का गारमेंट कारोबार 4 करोड़ पर सिमटने की आशंका

Meerut। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने शहर के सभी छोटे-बडे कारोबार और व्यापार को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ऐसे में शहर का प्रमुख गारमेंट सेक्टर भी कोरोना की मार से अछूता नहीं है। गत वर्ष शादियों के सीजन में लॉकडाउन ने गारमेंट सेक्टर की कमर तोड़ दी थी। मगर इस साल की शुरुआत के साथ ही व्यापारियों को अच्छे सीजन की उम्मीद बंधी थी। मगर कोरोना की वजह से शादियों के सीजन के साथ ईद के त्योहार के बावजूद सब कुछ चौपट हो गया है।

बाजार में पसरा सन्नाटा

कोरोना की दूसरी लहर के कारण शहर के करीब 280 से अधिक छोटे-बडे़ शोरुम्स पर सन्नाटा पसरा हुआ है। शादियों के सीजन के बाद स्कूल यूनीफार्म से लेकर ईद का बाजार पूरी तरह फ्लॉप चल रहा है। ऐसे मे इन शोरूम पर काम करने वाले 4 हजार से अधिक कर्मचारियों के वेतन पर भी अब संकट मंडराने लगा है।

करोड़ों का कारोबार ठप

शहर मे करीब 150 बडे़ और करीब 130 के करीब छोटे गारमेंट शोरूम हैं। इनमे साडि़यों से लेकर किड्स वियर, मैन वियर और लेडिज गारमेंट आदि के शोरूम शामिल हैं। शहर मे गारमेंट कारोबार की प्रति दिन सेल पर नजर डाले तो आम दिनों में रोजाना 1 से सवा करोड़ और सीजन मे 4 से 5 करोड़ रुपये प्रतिदिन सेल वाले इस सेक्टर पर कोरोना का साया छा गया है।

करोड़ों का माल होल्ड

अप्रैल, मई और जून माह की बात करें तो इन महीनों में आमतौर पर शादियों की सीजन को मिलाकर 30 से 40 करोड़ का कारोबार होता है। इसी बाबत व्यापारियों ने जनवरी माह से ही नए आर्डर देकर माल भरना शुरू कर दिया था। लाखों-करोड़ों रुपये के आर्डर कोरोना संक्रमण के कारण अधर में अटक गए हैं। शादियों के कैंसिल होने के कारण माल शोरूम से माल की बिक्री बंद हो गई है। जिसके चलते इस सीजन में कोरोना के कारण भारी नुकसान यानी करीब 40 करोड़ का गारमेंट करोबार 4 करोड़ के आसपास सिमट जाने की आशंका कपड़ा व्यापारी जता रहे हैं।

ईद पर मार्केट फ्लॉप

शादियों के सीजन के साथ इस माह अब ईद के दिन होने वाली 10 से 12 करोड़ के व्यापार की खुशियां भी कोरोना के चलते चिंता बनकर व्यापारियों को सताने लगी है। ईद के लिए बडे़ शोरूम से लेकर छोटे बाजारों में माल भरा हुआ है। यदि संक्रमण इसी गति से बढ़ा और वीकेंड या कंप्लटी लॉकडाउन लग गया तो व्यापारियों का माल फंस जाएगा और करोड़ों का नुकसान व्यापरियों को झेलना पड़ सकता है।

स्कूल भी ऑनलाइन

वही स्कूल ऑनलाइन होने के कारण बच्चों की यूनीफार्म की खरीद भी जीरो हो गई है। इससे भी व्यापरियों पर दोहरी मार पड़ रही है। दरअसल, नए सीजन के तहत जनवरी में ही व्यापरियों ने साधारण हालातों को देखते हुए स्कूल खुल जाने की उम्मीद में लाखों के यूनिफा‌र्म्स के ऑर्डर किए थे। मगर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण स्कूल खुलने की बजाए ऑनलाइन तक सीमित हो गए।

एक नजर में

150 - शहर मे गारमेंट के बड़े शोरुम

130 से 140 - शहर मे गारमेंट के छोटे शोरूम

20 से 25 - करोड़ का नुकसान लेडीज गारमेंट को

70 से 80 - करोड़ करीब का नुकसान हुआ था गत वर्ष लॉकडाउन से

4 से 5 - हजार कर्मचारी गारमेंट व्यापार से जुड़े हैं

यहां से होता इंपोर्ट

मुंबई

दिल्ली

कोलकाता

लुधियाना

सूरत

शहर का प्रमुख गारमेंट बाजार

शारदा रोड

आबूलेन

बेगमपुल

शास्त्रीनगर

लालकुती

सदर बाजार

वैली बाजार

कोरोना संक्रमण के कारण पिछले साल का नुकसान अभी तक पूरा नही हो पाया है और अब एक बार फिर व्यापार थमने लगा है। इस सीजन के लिए जो करोड़ों रुपए का माल एडवांस में मंगाया गया था वह जस का तस गोदामों में रखा हुआ है। ग्राहकों की संख्या लगातार कम हो रही है।

अमित अग्रवाल, अध्यक्ष, साड़ी एसोसिएशन

हमारे कारोबार का पूरा एक सीजन पिछले साल लॉकडाउन की वजह से फ्लॉप हो गया था। अब इस साल शादियों के कैसिंल होने का सिलसिला शुरू हो गया है। सेल 20 प्रतिशत पर सिमट कर रह गई है। ग्राहक लगातार कम हो रहा है और आगे सेल कितनी रहेगी कहा नही जा सकता।

मनीष आहूजा, आहूजा गारमेंट शोरूम

तीन दिन के नाइट क‌र्फ्यू के कारण शादियों का सीजन भी हमारे लिए नाखुश करने वाला ही रहा है। नया माल तो दूर जो माल पिछले साल लाया गया था वह तक होल्ड पर है। हम तो बस यही चाह रहे हैं कि लॉकडाउन न लगे तो धीरे-धीरे ही सही पर व्यापारी अपना खर्च तो निकल ही लेंगे।

महिपाल सिंह, महामंत्री, सेंट्रल मार्केट एसोसिएशन

Posted By: Inextlive