एमबीबीएस प्रकरण में सीसीएस यूनिवर्सिटी पहुंची एसआईटी

गेस्ट हाउस में रुकी है टीम, 31 कर्मचारियों के लिए जाएंगे बयान

Meerut। मार्च 2018 में सामने आए एमबीबीएस कॉपी घोटाले में यूनिवर्सिटी की ओर से जांच चल रही है, लेकिन गुरुवार को अचानक एसआईटी टीम सीसीएसयू पहुंच गई। बता दें कि एमबीबीएस कॉपी घोटाले में 31 कर्मचारियों को एसआईटी की ओर से हाल ही में नोटिस भेजा गया था। जिनको अपने बयान दर्ज कराने के लिए लखनऊ जाना था,लेकिन अचानक से एसआईटी टीम मेरठ यूनिवर्सिटी पहुंची। बताया जा रहा है कि 29 कर्मचारियों के अब बारी बारी से बयान लिए जाएंगे। करीब 2 साल पहले एमबीबीएस की कॉपियों की अदला-बदली के मामले में एसआईटी अभी जांच कर रही है। इस मामले में एक बार फिर से यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों से पूछताछ करने के लिए एसआईटी की टीम मेरठ पहुंची है।

कर्मचारियों को नोटिस

इसके लिए 2015 से 2018 के बीच में गोपनीय विभाग और परीक्षा विभाग में तैनात सभी कर्मचारियों को नोटिस दिया गया था,लेकिन कोरोना को देखते हुए,कर्मचारियों और यूनिवर्सिटी की मांग पर एसआईटी की टीम खुद मेरठ आकर कर्मचारियों से बयान दर्ज करने का फैसला लिया। अचानक से यूनिवर्सिटी में पहुंची गेस्ट हाउस में रुकी है। जहां बारी बारी से कर्मचारियों के बयान लिए जा रहे है।

सेमेस्टर के बाकी एग्जाम कराने को लेकर शासन ने गाइडलाइन जारी की है। एग्जाम कराने को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है, जो परीक्षा कराने की तैयारियों को देखेगी।

छह को होगी परीक्षा की डेट तय

इस मीटिंग में एग्जाम कराने की चर्चा तो हुई, समिति को एग्जाम कराने की तैयारियां देखने की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन एग्जाम की डेट फाइनल नही हो पाई है, छह अगस्त को कायपरिषद की मीटिंग होनी है। उसमें तय किया जाएगा की परीक्षा कब से होनी है और कैसे।

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चार कर्मचारी निलंबित

यूनिवर्सिटी ने दो साल पहले एमबीबीएस की कॉपियों के बदलने के मामले में आरोपी दो स्टूडेंट का रिजल्ट रोक दिया था। साथ ही उन पर यूएफएम के तहत कार्रवाई की गई थी.इसके बावजूद भी दोनों स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी में परीक्षा फॉर्म भरते रहे और उनके रिजल्ट भी घोषित हो गए। जानकारी मिलने पर वीसी ने दोनों स्टूडेंट का रिजल्ट निरस्त कर दिया और इस मामले में चार कर्मचारियों को सस्पेंड भी कर दिया। अब एसआइटी इन चार कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है, हालांकि इन चारों कर्मचारियों का कहना है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं जिस विभाग में रिजल्ट घोषित करने की जिम्मेदारी है उसमें वे थे ही नहीं। इसके बाद से अब विभाग के 31 कर्मचारियों के बयान होने थे, इसको लेने के लिए गुरुवार को टीम पहुंची है, कुछ लोगो से बात भी की है, हालांकि अभी बारी बारी करके सभी के बयान होने है इसलिए टीम रहेगी, बाकी कब तक रहेगी इसकी जानकारी नहीं दी गई है, प्रोवीसी वाई विमला से जब इस बारे में बात की तो उन्होनें कहा कि टीम की जानकारी नहीं थी अचानक से टीम आई है, ये सब गोपनीय होता है, इस बारे में टीम अपने तरीके से जांच कर रही है।

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एमबीबीएस के 12 स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोका

मेरठ। हाल ही में मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में दो साल पहले हुई एमबीबीएस की परीक्षा में कॉपी घोटाले के मामले में दो स्टूडेंट्स का यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट रोका है। इस मामले में एसआईटी की टीम भी मेरठ में जांच कर रही है। ऐसे में गुरुवार को परीक्षा समिति की बैठक में एक और बड़ी कार्रवाई की। परीक्षा समिति की ओर से नकल करने वाले 12 एमबीबीएस के स्टूडेंट का रिजल्ट रोका गया। इस संबंध में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठन किया गया। कार्यपरिषद में कमेटी इस मामले में बाकी रिपोर्ट देगी, इस कमेटी में प्रोवीसी, न्यायिक अधिकारी व सदस्य तीन लोगो को जिम्मेदारी सौपी गई है।

तो देना होगा शुल्क

बैठक में कालबाधित स्टूडेंट के लिए भी निर्णय लिया गया। इसके तहत दो साल का चार साल में, तीन साल का छह, चार साल का आठ में पांच का आठ साल में पूरा करने का समय स्टूडेंट को दिया जाता है, लेकिन अगर कोई स्टूडेंट इस समय में भी कोर्स पूरा नहीं कर पाता है तो उसे अगर एक साल ओर एक्स्ट्रा चाहिए तो ऐसे में उसको एक साल के पांच हजार व दो साल के दस हजार अतिरिक्त फीस देकर मौका दिया जा सकता है। इस संबंध में भी कमेटी का गठन किया गया है।

सभी को दी जिम्मेदारी

परीक्षा से लेकर रिजल्ट निकालने तक की सभी विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों की अब जिम्मेदारी होगी। वीसी प्रो। तनेजा ने कहा कि जब सबकी अपनी जिम्मेदारी होगी तो गलती की संभावना कम होगी, इस संबंध में भी एक समिति बनाई है जो तीन हफ्ते में सभी की जिम्मेदारी तय करेगी। समिति में प्रो। एमके गुप्ता संकायाध्यक्ष विज्ञान, प्रो। एसएस गौरव संकायाध्यक्ष कृषि, डॉ। अंजली मित्तल संकायाध्यक्ष विधि, परीक्षा नियंत्रक है। समिति तीन हफ्ते में तय करेगी किसकी क्या जिम्मेदारी है।

पांच कॉलेजों को दिया समय

बीएड के प्रैक्टिकल के नम्बर न अपलोड होने पर ऐसे पांच कॉलेजों ने फरवरी 2019 में रिजल्ट घोषित कर दिया था। अब ऐसे कॉलेजों को एक दिन का समय दिया है। इसके साथ ही कार्य परिषद की जवाबदेही भी तय की जाएगी।

ऑनलाइन होगा वायवा

कुछ कोर्स के प्रैक्टिकल बाकी थे ऐसे कोर्स के वायवा को ऑनलाइन लिया जाएगा, कोरोना काल के मद्देनजर ऑनलाइन वायवा का फैसला लिया गया है।

गाइडलाइन के आधार पर परीक्षा

Posted By: Inextlive