सीसीएसयू के एमबीबीएस परीक्षा में कॉपी बदलने के मामले में एसआईटी की टीम फिर से तथ्यों को खंगालने में जुट गई है। इसको लेकर जांच में जुटी यूपी एसआईटी की टीम ने 57 अधिकारी व कर्मचारियों से फिर से सवाल-जवाब करने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं इस बाबत टीम ने अब यूनिवर्सिटी से वह निश्चित समय मांगा है जिस दिन सभी कर्मचारी और अधिकारी बातचीत के लिए उपस्थित हो सकते हैैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि टीम अगले महीने यूनिवर्सिटी आकर कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है।

मेरठ, (ब्यूरो)। जानकारी के मुताबिक बता दें कि टीम द्वारा कर्मचारियों से राइटिंग लिखवाई जाए या फिर उनसे अलग-अलग बात कर बयान चेक किए जाएं। अलग तरह के सवाल करके भी जवाबों का मिलान किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ रिकॉर्ड भी टीम कर्मचारियों से मांग सकती है।

उठ सकता है पर्दा
एसआईटी ने एमबीबीएस के खेल से पर्दा उठाने के लिए अपनी जांच को तेज किया है। टीम निरंतर सवाल जवाब व तथ्यों को जुटाने में लगी है। ऐसा बताया जा रहा है कि जिस तरह से इस बार टीम ने सख्ती के साथ यूनिवर्सिटी से बातचीत की है, शायद इस बार कुछ बड़ा खेल सामने आ सकता है। इस घोटाले की कहानी में शायद कई बड़े अधिकारी भी फंस सकते हैैं। इस मामले में पिछले साल दिसम्बर में भी टीम तीन दिनों के लिए मेरठ आई थी, उस समय टीम कई रिकॉर्ड व तथ्यों को जुटा कर ले गई थी। टीम ने कर्मचारियों से तब भी बातचीत की थी।

ये था पूरा मामला
2018 में मेरठ एसटीएफ ने यूनिवर्सिटी कैंपस कविराज को गिरफ्तार करते हुए दावा किया था कि एमबीबीएस परीक्षा के बाद कॉपियां बाहर लिखवाकर बदली जा रही हैं। एसआईटी ने यूनिवर्सिटी कैंपस केकर्मचारी और मेडिकल के छात्रों सहित आठ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। यूनिवर्सिटी से 181 संदिग्ध कॉपियां भी जब्त की थीं। एसटीएफ का दावा है कि इन सभी कॉपियों में टेंपरिंग की गई थी। बाद में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच राज्य स्तरीय एसआईटी को सौंप दी। इसके बाद इस मामले में टीम अभी तक चार बार मेरठ आ चुकी है और दो बार कर्मचारियो को जांच के लिए लखनऊ बुला चुकी है, इसके बावजूद भी अभी तक यह मामला सॉल्व नहीं हो पाया है, इस मामले में अब एक बार दोबारा से टीम जांच के लिए कर्मचारियों से बात करने की तैयारी में हैं।

यूनिवर्सिटी ने नाम भेज दिए है। कर्मचारियों से बातचीत के टाइम की जानकारी दी जा रही है। बाकी टीम क्या करेगी, इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। ये एसआईटी का मामला है, इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता है।
धीरेंद्र कुमार वर्मा, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive