डाक्टरों ने कहा, जिले में 360 सामान्य व 240 आइसीयू बेड की दरकार

बच्चों में 12 फीसद संक्रमण दर संभव, रोज भर्ती होंगे 60 मरीज

Meerut। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका डराने लगी है। प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने को कहा है। मेरठ में बाल रोग विशेषज्ञों ने तीसरी लहर के दौरान वायरल संक्रमण का विश्लेषण करते हुए प्रजेंटेशन दिया है। डाक्टरों के मुताबिक संक्रमण पीक पर पहुंचने पर मेरठ में 600 पीडियाट्रिक बेड की जरूरत पड़ेगी। यह प्रजेंटेशन प्रदेश सरकार को भेजा गया है।

पेश किया था खाका

जिलाधिकारी के बालाजी बाल रोग विशेषज्ञों के साथ कई दौर की बातचीत कर चुके हैं। गत दिनों बाल रोग विशेषज्ञ डा। अमित उपाध्याय ने पहली और दूसरी लहर के आधार पर तीसरी लहर के दौरान उभरने वाली परिस्थितियों का खाका पेश किया। डा। राजीव प्रकाश, डा। शिशिर जैन, डा। उमंग अरोड़ा व अन्य डाक्टरों ने बताया कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होगी, इसका कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन अगर लहर आई तो 8-12 फीसद तक बच्चे संक्रमित हो सकते हैं। मेरठ की जनसंख्या को 25 लाख मानकर बच्चों में संक्रमण का विश्लेषण किया गया है।

200 आइसीयू बेड जरूरी

डा। अमित ने बताया है कि दूसरी लहर में जिले में रोजाना मिलने वाले मरीजों की संख्या करीब ढाई हजार तक पहुंची। तीसरी लहर में यह संख्या रोजाना दस हजार तक पहुंच सकती है। इसमें 12 फीसद बच्चे होंगे, ऐसे में उनकी संख्या 1200 होगी। पांच प्रतिशत को भर्ती करने की जरूरत होगी, यानी 60 बच्चों को अस्पताल में बेड देना होगा। इसमें 40 सामान्य व 20 बेड आइसीयू-एचडीयू में होंगे। कुल मिलाकर बच्चों के लिए 400 वार्ड बेड और 200 आइसीयू-एचडीयू बेड तैयार करने होंगे।

600 बेड जरूरी

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। अमित उपाध्याय ने बताया कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कोई अंतर नहीं है, लेकिन तीसरी लहर को दूसरी से चार गुना तेज मान लें तो मेरठ में रोजाना करीब 1000-1200 बच्चे संक्रमित मिलेंगे। जिसमें पांच फीसद यानी 60 को ही भर्ती करना होगा। ऐसे में कुल 600 बेड जरूरी होगा, जिसमें 200 आइसीयू बेड होंगे।

50 बेड आईसीयू

मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ। विजय जायसवाल ने बताया कि मेडिकल कालेज में 110 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बन रहा है, जिसमें 50 बेड आइसीयू के होंगे। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग भी अस्पतालों में पीडियाट्रिक बेड बनाने को लेकर गंभीर है। कोरोना संक्रमित बच्चों में मल्टीपल इंफ्लामेटरी सिंड्रोम एक खतरनाक बीमारी देखी गई है। कोरोना के इलाज की नई थेरपी भी प्रयोग में लाई जाएगी।

Posted By: Inextlive