62 वें स्थान पर है अभी मेरठ की स्थिति

2526 वोट ही अभी तक मेरठ को मिले हैं

14 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जनता को देना है अपना फीडबैक

29 फरवरी तक फीडबैक की है अंतिम तिथि

17.38 प्रतिशत तक सीमित है अभी फीडबैक की स्थिति

14 दिनों में जनता का फीडबैक मात्र 2526 तक पहुंचा

14587 का टारगेट दिया गया है मेरठ को

90.24 फीसदी टारगेट एचीव कर चुका है गाजियाबाद

107.05 प्रतिशत टारगेट अचीव कर चुका है आगरा

24 प्रतिशत पर अटकी हुई है बरेली की स्थिति

Meerut। प्रदेश सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अपनी दावेदारी को मजबूत करना मेरठ के लिए भारी पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी के लिए ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स के तहत मेरठ नगर निगम से सिटीजन फीडबैक मांगा गया था, लेकिन इसमें निर्धारित टारगेट अचीव करना मेरठ के लिए मुश्किल हो रहा है। स्मार्ट सिटी के लिए जरुरी 14 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जनता को अपना फीडबैक देना है, लेकिन निगम के प्रचार प्रसार के अभाव में यह फीडबैक अभी मात्र 17.38 प्रतिशत तक सीमित है जबकि 29 फरवरी फीडबैक की अंतिम तिथि है। ऐसे में यदि इस फीडबैक का एवरेज भी कम रहा तो स्मार्ट सिटी की दौड़ में मेरठ पिछड़ सकता है।

1 से 29 फरवरी तक होगा सर्वे

स्मार्ट सिटी में शामिल मेरठ को पीपीपी मॉडल पर स्मार्ट सिटी बनाया जाना। इसके लिए ईज ऑफ लिविंग इडेक्स की तरफ से जनता से फीडबैक मांगा जा रहा। इसमें शहर की सफाई से लेकर शहर कितना रहने लायक है, शिक्षा और स्वास्थ्य की क्या स्थिति है, शहर में ट्रांसपोर्ट, पर्यावरण, प्रदूषण आदि से जुडे़ बिंदुओं पर जनता से सवाल पूछे गए हैं और इस सर्वे के आधार पर रिजल्ट तैयार होगा। यह सर्वे 1 फरवरी से 29 फरवरी तक होगा। इसके बाद फरवरी के अंतिम सप्ताह में टीम द्वारा जनता के बीच जाकर सर्वे किया जाएगा। लेकिन निगम स्तर पर इसके बारे में कोई प्रचार प्रसार नही किया गया है। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण की तरह स्मार्ट सिटी का फीडबैक भी अधर में अटका हुआ है।

14 दिन में मात्र 25 सौ हुआ फीडबैक

ईज ऑफ लिविंग की तरफ से शहर की सुविधाओं की स्थिति की जानकारी लेने के लिए शुरु हुए इस सर्वे में पिछले 14 दिनों में जनता का फीडबैक मात्र 2526 तक पहुंचा है, जबकि मेरठ को 14587 का टारगेट दिया गया है। टारगेट के अनुपात में करीब 14 दिनो में मेरठ ने मात्र 17.32 प्रतिशत फीडबैक अचीव किया है। वहीं अगर मेरठ के आसपास के जिलों की बात करें तो गाजियाबाद अपने टारगेट 18315 का करीब 16523 यानि करीब 90.24 प्रतिशत अचीव कर चुका है। वहीं आगरा अपने 17541 के टारगेट से भी आगे 188846 यानि 107.05 प्रतिशत अचीव कर चुका है। बरेली की स्थिति मेरठ की तरह मात्र 24 प्रतिशत पर अटकी हुई है।

स्मार्ट सिटी के लिए सर्वे है कि हमारे शहर में क्या क्या कमियां हैं और उन कमियों के आधार पर क्या क्या चीजों प्राथमिकता पर चाहिए। फीडबैक के लिए प्रचार कराया जा रहा है।

डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

Posted By: Inextlive